मंगलवार, 19 जुलाई 2011

नैनीताल को उत्तराखंड का पहला निर्मल नगर पुरस्कार

पुरस्कार के 50 में से पांच लाख के इनाम मिलेंगे सफाई कर्मियों को
नैनीताल (एसएनबी)। सरोवर नगरी को प्रदेश का पहला 'मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार' तथा इसके साथ 5 लाख रुपये की धनराशि मिलने से नगर पालिका में हर्ष का माहौल है। पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ने इस खुशी को आज सभासदों, पालिका कर्मियों व मीडिया के सम्मुख व्यक्त करते हुए प्राप्त धनराशि को खर्च करने की भावी योजना पेश की। बताया कि कई उपयोगी उपकरण खरीदे जायेंगे। 5 में से नियमानुसार 1 फीसद यानी पांच लाख रुपये तो सफाई कर्मियों को पुरस्कार स्वरूप दिये ही जायेंगे, शेष 45 लाख भी ठोस कूडा अपशिष्ट निवारण में ही खर्च होंगे, जिसका लाभ भी निश्चित ही सफाई कर्मियों को मिलेगा।
श्री जोशी ने प्रदेश सरकार से प्राप्त पुरस्कार को पूरी पारदर्शी प्रक्रिया से दिया गया बताते हुएे कहा कि प्राप्त धनराशि से हर सुपरवाइजर क्षेत्र के 1—1 सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मियों को उनके 'ट्रेक रिकार्ड' के आधार पर एक विशेष चयन समिति से चयनित कर पुरस्कृत करेंगे। ऊंचाई वाले क्षेत्रों से कूदा उठाने को एक यूटिलिटी वाहन खरीदेंगे। सफाई कर्मियों से कार्य के दौरान बेहतर संवाद स्थापित रखने के लिये पालिका 'वाकी—टाकी' की मदद भी लेने जा रही है। इसी हेतु सुपरवाइजरों को तीन मोटरसाइकिलें मुहैय्या कराई जायेंगी। नैनी झील की विशेष सफाई के लिये पालिका चंडीगढ़ की तर्ज पर बड़ी विशेष नौका भी तैयार करवाएगी। सफाई कर्मियों को गम बूट, ग्लब्स व आवाज रहित हाथ गा di यां भी उपलब्ध कराई जाएेंगी। इस मौके पर पालिका ईआे, भाजपा नगर अध्यक्ष व सभासद दया बिष्ट, वरिष्ठ सभासद महेंद्र सिंह, मनोज अधिकारी, प्रकाश बिष्ट, आनंद बिष्ट, हरजीत मंटी, प्रेम सागर, मधु बिष्ट, कृपाल सिंह, जगदीश बवाड$ी सहित अनेक कर्मी भी हर्ष मनाने के लिये मौजूद थे।

लेकिन फिलहाल कर्मचारी नाराज
नैनीताल। निर्मल नगर पुरस्कार मिलने से कर्मचारियों को तो पुरस्कार मिलने ही हैं, लेकिन इस बाबत आज आयोजित कार्यक्रम में सभासदों व कार्यालयी कर्मियों के साथ खुद को न बुलाएे जाने से कई सफाई कर्मी नाराज दिखे, और कार्यक्रम छोड$कर बाहर आ गये। उनका कहना था पुरस्कार उनके कार्यों से मिला है।

सफाई कर्मचारियों की मशीन लेगी हाजिरी
नैनीताल। पालिका अब कार्य करने वाले व न करने वाले सफाई कर्मियों पर पूरी नजर रखेगी। इस उद्देश्य से पालिका 25 बायोमैट्रिक्स मशीनें खरीदेगी, जिन पर कर्मियों को अपनी अंगुलियों के निशान मिलाकर कार्यस्थल पर ही हाजिरी देनी होगी। इसके अलावा पालिका कर्मियों को अपने किये गये सफाई कार्य की फोटो भी लानी होंगी, जिसके लिये उन्हें डिजिटल कैमरे उपलब्ध कराये जाएेंगे। आने वाले दिनों में कर्मियों को पालिका की यह पहल नागवार गुजर सकती हैं।

सोमवार, 18 जुलाई 2011

कुविवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे कलाम

नैनीताल (एसएनबी)। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने 10 अगस्त को इस समारोह में भा6 को ग लेने के लिए नैनीताल आने की सहमति दे दी है। विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने गत दिनों पूर्व राष्ट्रपति को विविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था, जिसे स्वीकार करते हुए डा.कलाम ने तिथि सहित अपनी सहमति भेज दी है। विवि के कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह कुविवि के लिए गौरव का विषय है। दीक्षांत समारोह की तैयारियां जोरों पर की जा रहीं हैं। 
1973 में स्थापित कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों में डा. कलाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिम्हा राव के बाद देश के दूसरे शीर्ष नेता होंगे। स्व. राव देश के मानव संसाधन मंत्री रहते 25 अक्टूबर 1986 अल्मोड़ा में आयोजित हुए कुविवि के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों की बात की जाए तो 14 जून 1875 को नैनीताल में आयोजित हुए विवि के पहले दीक्षांत समारोह में हिंदी की प्रसिद्ध छायावादी कवियत्री महादेवी वर्मा मुख्य अतिथि थीं। 1978 में तीसरे दीक्षांत समारोह में रुड़की विवि के पूर्व कुलपति डा. घनानंद पांडे, 88 में विवि अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. यशपाल, 94 में केंद्रीय मंत्री डॉ. कर्ण सिंह, 2006 में राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल, 07 में राज्यपाल डा. बीएल जोशी, 08 में बनारस हिंदू विवि के कुलपति प्रो. डीपी सिंह व 10 में पर्यावरणविद् डा. वंदना शिवा ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

केएमवीएन को पर्यटन के लिए 91 करोड़


कर्मचारियों के स्टाफिंग पैटर्न का होमवर्क पूरा : शर्मा
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को संसाधनों व पर्यटन सर्किटों को विकसित करने के लिए सरकार 91.5 करोड़ रुपये की राशि देगी। इसमें से 15-15 करोड़ रुपये निगम को अपनी टीआरएच के सुधार के लिए तीन वर्षो में, 42 करोड़ कुमाऊं में छह नये पर्यटन सर्किटों के लिए, तीन करोड़ छोटे कायरे व डेढ़ करोड़ रुपये ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रेकिंग रूट विकसित करने के लिए दिये जाएंगे। इस आशय की घोषणा प्रमुख सचिव पर्यटन राकेश शर्मा ने की। इसके अलावा प्रमुख सचिव ने निगम में करीब 1100 कर्मियों के स्टाफिंग पैटर्न का खाका भी खींच लिया है। मंगलवार को निगम के ओक पार्क स्थित मुख्यालय में निगम के अधिकारियों की बैठक के बाद प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शर्मा ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि 15 अगस्त तक निगम का नया कर्मचारी ढांचा बन जाएगा। इसके तहत निगम में दो जीएम-पर्यटन तथा प्रोजेक्ट व मार्केटिंग, पांच जोनल एजीएम तथा तीन डीजीएमिसविल, मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल व डिजाइन- प्लानिंग होंगे। निगम के हर कर्मी को अपने सेवा काल में तीन से चार पदोन्नतियां मिलेंगी। जीएम पर्यटन का पद किसी पेशेवर को दिया जाएगा, जबकि पीसीएस अफसर को जीएम-प्रोजेक्ट व मार्केटिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नये स्टाफिंग पैटर्न के तहत निगम में संविदा-जॉब वर्क के तौर पर कार्यरत सभी कर्मियों के अलावा दो से ढाई सौ नई भर्तियां भी होंगी। नए टीआरएच खोलने के लिए भी कर्मचारी भर्ती के मानक तय कर दिये गये हैं। निगम रामनगर, अल्मोड़ा के 12 काटेज, बिनसर का आधा टीआरएच तोड़कर नया बनाएगा, अथवा पीपीपी में देगा, वहीं ढिकुली में ‘रिवर्स पीपीपी’ मोड में भूमि को 15 वर्षो के लिए लीज पर लेकर कार्य करने को भी मंजूरी दे दी गई है। इस मौके पर एमडी चंद्रेश कुमार, जीएम दीप्ति सिंह, मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
पर्यटन विकास परिषद में होंगी 220 नियुक्तियां : शर्मा
अगली कैबिनेट बैठक में परिषद के नये ढांचे को मंजूरी मिलने की उम्मीद पांच जोन में बंटेगा प्रदेश, जिलों की बजाय राज्य के 28 स्थानों पर तैनात होंगे अधिकारी
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश के प्रमुख सचिव राकेश शर्मा ने कर्मचारियों के लिए तरस रहे राज्य के पर्यटन विभाग के मुख्य उपक्रम पर्यटन विकास परिषद में सभी 220 पदों के भरने की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य कैबिनेट की अगली बैठक में इन सभी पद भरने एवं परिषद के नये ढांचे को मंजूरी मिल जाएगी। नये ढांचे में राज्य को जिलों की सीमाओं से हटाकर पांच जोन में बांटा जाएगा। हर जोन में मंडलीय अधिकारी बैठेंगे। जिलों से इतर राज्य में 28 पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर वहां अधिकारी तैनात किये जाएंगे। 20 साहसिक खेल केंद्रों पर इतने ही साहसिक खेल अधिकारी तैनात किये जाएंगे, जो उस स्थान की विशेषता के अनुरूप साहसिक खेलों के विकास के लिए कार्य करेंगे। मंगलवार को मुख्यालय आगमन पर स्थानीय बोट हाउस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री शर्मा ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में होने वाली चारधाम यात्रा और नैनीताल जैसे नगरों में सैलानियों को बड़े आकषर्णों में सैलानियों की संख्या को कम किये जाने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने कहा कि सैलानियों को इन स्वाभाविक पसंदीदा जगहों की बजाय अन्य स्थानों पर भेजने से अन्य स्थानों का भी इसी तरह विकास हो सकेगा। इस मौके पर कुमाऊं आयुक्त कुणाल शर्मा, डीएम शैलेश बगौली व केएमवीएन के एमडी चंद्रेश कुमार भी मौजूद थे।

सोमवार, 4 जुलाई 2011

कहां तो चिराग तय था हर घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए


एक जिले के लिए थी 550 करोड़ की दरकार, पूरे सूबे के लिए मिली इतनी धनराशि
नवीन जोशी नैनीताल। नैनीताल नगर के लिए काले दिन के रूप में याद किया जाने वाला 18 सितंबर 2010 जनपद व राज्य का काला दिन साबित हो गया। इस दिन पहाड़ पर आपदाओं के ‘पहाड़’ टूट पड़े, लेकिन अगर कोई न टूटा तो वह थे नेता-राजनीति और सुस्त लापरवाह मशीनरी। ऐसे में एक जनपद नैनीताल द्वारा आपदा से निपटने के लिए शासन से की गई 550 करोड़ रुपयों की दरकार को पूरा करके ही केंद्र सरकार 13 जिलों के प्रदेश को देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली और आपदा पीड़ित राज्यवासियों से 2100 करोड़ की ‘देनदारी’ कबूल कर चुकी राज्य सरकार भी देनदारी चुकाने के लिए कोई और इंतजाम नहीं कर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई। 
नैनीताल जिला प्रशासन ने गत वर्ष आई आपदा से निपटने में शुरुआत में करीब 1. 4 करोड़ के मुआवजे देने में जो मुस्तैदी दिखाई उसे वह आगे कायम नहीं रख सका। डीएम नैनीताल शैलेश बगौली के अनुसार इसका कारण जरूरत का केवल 10 फीसद धनराशि (करीब 60 करोड़) मिल पाना रहा। बगौली के अनुसार जिले में आपदा से केवल परिसंपत्तियों की ही 350 करोड़ की क्षति हुई थी जबकि सुरक्षात्मक कायरे के लिये 250 करोड़ भी बेहद जरूरी थे, लेकिन तस्वीर का एक पहलू यह भी है जिला स्तर से 59.01 करोड़ की जिन 853 योजनाओं को स्वीकृत दी गई। इनमें से भी आपदाओं का नया बरसाती सत्र आने तक केवल 32.28 करोड़ की 420 योजनाएं ही पूरी हो पाई हैं। यानी इनसे अधिक 433 योजनाएं अभी अधूरी हैं। इनमें से नगर के करीब ही भवाली रोड पर टूटा पहाड़ के पास ध्वस्त हुई सड़क हो या आपदा से सर्वाधिक प्रभावित बेतालघाट क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य शुरू भी नहीं हो पाये हैं। अल्मोड़ा मार्ग छड़ा व क्वारब के पास ध्वस्त हो चुका है। हालांकि डीएम आस्त हैं कि पहाड़ के हर ब्लाक में दो से तीन व मैदानी ब्लाकों में एक-एक टीम और नोडल अधिकारी बनाकर प्रशासन आगे आपदा से निपटने को मुस्तैद है। गत वर्ष जैसी आपदा आई तो बचाव के लिए संसाधनों की कमी बरकरार है। वर्तमान हालातों पर सत्तारूढ़ भाजपा के जिलाध्यक्ष भुवन हबरेला का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली उपेक्षा के कारण ऐसे हालात हैं। उन्होंने कायरे में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर राज्य सरकार का कड़ा रुख होने की बात भी कही। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार जब पहले मिली धनराशि ही खर्च नहीं कर पाई है तो वह किस आधार पर केंद्र से धन न मिलने का रोना रो सकती है।

गुरुवार, 23 जून 2011

फिशरीज, बायोकेमिस्ट्री व सिनेमा कोर्स भी आरंभ करेगा कुमाऊं विवि





































यहाँ पर्यावरण  व  सामाजिक विज्ञान का अध्ययन करेंगे लीबिया के छात्र

नैनीताल (एसएनबी)। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व अनुशासन को प्राथमिकता देने के साथ ही देश के अग्रणी  विश्वविद्यालय बनने की राह पर आगे बढ़ रहे कुमाऊं विवि में लीबिया के विद्यार्थी पर्यावरण विज्ञान व सामाजिक विज्ञान पढ़ने के लिए आएंगे। विवि आगामी सत्र से पर्यावरण व इनरमैनेजमेंट तथा बीएससी स्तर पर फिशरीज साइंस, सिनेमा में डिप्लोमा, क्लिनिकल साइकोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, महिला अध्ययन केंद्र, इंस्टिटय़ूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का उत्तराखंड चैप्टर, रीजनल सेंटर ऑफ इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट तथा सूचना अधिकार व बौद्धिक संपदा से संबंधित डिप्लोमा पाठय़क्रम भी शुरू करने जा रहा है। बुधवार को विवि प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि गत दिवस मुख्यमंत्री ने उनकी मांग पर यूजीसी के 22 पदों पर नियुक्ति, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, शिक्षकों को यूजीसी के प्रावधानों के अनुसार छठे वेतनमान के अंतर्गत राज्य का 80 फीसद एरियर, अल्मोड़ा परिसर में योग विभाग के सृजन पर सैद्धांतिक सहमति देकर प्रस्ताव मांग लिया है। साथ ही पुस्तकालय हेतु 51 लाख रुपये देने की घोषणा भी की है। कुलपति ने बताया कि कुमाऊं विवि को बीएचएमएस डिग्री हेतु भारत सरकार से अनुमति मिल गई है। इसी कड़ी में रुद्रपुर के चंदोला होम्योपैथी कॉलेज में प्रवेश पर लगी रोक समाप्त हो गई है। वाषिर्क परीक्षाओं में आई 90 फीसद गलतियां ठीक कर ली गई हैं, साथ ही वाणिज्य वर्ग की सौ फीसद व विज्ञान की 90 फीसद कापियों का मूल्यांकन भी हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिया कि 30 जून से पूर्व सभी अंतिम वर्ष के परिणाम जारी कर शैक्षिक कलेंडर के अनुसार आगामी चार जुलाई से नये सत्र में प्रवेश प्रारंभ हो जाएंगे। उन्होंने हल्द्वानी में एमबी महाविद्यालय में कुछ शिक्षकों द्वारा शोध विद्यार्थियों को ‘गाइड’ करने से मना करने को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही विवि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अंतर्गत नेट संयोजन से जुड़ जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान नए पाठय़क्रम शुरू करने पर कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने कुलपति की पहल सराहना की।

रविवार, 12 जून 2011

नैनीताल पालिका पर सीबीआई का शिंकजा


लेक ब्रिज ठेके का मामला नियमों को ताक पर रखकर दे दिया गया था ठेका, सीबीआई कर रही जांच
नैनीताल (एसएनबी)। नगर पालिका नैनीताल के विरुद्ध उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई की जांच प्रारंभ हो गई है। सीबीआई एवं पालिका से जुड़े अधिकारी इस बारे में मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं और पालिका के अधिकारी अपना पक्ष मजबूत बता रहे हैं, किंतु सूत्रों पर विास किया जाए तो इस मामले में पालिका अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बरती गई ‘लापरवाही’
पालिका की छीछालेदर कर सकती है। यहां तक कि कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है। ज्ञातव्य हो कि नगर पालिका द्वारा बीते वर्ष 2010-11 के लिये आमंत्रित लेक ब्रिज के ठेके के पहले चरण में रुड़की के नवबहार अली ने सर्वाधिक Rs2.1 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। बाद में ठेका दूसरे चरण में Rs1.51 करोड़ की बोली लगाने वाले निविदादाता के नाम आवंटित हो गया। इस बारे में अली का कहना था कि उन्हें पालिका द्वारा भेजा गया पत्र समय से नहीं मिला, जिस कारण वह समय पर नहीं पहुंच पाया और जब तक पहुंचा तब तक पालिका उसकी 10 लाख रुपये की धरोहर राशि जब्त कर नये सिरे से प्रक्रिया शुरू कर चुकी थी। इस पर पालिका के अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि अली को प्रपत्र मिल गये थे वह समय पर ही पालिका की बैठक में आया और उसने ठेका लेने से इसलिये मना कर दिया कि पूर्व में ठेका काफी कम धनराशि का होने के कारण उसे यह घाटे का सौदा लगा था। इसकी वीडियो क्लिप भी उनके पास हैं किं तु इससे इतर पालिका की कार्यपण्राली पर जो सवाल उठ रहे हैं वह हैं कि अली को पालिका ने पहले 26 मार्च की शाम कोरियर से पत्र भेजा, जिसकी प्राप्ति साबित करने के लिये पालिका अधिकारी कोरियर कंपनी का प्रमाण पत्र हासिल कर लाए, जबकि उन्हें पत्र पहले ही नियमानुसार ‘भारतीय डाक’ से भेजना चाहिए था।अली ने यदि मना किया भी था तो पालिका ने दूसरी सबसे बड़ी करीब दो करोड़ की बोली लगाने वाले बोलीदाता को चुंगी के ठेके की पेशकश नहीं की। यहां तक कहा जा रहा है कि पालिका के अधिकारियों ने अली की जो एफडी जब्त की, वह वास्तव में किसी और के नाम की थी। तीसरे, जब नये सिरे से निविदा आमंत्रित की गई तब उसमें न्यूनतम सीमा का कोई उल्लेख नहीं था, जबकि पहले चरण में Rs1.85 करोड़ न्यूनतम सीमा बताई गई थी। बहरहाल, दो दिन की जांच में सीबीआई के तीन सदस्यीय दल ने पालिका के ईओ नीरज जोशी व कर अधीक्षक राजदेव जायसी सहित संबंधित कर्मचारियों से प्रपत्रों के आधार पर पूछताछ की है। कुछ को आगे की जांच के लिये देहरादून भी तलब किया गया है। आगे संभावना जताई जा रही है कि कई जांच टीमें आएंगी, जो अधिकारियों व कर्मचारियों की व्यक्तिगत छानबीन भी कर सकती हैं। 

शनिवार, 11 जून 2011

अब नयना देवी मंदिर भी होगा ऑनलाइन



मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट ने टाटा कम्युनिकेशन को दिया जिम्मा घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से हो सकेंगे दर्शन
नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल की मां नयना देवी भी वैष्णो देवी, शिरडी के साई बाबा, बर्फानी बाबा अमरनाथ तथा बाबा केदार व बद्रीनाथ की तरह ऑनलाइन होने जा रहीं हैं। मंदिर प्रबंधन अमर-उदय ट्रस्ट ने टाटा कंसलटेंसी को यह जिम्मेदारी सौंप दी है, जिसके बाद टाटा इसके लिए जरूरी उपकरण मंदिर परिसर में ले आया है, और अब इंस्टालेशन करने की तैयारी कर रहा है। इस कवायद के बाद क्लोज सर्किट कैमरे की मदद से मंदिर की गतिविधियां रिकार्ड होंगी, तथा उन्हें इंटरनेट के माध्यम से ‘ऑनलाइन’ किया जाएगा। गतिविधियों को एक चैनल पर ‘लाइव’ प्रसारित किये जाने की भी कोशिश चल रही है। 
बदलते परिवेश और समय की कमी के दौर में श्रद्धालु चाहते हुए भी मंदिर नहीं आ पाते। मंदिर में भीड़- भाड़ के कारण ठीक से दर्शन न होने तथा मंदिर में पंडों-पुजारियों के रवैये, अन्य असुविधाओं तथा मंदिर की दूरी के कई तत्व श्रद्धालुओं को मंदिर आने से रोकते हैं। इस समस्या का निदान है मंदिरों का ‘ऑनलाइन’ दर्शन। देश में कई चुनिंदा मंदिरों से ऐसी शुरूआत हो चुकी है, जिसमें अब सरोवरनगरी का पवित्र नयना देवी मंदिर भी शामिल होने जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष वीरेंद्र नाथ शाह के हवाले से कोषाध्यक्ष जेपी साह ने बताया कि इसके लिए टाटा कम्युनिकेशन जरूरी उपकरण मंदिर परिसर में ला चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कवायद से मंदिर को दुनिया भर में पहचान मिलेगी, और माता नयना पर आस्था रखने वाले दुनिया भर में मौजूद लोग मंदिर से जुड़े रहेंगे। उन्होंने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से मंदिर की ‘लाइव एक्टिविटी’देखी जा सकेगी।
उल्लेखनीय है की अभी हाल ही में नयना देवी मंदिर 'ग्रीन' भी हो चूका है। मंदिर पवन ऊर्जा से प्राप्त 25 वाट के 50 सी एफ एल  बल्बों से जगमगा रहा है।
शक्तिपीठ है यह मंदिर
नैनीताल। नयना मंदिर को शक्तिपीठ की मान्यता दी जाती है। देवी भागवत के अनुसार भगवान शिव जब माता सती के दग्ध अंगों को आकाश मार्ग से कैलाश की ओर ले जा रहे थे, तभी मां की एक आंख यहां तथा दूसरी हिमाचल प्रदेश के नैना देवी में गिरी थी। यहां मां की आंख के ही आकार के नैना सरोवर के किनारे प्राचीन मंदिर की उपस्थिति बताई जाती है। 18 सितंबर 1880 को आए भूस्खलन में वर्तमान बोट हाउस क्लब के पास स्थित वह प्राचीन मंदिर जमींदोज हो गया था। उस मंदिर का विग्रह एवं कुछ अंश वर्तमान स्थान पर मिले, जिसके बाद नगर के संस्थापकों में शुमार नेपाल निवासी मोती राम शाह के पुत्र अमर नाथ शाह ने अंग्रेजों से एक समझौते के तहत यहां सवा एकड़ भूमि पर 1883 में मंदिर स्थापित किया था। मंदिर में नेपाली काले पत्थर से निर्मित नयना देवी की मूर्ति स्थापित की गई, मंदिर नेपाली, तिब्बती, पैगोडा व कुछ हद तक अंग्रेजी गौथिक व ग्वालियर शैली में बना हुआ है।

चीन, कंबोडिया व दक्षिण भारतीय शैली में बन रहा दशावतार मंदिर
नैनीताल। नगर के नयना देवी मंदिर परिसर में विशाल दशावतार मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। यह मंदिर चीन व कंबोडिया की मंदिर शैली पर निर्मित किया जा रहा है, जबकि इसमें स्थापित होने वाली ईश्वर के दश अवतारों मत्स्य, कूर्म, वराह, वामन, नृसिंह, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध व कल्की (जिन्हें कलयुग में होने वाला अवतार कहा जाता है) की मूर्तियां लगेंगी। मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट के अनुसार मूर्तियां दक्षिण भारतीय कलाकारों द्वारा वहीं के पत्थरों से तराशकर बनाई जाएंगी। वर्तमान मंदिर की हवन शाला के छत में बन रहे इस मंदिर के भवन निर्माण हेतु फिलहाल ट्रस्ट ने 13 लाख रुपये का प्राविधान किया है, जिसके बढऩे की भी पूरी गुंजाइश रखी गई है। मंदिर का भवन चीन व कंबोडिया की शैली में बनना प्रस्तावित है। इसकी छत टिन की बनी होगी। मंदिर के निर्माण में चार-पांच वर्ष लगने की संभावना जताई जा रही है। 

शुक्रवार, 10 जून 2011

पूरी दुनिया में पहुंचेंगे कुविवि के शोध पत्र


राज्य की पहली ऑनलाइन शोध पत्रिका का विमोचन
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं विविद्यालय के यूजीसी अकादमिक स्टाफ कालेज की शोध पत्रिका ‘क्वेस्ट’ बृहस्पतिवार को ऑनलाइन हो गई। यह राज्य के किसी शिक्षण संस्थान के साथ ही देश भर के 67 अकादमिक स्टाफ कालेजों की भी पहली ऑनलाइन शोध पत्रिका बताई गई है। पत्रिका का विमोचन करते हुए कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने कहा कि इस पत्रिका के माध्यम से कुमाऊं विवि के शोध पत्र पूरी दुनिया तक एक क्लिक में पहुंच पाएंगे। पत्रिका देश की प्रतिष्ठित ‘इंडियन जर्नल्स डॉट काम’ वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी। 
बृहस्पतिवार को कुलपति प्रो. अरोड़ा ने हरमिटेज परिसर स्थित यूजीसी अकादमिक स्टाफ कालेज में ‘क्वेस्ट’ का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज का समय एक नहीं वरन विभिन्न विषयों के समन्वित शोधों का है। क्वेस्ट पत्रिका इस कसौटी पर भी खरी है। उम्मीद जताई कि छपी पत्रिकाओं की घटती और कंप्यूटर पर बढ़ती पठनीयता के दौर में ऑनलाइन शोध पत्रिका कुमाऊं विवि के शोध पत्रों को वि पटल पर प्रस्तुत कर अधिक प्रभाव छोड़ने में मदद करेगी। आयोजन की शुरूआत करते हुए कुमाऊं विवि के कुलसचिव डा. कमल के. पांडे ने आयोजन में आये लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि पत्रिका के जरिये शोधार्थियों को सभी विषय ऑनलाइन पढ़ने को मिलेंगे। इंडिया जर्नल्स नई दिल्ली के शांतनु ने कहा कि ‘क्वेस्ट’ उनकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी। शोध पत्रिका के संपादक व कालेज के निदेशक प्रो. बीएल साह ने बताया कि यह देश के 67 अकादमिक स्टाफ कालेजों की पहली ऑनलाइन शोध पत्रिका है। इसमें विभिन्न विषयों के 14 शोध पत्र सम्मिलित किये गये हैं। डीएसबी के निदेशक प्रो. एनएस राणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर प्रो. सीसी पंत, बीसी पांडे, एचएस धामी, डीएस बोनाल, एसके नेगी, डा. अजय अरोड़ा, डा. रितेश साह सहित नगर के कई बुजुर्ग नागरिक भी मौजूद थे।
कुमाऊं विवि में स्थापित होंगे तीन नये संस्थान
कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने की घोषणा इनोवेशन सेंटर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी सेल व इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन खुलेंगे
नैनीताल। कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने डीएसबी परिसर में तीन नये संस्थान खोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि परिसर में ‘इनोवेशन सेंटर’, इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी (आईपीआर) सेल तथा इंडियन इंस्टिटय़ूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की शाखा खोलने की घोषणा की। आईपीआर सेल की जिम्मेदारी डा. ललित तिवारी को, आईआईपीए शाखा की डा. नीता बोरा शर्मा को तथा इनोवेशन सेंटर की जिम्मेदारी डा. एलएम जोशी को देने की घोषणा की गई, अलबत्ता डा. जोशी ने जिम्मेदारी लेने पर नाखुशी जाहिर की है। कुलपति ने इसके साथ ही इंडियन जर्नल्स डॉट काम में सर्वाधिक शोध प्रकाशित कराने वाले कुमाऊं विवि के प्रो. सीसी पंत, प्रो. संतोष कुमार, पीसी पांडे, एचसी पांड व प्रज्ञा जोशी को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी है।

मंगलवार, 7 जून 2011

बिना शिक्षकों के टॉप कर रहे ‘गुदड़ी के लाल’


अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त
नैनीताल (एसएनबी)। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में अशासकीय विद्यालयों के ‘गुदड़ी के लालों’ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इन स्कूलों में शिक्षकों, प्रधानाचायरे के वर्षो से सैकड़ों पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग उन्हें दोयम दज्रे का मानता है, और उनके यहां सुविधाएं देने अथवा पदों पर भर्ती की किसी को सुध नहीं है। बात इंटरमीडिएट परीक्षा टॉप करने वाले कंचन कुमार कांडपाल के भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय से ही बात शुरू करें तो यहां शिक्षकों के 14 से अधिक पद रिक्त हैं। वहीं नैनीताल जनपद के चार अशासकीय हाईस्कूलों में एलटी शिक्षकों के 11, प्रधानाध्यापक के दो तथा 19 इंटर कालेजों में शिक्षकों के 100, प्रवक्ताओं के 50, प्रधानाचायरे के सात व शिक्षणोत्तर कर्मियों के 56 पद रिक्त हैं। यही कहानी प्रदेश में अव्वल रहने वाले कुमाऊं मंडल के अन्य जिलों की भी है। अल्मोड़ा जिले के चार हाईस्कूलों में आठ शिक्षकों, दो प्रधानाध्यापकों व पांच शिक्षणोत्तर कर्मियों तथा 30 इंटर कालेजों में 165 शिक्षक, 55 प्रवक्ता, 15 प्रधानाचार्य व 59 शिक्षणोत्तर कर्मी नहीं हैं। बागेर में जहां तीन हाईस्कूलों में छह शिक्षक व चार ही शिक्षणोत्तरकर्मी, 12 इंटर कालेजों में 64 शिक्षक, छह प्रधानाचार्य व 26 शिक्षणोत्तरकर्मी तथा पिथौरागढ़ में दो हाईस्कूलों में आठ एलटी शिक्षकों, दो हेडमास्टरों व चार शिक्षणोत्तर कर्मियों की कमी है।

रविवार, 5 जून 2011

श्रीनगर के बाद देश का दूसरा ’ग्रीन‘ राजभवन बना 'नैनीताल राजभवन'


राष्ट्रपति का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद राज्यपाल ने किया सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण
नैनीताल (एसएनबी)। विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्यपाल मार्गरेट आल्वा ने नैनीताल राजभवन नैनीताल में ‘वर्षा जल सिंचन संरचना’ के तहत विशाल टैंक एवं सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। पहले यह कार्यक्रम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों संपन्न होना था। इस मौके पर राज्यपाल ने राजभवन परिसर में कदम्ब तथा राज्य वृक्ष ‘बुरांश’ के पौधों का रोपण भी किया। इस दौरान संस्कृति विभाग की ओर से ‘बीट्स ऑफ उत्तराखंड’ की मनमोहक प्रस्तुति भी दी गई। इसके साथ ही नैनीताल राजभवन श्रीनगर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो गया है। 
उल्लेखनीय है कि ‘ग्रीन नैनीताल राजभवन’ परिकल्पना के तहत नैनीताल राजभवन में परंपरागत ऊर्जा का प्रयोग समम्प्त करने की योजना है. इसी कड़ी मैं केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से मिले धन से राजभवन के प्राकृतिक सौन्दर्य, पर्यावरण और हरीतिमा की निरंतरता के लिए वर्षा जल संचयन पण्राली का सुदृढ़ीकरण किया गया है। इसके तहत राजभवन गोल्फ क्लब परिसर में वर्षा जल संग्रहण हेतु बनाए गए 24 लाख लीटर के टैंक, सोलर स्ट्रीट लाइट व विंड मिल आदि कायरे का औपचारिक शुभारंभ किया गया। राज्यपाल ने कहा कि इन प्रबंधों के बाद नैनीताल राजभवन कश्मीर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो गया है। आगे राजभवन को पूरी तरह सौर ऊर्जा से रोशन किए जाने की योजना है। वर्षा जल संग्रहण के बाद राजभवन के पूरे गोल्फ कोर्स तथा राजभवन में सिंचाई के लिए नैनी झील से पानी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। राज्यपाल ने बताया कि नैनीताल राजभवन में कश्मीर की तरह बगीचे विकसित करने की भी योजना है। राजभवन की दीवारों व छत आदि के सुदृढ़ीकरण के लिए सात करोड़ रुपये की डीपीआर बनाई गई है। जुलाई आखिर तक एमओयू हस्ताक्षरित कर कार्य शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने राजभवन के पीछे की पहाड़ी के सुदृढ़ीकरण कायरे को भी प्राथमिकता में गिनाते हुए बताया कि सोमवार की सायं साढ़े पांच बजे शहर के प्रमुख व सम्मानित लोगों के लिए आयोजित स्वल्पाहार पर आमंतण्रकार्यक्रम राष्ट्रपति का कार्यक्रम निरस्त होने के बावजूद पूर्ववत ही रहेगा।
ग्रीन प्रबंध के कायरे का ब्योरा
नैनीताल। देहरादून और नैनीताल राजभवन को ‘ग्रीन’ किए जाने के तहत नैनीताल राजभवन में पांच किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 1100 लीटर प्रतिदिन पानी गर्म करने की क्षमता का इवेक्यूटेड टय़ूब आधारित सोलर वाटर हीटर संयंत्र, 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलन फोटोवोल्टाइक पंप, राजभवन के मुख्य मार्ग में 100 सोलर रोड स्ट्ड, पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए 20 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइटें तथा एक किलोवाट क्षमता की पांच विंड पावर जनरेटर तथा देहरादून राजभवन में सात व दो किलोवाट क्षमता के दो सोलर पावर प्लांट, 1400 लीटर प्रतिदिन क्षमता का सोलर वाटर हीटर संयंत्र, 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलर फोटोवोल्टाईक पंप, 250 सोलर रोड स्ट्ड्स, दो सोलर पावर डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर, 2500 लीटर प्रतिदिन क्षमता का सोलर पावर वाटर प्यूरीफायर व पांच घन लीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र लगाऐ गये हैं।

शुक्रवार, 3 जून 2011

राष्ट्रपति परिवार सहित कल आएंगी नैनीताल


राज्यपाल ने की राष्ट्रपति के आगमन की घोषणा, 
राजभवन को किसी कार्यक्रम की जानकारी नहीं 
नैनीताल में अवकाश के मूड में होंगी राष्ट्रपति 
कुमाऊंनी क्राफ्ट मेले का आयोजन भी निरस्त
नैनीताल (एसएनबी)। आगामी पांच जून को परिजनों के साथ नैनीताल पहुंच रहीं राष्ट्रपति पूरी तरह प्रकृति की सुंदरता में खो जाना चाहेंगी। वह यहां परिवार के साथ प्रकृति के सानिघ्य में रहना चाहती हैं। नैनीताल राजभवन में अभी तक उनके किसी प्रकार के कार्यक्रम की जानकारी नहीं है। राजभवन ने उनके दर्शनार्थ आयोजित कुमाऊंनी क्राफ्ट मेला भी स्थगित कर दिया है। श्रीमती पाटिल यहां आने वाली चौथी राष्ट्रपति हो जाएंगी। नैनीताल में अब तक केवल पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी, नीलम संजीव रेड्डी और ज्ञानी जैल सिंह ही अपने कार्यकाल के दौरान आए हैं। अलबत्ता वह राजभवन को ‘ग्रीन’ किए जाने के कायरे का शुभारंभ करेंगी, और उनके स्वागत में राज्यपाल द्वारा ‘पब्लिक सिटीजन रिसेप्सन’ दिया जाएगा। एक घंटे के लोक संस्कृति के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। शुक्रवार को राज्यपाल मार्ग्ेट आल्वा राष्ट्रपति के आगमन की औपचारिक घोषणा करते हुए नैनीताल राजभवन में प्रेस से मुखातिब हुई। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पांच जून को दोपहर के भोजन से पूर्व नैनीताल राजभवन पहुंचेंगी और शाम छह बजे वि पर्यावरण दिवस के मौके पर राजभवन में वष्रा जल संग्रहण हेतु बनाए गए 24 लाख लीटर के टैंक, सोलर स्ट्रीट लाइट व विंड मिल का औपचारिक शुभारंभ करेंगी। उन्होंने बताया कि नैनीताल राजभवन कश्मीर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो जाएगा। राज्यपाल ने बताया कि एक वर्ष तक मुंबई के प्रिंस ऑफ वेल्स का जीर्णोद्धार करने वाली आभा नारायण लांबा की देखरेख में केंद्र सरकार की जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 7.5 करोड़ रुपये से नैनीताल राजभवन के पुनरुद्धार कार्य होंगे। इस दौरान राजभवन बंद रहेगा।


हल्द्वानी-भीमताल मार्ग बंद रहेगा
पांच जून को आएंगी राष्ट्रपति हल्द्वानी से सड़क मार्ग से आने की संभावना
नैनीताल (एसएनबी)। आगामी पांच जून को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल के आगमन के दौरान नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग तथा भवाली-भीमताल के मार्ग बंद रहेंगे। हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया है, पर माना जा रहा है कि ऐसा राष्ट्रपति के हल्द्वानी में उतरने और हल्द्वानी से सड़क मार्ग से नैनीताल पहुंचने की संभावना के मद्देनजर किया जा रहा है। इस दौरान हल्द्वानी व नैनीताल के बीच तथा पहाड़ से मैदान को आने-जाने वाले भवाली-भीमताल के मार्ग आवागमन के लिए बंद रहेंगे। हल्द्वानी से नैनीताल आने जाने के लिए कालाढूंगी मार्ग का प्रयोग किया जाएगा, जबकि अल्मोड़ा की ओर जाने के लिए सुबह आठ बजे से यातायात क्वारब से आगे पदमपुरी-खुटानी की ओर डायवर्ट कर दिया जाएगा। सुबह साढ़े नौ से साढ़े 11 के बीच हल्द्वानी व नैनीताल के बीच कुछ छोटी बसें चलाई जाएंगी। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर नगर में इन दिनों विकास कायरे में अचानक तेजी आ गई है। इन दिनों यहां रात-रात भर उठकर अधिकारी मजदूरों से सड़कों की मरम्मत-डामरीकरण व माल रोड के किनारे की दीवारों की पुताई के कार्य करवा रहे हैं। हालांकि यह भी गौरतलब है कि कायरे की गुणवत्ता बेहद घटिया स्तर के नजर आ रही है। लोवर माल रोड व चिड़ियाघर रोड पर इसी सप्ताह किया गया डामरीकरण उखड़ चुका है। ‘राष्ट्रीय सहारा’ में इस बात खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को पुन: इन मागरे पर डामरीकरण करने की प्रक्रिया चल रही है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्षो में सीजन से पूर्व नगर की सड़कों की मरम्मत तथा झील किनारे पुताई होती थी, जो इस वर्ष नहीं की गई।

बुधवार, 1 जून 2011

स्ट्रीट लाइटों से रोशन होंगे राज्य के सीमावर्ती इलाके


केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से मिले 80 लाख रुपये दो माह के भीतर लगा दी जाएंगी सोलर लाइटें
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख परिवारों को मुफ्त सोलर लालटेन बांटेगी। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों को 13 हजार सोलर स्ट्रीट लाइटों से भी रोशन किया जाएगा। राज्य सरकार को केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से इस हेतु 80 लाख रुपये प्राप्त हो गए हैं। राज्य के वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री राजेंद्र भंडारी ने बताया कि पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर तथा चमोली सहित आधा दर्जन सीमावर्ती जिलों में अगले दो माह के भीतर सोलर लालटेन व सोलर स्ट्रीट लाइट लगा दी जाएंगी। काबीना मंत्री श्री भंडारी ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से यह योजना केंद्र सरकार से स्वीकृत हुई है। इस मद में 80 लाख रुपये प्राप्त हो चुके हैं। लालटेनों व स्ट्रीट लाइटों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके साथ ही राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर हीटरों की खरीद पर 70 फीसद का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में 10-10 मेगावाट क्षमता के पांच सोलर प्लांट लगाए जाने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे पांच-पांच मेगावाट क्षमता के पांच सोलर प्लांट हाल में लगा दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने टिहरी गढ़वाल के बछेलीखाल में 2.4 मेगावाट क्षमता का हवा से चलने वाले प्लांट की जानकारी भी दी। इसकी सफलता के बाद राज्य में और विंड मिल लगाई जाएंगी। उन्होंने राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमतायुक्त घराट लगाने पर 1.16 लाख व सामान्य यांत्रिक घराट बनाने के लिए 41 हजार रुपये दिए जाने की योजना की भी जानकारी दी। वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी पिरुल आधारित कोई बड़ा प्रोजेक्ट प्रस्तावित नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाल में उरेडा के माध्यम से अल्मोड़ा में 10 मेगावाट क्षमता का प्लांट लगने की र्चचाओं के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गत दिवस नैनीताल राजभवन प्रवास के दौरान ग्रामीण महिलाओं की सहभागिता से पिरुल से ईधन बनाने की छोटी योजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए बड़ी योजनाओं को हतोत्साहित करने तथा इस पर दिये जाने वाले दो फीसद अनुदान को भी समाप्त किए जाने की बात कही थी।

अब ’टूटेगी‘ अंग्रेजों के जमाने की जेल


पुन: बनेंगे जिला कारागार के आवास एक करोड़ का खर्च आने का अनुमान नैनीताल : जिला कारागार का अवलोकन करते प्रदेश के कारागार मंत्री राजेंद्र भंडारी।
नैनीताल (एसएनबी)। अंग्रेजों के जमाने की एक शताब्दी से भी अधिक पुरानी नैनीताल जेल व खासकर उसकी आवासीय बैरकों की दशा एक करोड़ रुपये से सुधरने की उम्मीद की जा सकती है। प्रदेश के कारागार मंत्री राजेंद्र भंडारी ने इसके लिए कारागार अधीक्षक से प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा है। बुधवार को काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी ने जिला कारागार का निरीक्षण करने के बाद पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। जेल में सफाई के अभाव व बंदियों को मेन्यू के अनुसार सब्जी न मिलने व बंदियों को स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने जैसी समस्याएं उनकी नजर में आई। जेलकर्मियों के आवासों की जर्जर हालत देखकर वह दंग रह गये, जिस पर उन्होंने इन्हें ध्वस्त कर नव निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जेल अधीक्षक संजीव शुक्ला को दिये। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी उप कारागार के जेलर के खिलाफ डीजी-जेल भाष्करानंद जोशी जांच करेंगे। दोशी पाए जाने पर जेलर को निलंबित किया जाएगा। उन्होंने सदचरित्र कैदियों को उनकी मनमाफिक जेलों में ट्रांसफर करने व 14 वर्ष से अधिक सजा भुगत चुके कैदियों को रिहा किये जाने के प्रस्ताव अधिकारियों से मांगने की जानकारी भी दी। इस मौके पर विधायक केएस बोहरा, पशु कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष शांति मेहरा, हरियाणा के भाजपा संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, सांसद प्रतिनिधि मनोज जोशी सहित अनेक पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
सार्वजनिक करना पड़ेगा जेल मेन्युअल
नैनीताल। कारागार मंत्री ने कहा कि जेल में बंदियों व कैदियों को हर तरह की सुविधा देना सरकार का दायित्व है। जेल न्यायालय से सजायाफ्ता कैदियों व विचाराधीन बंदियों को रखने का स्थान है, न कि सजा देने का। माना कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रही है। इसलिये वह जेलों में जेल मेन्युअल को सार्वजनिक तौर पर चस्पा करने के आदेश जारी कर रहे हैं।

रविवार, 29 मई 2011

महिला जनप्रतिनिधि ला रही मुस्कुराहट की आहटें

जनपद के चोपड़ा गांव में रफ्तार पकडऩे लगा विकास
नवीन जोशी, नैनीताल। 
"चाहो तो तुम देश की तहरीर बदल दो,
चाहो तो तुम देश की तस्वीर बदल दो। 
नारी ! शक्ति हो संसार की भूलो न कभी ये,
चाहो तो तुम देश की तकदीर बदल दो ॥"
कुछ ऐसी ही परिकल्पना के साथ देश में 7३वें संविधान संसोधन के रूप में पंचायत राज अधिनियम और फिर पंचायतों में महिलाओं को 5 फीसद आरक्षण देने की व्यवस्था लागू हुई है, जिसके अब सुखद परिणाम आने शुरू होने लगे हैं। जनपद की चोपड़ा ग्राम सभा इस बात को साफ करने के लिये एक उदाहरण हो सकती है, जहां की ग्रामीण महिलाएँ अब रंग्वाली पिछौड़ा व शगुन आंखरों जैसे सांस्कृतिक प्रतिमानों को पकड़ कर भी विकास की रफ्तार से कदम मिला रही हैं। उनके चेहरों पर मुस्कुराहटों की आहट साफ नजर आ रही है।
चोपड़ा ग्राम सभा यूं नैनीताल—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमपड़ाव के पास पड़ती है। सड़क से न्यूनतम दो से छह किमी की खड़ी चढ़ाई पर इसके करीब 1 वर्ग किमी से भी अधिक विस्तृत व 37६ हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैले आमपड़ाव, दांगड़, बसगांव, रोपड़ा, स्यालीखेत, भुमका, खड़काखेत, सिमलखेत, मल्ला चोपड़ा, रहन व फुनियाखान सहित एक दर्जन से भी अधिक तोक यानी दूर-दूर छिटकी हुई छोटी—छोटी बस्तियां हैं। आजादी के 6 वर्ष बाद भी यह गांव विकास से कोसों दूर था। 208 में ग्राम सभा के महिलाओं हेतु आरक्षित होने पर भगवती सुयाल को गांव की कमान मिली। निकटवर्ती घोड़ाखाल स्थित कुमाऊं के न्याय देव ग्वल के मंदिर के प्रधान पुजारी केदार दत्त जोशी की यह पुत्री ग्रामीणों को उनके हक के विकास का 'न्याय' दिलाने के इरादे से दायित्व संभाला, जिसका परिणाम है कि गांव में आज खुशहाली आने लगी है। गांव के लिये भूस्खलन का लगातार खतरा बने छीड़ा गधेरे के उपचार का तीन करोड़ का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया, एक करोड़ रुपये फिलहाल स्वीकृत होकर काम शुरू हो गया। गांव में सिंचाई के लिये प्रयुक्त पंप के लिये डीजल लाने में ही दिन निकल जाता था, अब 5 लाख रुपये की लागत से इसकी जगह बिजली से चलने वाला नया पंप लगाया जा रहा है। गांव में पांच महिला पौधालयों की स्थापना की गई है, जहां महिलाएँ तेजपत्ता, आंवला, हरड़ जैसे औषधीय पौधे लगाकर अपनी आय बढ़ा रही हैं। गांव में ही एएनएस सेंटर स्थापित हो गया है, लिहाजा अब गर्भवती महिलाओं को पैदल दूसरे गांव नहीं जाना पड़ता। गांव के लिये पीएमजीएसवाई योजना से सड़क बननी प्रारंभ हो गई है। गांव के स्यालीखेत तोक की बच्चियों को ज्योलीकोट स्कूल आने के लिये मीलों पैदल चलना पड़ता था, अब बीच में 2 लाख रुपये से पुलिया बन गई है, और सफर मिनटों में कट जाता है। गांव में मनरेगा से भी सड़क, संपर्क मार्ग व चेक डेमों का निर्माण जोरों पर है। वर्षों से विवादों मैं फंसे प्राथमिक स्कूल का निर्माण शुरू होने लगा है गांव के लोग दाल चीनी के पत्तों और लीची का कारोबार करके खुश हैं, क्योंकि अब उनकी फसल में कोई रोग होता है तो कृषि व उद्यान विभाग के अधिकारी कृषक महोत्सव में आकर रोगों का निदान करते हैं। परंपरागत रंग्वाली पिछौड़ों में सजी महिलाएँ यहां शगुन आंखर गाकर उनका स्वागत करती हैं। महिलाओं के लिये गांव में न चारे की समस्या है, न ही वह पतियों के शराब पीकर आने से परेशान हैं। एक युवक मां द्वारा खरीद कर दी गई गाड़ी के पैंसे शराब पर खर्च कर मां को ही पीट रहा था। भगवती ने पहले मां को अपने घर में शरण दी, और फिर स्वयं गाली खाकर बेटे को समझाया। तब से उसके साथ ही अन्य युवक भी शराब से दूर रहने लगे हैं। महिलाएँ अब बचे समय में टैडी बियर जैसे खिलौने बनाने व सिलाई कढ़ाई सीख रही हैं। भगवती कहती हैं, यह बदलाव तो शुरुआत है। और इसका कारण कहीं न कहीं उनका एक महिला होना भी है। क्योंकि वह गांव—घर की समस्याओं को अधिक बेहतर समझने वाली महिलाओं की तरह सोच पाती हैं। आगे महिलाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिलाने की भी उनकी योजना है। 

शुक्रवार, 27 मई 2011

फारूक को नैनीताल गोल्फ कोर्स ने दिलाई गुलमर्ग की याद


राज्यपाल के साथ किया नौवें गवर्नर्स गोल्फ कप का शुभारंभ
नैनीताल (एसएनबी)। केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नैनीताल के सौन्दर्य से अभिभूत होकर यहां की वादियों को कश्मीर के समान ही प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि नैनीताल राजभवन का परिसर और खासकर गोल्फ कोर्स का क्षेत्र उन्हें गुलमर्ग की याद दिला रहा है। उन्होंने शुक्रवार सुबह प्रदेश की राज्यपाल मार्ग्ेट आल्वा के साथ राजभवन गोल्फ क्लब द्वारा आयोजित नौवें ‘गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट 2011’ का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गोल्फ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर निरन्तर लोकप्रिय होता जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह खेल आयोजन नैनीताल में पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। राज्यपाल ने कहा कि गोल्फ के माध्यम से नैनीताल को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किये जाने के प्रयासों के साथ ही प्रदेश में पर्यटकों को आकषिर्त करने के लिए साहसिक पर्यटन, जल क्रीडा, हिम क्रीडा, धार्मिक तथा प्राकृतिक चिकित्सा संबंधी पर्यटन के विकास की भी अपार संभावनाएं जताई। उन्होंने राज्य के विकास व पर्यटन विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। बताया कि गोल्फ को भावी पीढ़ी में भी लोकप्रिय बनाने के लिए बच्चों के लिए गोल्फ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अक्टूबरन वंबर में बच्चों के लिए टूर्नामेंट आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। टूर्नामेंट में देश के विभिन्न राज्यों से 178 गोल्फ खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जबकि गत वर्ष 151 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों के साथ राजभवन गोल्फ क्लब के उपाध्यक्ष तथा सचिव राज्यपाल अशोक पई, कोषाध्यक्ष पूनम सोबती, राज्यपाल के एडीसी एवं कृष्ण कुमार वीके, मेजर पीपी राय चौधरी, डा. वीके नौटियाल आदि सदस्य, गोल्फ कैप्टन कर्नल (रिटार्यड) एससी गुप्ता व राज्यपाल के निजी सचिव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

गुरुवार, 26 मई 2011

अब नैनीताल में देखिए रॉयल बंगाल टाइगर


नैनीताल चिड़ियाघर में आया ‘राजा-रानी’ का जोड़ा
नैनीताल (एसएनबी)। मात्र 10 वर्ष की आयु में चार मीटर लंबाई, 1.2 मीटर ऊंचाई और करीब 250 से 270 किग्रावजन युक्त भारी भरकम रॉयल बंगाल टाइगर बृहस्पतिवार को नैनीताल चिड़ियाघर की शान बन गया। इसे देखकर कई सैलानियों के मुंह से यह बात निकली, कि अब रॉयल बंगाल टाइगर को देखने के लिए जिम कार्बेट पार्क जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
राष्ट्रीय सहारा ने पूर्व में ही गत 14 मई को ही उसके साथ मादा रॉयल बंगाल टाइगर को भी एक बाड़े में रखने का समाचार प्रकाशित कर दिया था, जिसका एक चरण चिड़ियाघर कर्मियों की मेहनत से बमुश्किल सफल हो पाया। एक-दो दिन में मादा को भी उसके साथ बाढ़े में लाऐ जाने और आगे उनके बीच ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ कराये जाने की योजना है। चिड़ियाघर के निदेशक बीजू लाल टीआर को उम्मीद है कि अक्टूबर-नवंबर तक नैनीताल चिड़ियाघर इन दोनों के नन्हे शावकों का दीदार कर पाएगा। बकौल निदेशक यह चिड़ियाघर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। इससे पूर्व चिड़ियाघर कर्मी बीते दो-तीन की मेहनत के बाद इस भारी- भरकम बाघ को बाढ़े में प्रतिस्थापित कर पाये। इसे गुलदारों को हटाकर उनके बाढ़े में रखा गया है। इस मौके पर वन संरक्षक कपिल जोशी भी मौजूद थे। उन्होंने भी उम्मीद जताई कि रॉयल बंगाल टाइगर के नैनीताल चिड़ियाघर में लोगों के देखने के लिये उपलब्ध होने से चिड़ियाघर की प्रसिद्धि काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने चिड़ियाघर कर्मियों ने इस जोड़े का विशेष ध्यान रखने की हिदायत भी दी। इस मौके पर चिड़ियाघर के वनाधिकारी मनोज साह, प्रकाश जोशी, चिकित्सक डा. एलके सनवाल आदि भी मौजूद थे।
नर भक्षी नहीं है रॉयल बंगाल टाइगर: डीएफओ
नैनीताल। नैनीताल प्राणि उद्यान के निदेशक एवं प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर ने दावा किया है कि चिडिय़ाघर में आज से प्रदर्शित रॉयल बंगाल टाइगर नर भक्षी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एसा दावे के साथ कह सकते हैं। बताया कि जब यह चिडिय़ाघर में लाया गया था, तब भी इसके शिकारी दांत (केनिन) बिलकुल सही स्थिति में थे, तथा इसे किसी प्रकार की चोट नहीं थी। बताया कि इसे स्थानीय लोगों, स्वयं सेवी संगठनों व राजनीतिक दबाव के कारण पकड़ा गया। हालांकि उन्होंने संभावना जताई कि इतने बड़े आकार के बाघ को अचानक देखकर भी मनुष्य दम तोड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि इस बाघ पर आरोप था कि उसने चार फरवरी 09 को सर्पदुली रेंज के ढिकुली गांव में भगवती देवी को हमला बोलकर मार दिया था, जिसके बाद बमुश्किल उसे एक पखवाड़े बाद घायल अवस्था में पकड़कर नैनीताल चिडिय़ाघर लाया गया था। 


हरि सिंह वाला पूरा कश्मीर हमारा : डा. फारूक


पाक सीमा में चीन का दखल चिंता की बात,
अपने ही बनाए जाल में फंस रहा है पाकिस्तान:  डा. फारूक अब्दुल्ला
नैनीताल (एसएनबी)। केंद्रीय मंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान राज्य के तीनों हिस्सों लद्दाख, जम्मू व कश्मीर के साथ ही भारत की अधिसंख्य जनता के मान्य हल पर ही होगा। समस्या का समाधान देश की सरहद तथा भारत के कानून की सीमा के भीतर ही होगा। इसमें पाकिस्तान की राय भी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए। पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान ने यदि इस मसले पर बात बढ़ाई तो फिर भारत राजा हरि सिंह के राज्य रहे कश्मीर की मांग तक भी जा सकता है। श्री अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को नैनीताल राजभवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाक के ‘नार्दर्न टेरीटरी’ के गिलगित व स्कर्दू आदि इलाके राजा हरी सिंह के राज्य के हिस्से रहे हैं, इसलिए बात बढ़ने पर भारत इनके बारे में भी बात कर सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कश्मीर में उनके बेटे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व केंद्र में वह स्वयं हैं जो केंद्र व राज्य के बीच समन्वय से कश्मीर समस्या के हल की दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि जो भी समझौता होगा वह भारत की सरहद और कानून के अंतर्गत ही होगा। दोहराया कि 1967 के प्रस्ताव के अनुसार 'पीओके' भारत का हिस्सा है। कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी ने कश्मीर समस्या के हल के लिये मुशर्रफ को भारत बुलाने सहित बड़े कार्य किये थे, तब भी समस्या के हल की बड़ी आशा जगी थी। एबटाबाद में अमेरिका द्वारा ओसामा को मारने और हेडली द्वारा किये जा रहे खुलासों के बाबत भारत के रुख पर उन्होंने कहा कि भारत क्षमता के बावजूद अमेरिका जैसी कार्रवाई के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान स्वयं तैयार किये गये आतंकवाद की मार झेल रहा है, वरना आतंकवाद भारत को परेशान करता। लेकिन पाक सीमा पर चीन का बढ़ता दखल भारत के लिये चिंता की बात है। उन्होंने कश्मीर की समस्या के लिये वहां के राजनेताओं, नौकरशाहों और आतंकियों को बराबर का दोषी बताते हुए कहा कि आतंकवाद के रहने से सबकी दुकान चलती है। बताया कि इधर हालात तेजी से सुधर रहे हैं। घाटी में पंचायत चुनावों में 8४ फीसद मतदान हुआ व एक महिला सहित दो हिंदू सरपंच बने हैं। कश्मीरी हिंदू वापस लौट रहे हैं। राज्य सरकार से पूर्व में अपनी जमीनें बेचकर गये हिंदुओं को जमीनें व घर बनाकर देने को कहा गया है। 

सीमावर्ती इलाकों को वैकल्पिक ऊर्जा से जगमगाएँगे
नैनीताल। केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों को 10 फीसद केंद्रीय सहायता से वैकल्पिक ऊर्जा से जगमगाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों से इस बाबत शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा गया है। इसके अलावा उन्होंने राज्य में चीड़ के पिरूल व ठींठों से ईंधन की ईंटों जैसे वैकल्पिक ऊर्जा की 1 मेगावाट से बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव पर पुर्नविचार करने की बात कही। उन्होंने बताया कि राजभवन व राज्य के अधिकारी उनके संज्ञान में लाए हैं कि स्थानीय लोग ईंधन के लिये पिरूल व ठींठों का स्वयं भी ईंधन के लिये उपयोग करते हैं। लिहाजा उनका मंत्रालय अपने विभाग की एसी योजनाओं को हतोत्साहित कर सकता है, ताकि यहां के ग्रामीण ईंधन के लिये पेड़ों को न काटें। बताया कि 130 मेगावाट का राष्ट्रीय सोलर मिशन 2013 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने पवन ऊर्जा से भी नौ से 13 हजार मेगावाट तक वैकल्पिक ऊर्जा बनाये जाने की योजना बताई। 
इससे पूर्व उन्होंने नैनीताल राजभवन में राज्यपाल मार्गरेट आल्वा के साथ प्रदेश के अधिकारियों की बैठक ली, तथा उनके विचार लिये। बताया कि राजभवन में उरेडा के द्वारा 3२ लाख रुपये की लागत से पांच किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 1१0 लीटर प्रतिदन क्षमता के छह सोलर वाटर हीटर, गोल्फ कोर्स की सिंचाई के लिये 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलर वाटर पंप, राजभवन परिसर में 2 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइटें, फ्लेट पोस्ट के पास पांच विंड जेनरेटर तथा राजभवन के मुख्य मार्ग पर 10 सोलर स्टड लगाए जाएँगे। 

रविवार, 22 मई 2011

हिमालयी क्षेत्रों के लिए बने अलग समूह


कार्यशाला में केंद्रीय योजना आयोग से किया अनुरोध
नैनीताल (एसएनबी)। सिक्किम से लोकसभा सदस्य पीडी राय ने केंद्रीय योजना आयोग स्तर पर हिमालयी क्षेत्रों के लिए विशिष्ट समूह के गठन पर बल दिया है। यह समूह हिमालयी क्षेत्रों के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करेगा। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में आ रहे परिवर्तनों के साथ जीविका के क्षेत्र में अधिक कार्य करने पर भी जोर दिया। श्री राय उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में चल रही दो दिवसीय ‘इंडिया माउंटेन इनीशिएटिव’ की ‘सस्टेनेबल माउंटेन डेवेलपमेंट समिट 2011’ के अंतिम दिन की कार्यशाला में बोल रहे थे। उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव पर्यटन राकेश शर्मा ने प्रदेश के अंतिम गांव माणा का उदाहरण देते हुए वहां ग्रामीण पर्यटन के बारे में जानकारी दी। साथ ही पर्वतारोहण, ईको पर्यटन और राफ्टिंग की सम्भावनाओं के बारे में बताया। इंटरनेशनल जर्मन कोआपरेशन जीआईजेड के मैनफेड हैबिग ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत बताई। भारत सरकार के पर्यटन उप महानिदेशक डी वेंकटेशन, सुशील रमोला, प्रो. तेज प्रताप, सुब्रोतो राय ने भी इस मौके पर विचार रखे। इसके अलावा डा. पुश्किन फत्र्याल, डा. टीएस पोपाल, डा. आरवीएस रावत, प्रो. बीके जोशी व प्रो. शेखर पाठक ने समुदाय वानिकी व ग्रामीण पर्यटन की जानकारियां दीं। सामुदायिक वानिकी सत्र में डा. राजीव सेमवाल, डा. राजेन्द्र विष्ट वन संरक्षक ने प्रस्तुति दी। मेघालय के एमवीके रेड्डी, दिल्ली के एस सिद्ध, नेपाल के डा. गिरिधर खिनहाल, डा. भीष्म सुवेदी, प्रदेश के एसटीएस लेप्चा, कल्याण पाल, सुधा गुणवन्त, हेमा फत्र्याल, पीताम्बर मलकानी ने भी प्रस्तुतियां दीं। समापन के मौके पर आयोजक सेंट्रल हिमालयन इन्वायरमेंट एसोसिएशनचि या के अध्यक्ष डा. आरएस टोलिया ने कार्यशाला में सहयोग कर रहे संस्थानों जीआईजेड, उत्तराखण्ड, आईसीमोड, नेपाल, यूकास्ट, उत्तराखण्ड, एसआरटीटी, एनआरटीटी, मुम्बई, एसबीबी, देहरादून, एचआरडीआई गोपेर तथा मीडिया का आभार जताया। इस अवसर पर प्रो. एसपी सिंह, प्रो. पीडी पन्त, डा. पंकज तिवारी, प्रो. वीपीएस अरोडा, प्रो. जेएस सिंह, डा. एलएमएस पालनी आदि मौजूद थे।
पहाड़ में विकास के लिए बने अलग मॉडल : पचौरी
नैनीताल में बढ़ते प्रदूषण से चितिंत हैं नोबल पुरस्कार विजेता
नैनीताल (एसएनबी)। अमेरिकी उप राष्ट्रपति अलगोर व मार्टिन प्राइस के साथ नोबल पुरस्कार के साझीदार नैनीताल में जन्मे डा. आरके पचौरी पहाड़ में विकास के लिए अलग मॉडल के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि पहाड़ में मैदान अथवा पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश के विकास के मॉडल से कार्य नहीं किया जा सकता। वह अपनी जन्मस्थली में पर्यटक वाहनों के अधिक आगमन से चिंतित हैं, साथ ही खुश भी हैं कि नैनी झील पहले के मुकाबले में साफ हुई है। उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में आयोजित संगोष्ठी में आए डा. पचौरी नैनीताल पहुंचने के मार्ग की दुर्दशा से खासे परेशान दिखे। उन्होंने बातचीत की शुरूआत यह कहकर की कि इस बार यहां आने में अधिक तकलीफ हुई। नगर के हैडिंग्ले कॉटेज में जन्मे पचौरी ने कहा, उनकी मां बताती हैं कि वह इजी डिलीवरी से पैदा हुए थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को नगर में वाहनों का अधिक प्रवेश रोककर सैलानियों के लिए पैदल घूमने का अवसर उपलब्ध कराना चाहिए। जलवायु परिवर्तन पर श्री पचौरी ने कहा कि इसका सर्वाधिक प्रभाव कामगारों, किसानों पर पड़ेगा। लिहाजा अभी से जागरूक होने की जरूरत है। यहां प्राकृतिक धन की सुरक्षा करते हुए ही विकास करने होंगे तथा बेकार नष्ट हो रहे संसाधनों के उपयोग व वष्रा जल संग्रहण जैसे प्रयास करने होंगे। ईधन के लिए भी नए विकल्प तलाशने होंगे। नैनीताल के बाबत उन्होंने कहा, अपनी जन्मस्थली उनके दिल में है। उनका बचपन यहां बीता है। वह इस शहर की पूजा करते हैं।

भारत व पाक के लोगों में अमन की चाहत : बिल्लौर


पाक के रेल मंत्री को अफसोस कि आज भी दोनों देशों में पहाड़ों तक नहीं पहुंची रेल
नवीन जोशी नैनीताल। पाकिस्तान के रेल मंत्री हाजी गुलाम अहमद बिल्लौर को इस बात का अफसोस है कि भारत और पाकिस्तान आज भी रेल को पहाड़ों तक नहीं पहुंचा सके। उन्होंने दोनों देशों को तिब्बत तक रेल ला चुके चीन के साथ ही जापान, जर्मनी व यूरोपीय देशों से सबक लेने की जरूरत बताई। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के आवाम की अमन और करीब आने की ख्वाहिश अब पूरी होगी। दोनों देशों के सियासतदां भी लड़ते-लड़ते थक गए हैं। 
रविवार को अपने तीसरे भारत दौरे के दौरान पहली बार नैनीताल पहुंचे हाजी बिल्लौर ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में पहाड़ पर रेल चढ़ाने के सवाल को दोनों देशों की नाकामी से जोड़ा। खुद पाक के पहाड़ी सूबे खैबर तख्तून के निवासी बिल्लौर को अफसोस है कि वह भी अपने पहाड़ों में रेल नहीं बढ़ा पाए। उनका कहना था कि अंग्रेज भारत में शिमला और पाकिस्तान में लैंडी कोतल तक रेल ले गए थे। दोनों देशों में अभी भी रेल 120-130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर अटकी हैं, जबकि चीन में 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ चुकी है। सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खां का नाम लेते हुए बिल्लौर ने बताया कि वह उन्हीं के सूबे के हैं और पठान हैं। चीन की तरक्की पर रश्क करते हुए उन्होंने दावा किया कि चीन ने दुनिया को कर्ज देने वाले अमेरिका को तीन ट्रिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को सोचना चाहिए कि लड़ाई से सिर्फ तबाही मिलती है। दोनों देशों ने इस लड़ाई से खोया ही है, पाया कुछ नहीं। अच्छा हो दोनों मिलकर भाइयों की तरह गुजारा करें और अमन से रहें। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों ने अपनी मुद्रा एक कर ली, बीच के रास्ते और तिजारत खोल दी, इसलिए आज वह अमन व तरक्की की राह पर हैं। नैनीताल के बावत उन्होंने कहा कि यह पाक के झीलों के शहर सेफलमलू सहित और दूसरे पहाड़ी नगरों से कहीं अधिक खूबसूरत है। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ अजमेर शरीफ और बरेली शरीफ के निजी दौरे पर आए थे, बरेली से पता चला कि नैनीताल करीब है, यहां का बहुत नाम सुना था, इसलिए चले आए। सोमवार शाम वह यहां से लौट जाएंगे। 

‘गढ़वाली’ के पेशावर कांड को याद किया
नैनीताल। पाकिस्तानी बुजुर्ग नेता हाजी गुलाम अहमद बिल्लौर ने दावा किया कि हिन्दुस्तान की आजादी के लिए पाकिस्तानियों ने जलियांवाला बाग सहित सर्वाधिक कुर्बानियां दीं, उसी तरह हिंदू सैनिकों ने भी पाकिस्तानी शहर पेशावर के मशहूर किस्साखानी व बाजार-ए-कलां में अंग्रेजों के हुक्म पर अपने लोगों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को ही पेशावर कांड का नायक कहा जाता है, जिन्होंने 23 अप्रैल 1930 को रॉयल गढ़वाल रायफल्स का हवलदार रहते पेशावर में आजादी के लिए आंदोलनरत निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था।
इसे यहाँ राष्ट्रीय सहारा के प्रथम पेज पर भी देख सकते हैं.

शुक्रवार, 20 मई 2011

सदियों पहले से कुमाऊंनी में लिखी जा रहीं पुस्तकें

नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊंनी को बोली या भाषा मानने पर चल रही बहस के बीच नैनीताल में एक ऐसी पांडुलिपि प्राप्त हुई है, जो कुमाऊंनी में लिखी गई है। यह पुस्तक जन्म कुंडली निर्माण की पद्धति को बेहद सहज और सरल पद्धति से सिखाती है। देश भर में वर्ष 2003 से चल रहे राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के तहत प्रदेश में कार्य कर रहे उत्तराखंड संस्कृत अकादमी सव्रेक्षकों के हाथ अनूठे हस्तलिखित दस्तावेज हाथ लगे हैं। 
उल्लेखनीय है कि कुमाऊंनी को भाषा के इतर बोली मानने के तर्क दिए जाते हैं। तर्क है कि इसमें प्राचीन लिखित साहित्य मौजूद नहीं है। इस मान्यता को कुमाऊं विवि के मुख्यालय स्थित हिमालयन संग्रहालय में मौजूद कुमाऊंनी में जन्म कुंडली निर्माण पद्धति पर लिखित पुस्तक आईना दिखाने वाली है। राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के सर्वेक्षकों को 300 वर्ष पुराना अनूठा संस्कृत व फारसी का ज्योतिष गणना यंत्र के साथ ही जागेश्वर महात्म्य, रामगंगा महात्मय, दशकर्म पद्धति, षोडश संस्कार पुस्तक, धार्मिक कर्मकांड तंत्र-मंत्र से जुड़ी पांडुलिपियां प्राप्त हुई हैं। इन पांडुलिपियों का रानीबाग की हिमसा संस्था के क्यूरेटरों द्वारा संरक्षण किया जा रहा है। इस मौके पर सव्रेक्षकों डा. कैलाश कांडपाल व शैक्षिक समन्वयक कैलाश पंत ने आमजन से अपील की कि वह घरों में मौजूद प्राचीन पांडुलिपियों को मिशन के तहत पंजीकृत कराए।

सुमेरू से होती थी ज्योतिष गणना


कुमाऊं विवि को मिला संस्कृत और फारसी का अनूठा ज्योतिष गणना यंत्र
सूर्य व चंद्र दोनों सिद्धांतों पर आधारित है यह दस्तावेज
हिमालयन संग्रहालय में मौजूद अनूठा विशाल ज्योतिष यंत्र
नवीन जोशी नैनीताल। कुमाऊं विवि के हिमालयन संग्रहालय को एक विशाल आकार का हस्तलिखित ज्योतिष गणना यंत्र मिला है। यह संस्कृत और फारसी में लिखा गया है, इसमें सूर्य व चंद्र ज्योतिष सिद्धांतों से सौरमंडल और ब्रह्माण्ड की गणना की गई है। यह पुराने समय में कुमाऊं अंचल के ज्ञान के भंडार का दस्तावेज है। 
विवि के इतिहास विभाग के हिमालयन संग्रहालय को नगर के बिड़ला विद्या मंदिर में शिक्षक रहे इतिहासकार नित्यानंद मिश्रा के जरिए यह ज्योतिष गणना यंत्र हासिल हुआ। यह पहाड़ के ‘बड़वा’ पेड़ से हस्तनिर्मित कागज पर छह फीट एक इंच लंबा व चार फीट चौड़े विशाल आकार में है। इसमें सुमेरु पर्वत को पृथ्वी का केंद्र मानते हुऐ पृथ्वी की सतह से 12 योजन यानी 96 किमी तक के आसमान और सौरमंडल के साथ ब्रह्माण्ड में मौजूद नक्षत्रों के व्यास और उनकी कक्षाओं की विस्तृत जानकारी है। पंचांग में सुमेरु के चारों ओर कपिल, शंख, वैरूप्य, चारुश्य, हेम, ऋषभ, नाग, कालंजर, नारद, कुरंग, बैंकक, त्रिकट, त्रिशूल, पतंग, निषध व शित आदि पर्वतों तथा क्षार, क्षीर, दधि, घृत, इक्षुरस, मदिर व स्वाद नाम के सात समुद्रों का जिक्र है। समुद्रों के बीच में क्रमश: शाक, साल्मती, कुश, क्रोंच, गोमेद व पुष्कर द्वीप भी प्रदर्शित हैं। यंत्र के अनुसार चांद का व्यास 1, 03,090 योजन व नक्षत्रों का व्यास 8,29,92,224 योजन है। इसमें सूर्य सहित सभी ग्रहों व नक्षत्रों का व्यास व उनकी परिभ्रमण कक्षाएं भी अंकित हैं। यह पंचांग ज्योतिष के विपरीत सिद्धांतों सूर्य व चंद्र सिद्धांतों के समन्वय पर बना है। इसमें संस्कृत के साथ फारसी का प्रयोग किया गया है। राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन से जुड़े डा. कैलाश कांडपाल इसे करीब 300 वर्ष पुराना मुगलकालीन दस्तावेज मान रहे हैं। यंत्र को हिमालय संग्रहालय में रखा गया है। इसके अनुरक्षण का कार्य रानीबाग की संस्था हिमसा के माध्यम से किया जा रहा है।
इसे यहाँ राष्ट्रीय सहारा के प्रथम पृष्ठ पर भी देख सकते हैं। 

गुरुवार, 19 मई 2011

महंगाई नैनीताल की मोमबत्तियां बुझाने पर उतारू

पेट्रोल के मुकाबले दोगुनी वृद्धि हो रही कच्ची मोम के दामों में
नैनीताल की पहचान हैं मोमबत्तियां, तीन वर्षों में डेढ़ गुने हो गये दाम, 30 फीसद घटी बिक्री
नवीन जोशी, नैनीताल। आगरा का पेठा, हापुण के पापड़, बरेली का सुरमा व अल्मोड़ा की बाल मिठाई की तरह ही नैनीताल की मोमबत्तियां भी देश—दुनिया में अपनी पहचान रखती हैं। केंद्र की यूपीए सरकार के दूसरे बीते तीन वर्षों के कार्यकाल में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में जो रिकार्ड वृद्धि हुई है, नैनीताल का मोमबत्ती उद्योग इसकी सर्वाधिक व सीधी मार झेल रहा है। इस दौरान कच्चे मोम के दामों में पेट्रोल के मुकाबले दोगुनी वृद्धि हुई है। इसके प्रभाव में मोम के दाम डेढ़ गुने तक हो गये हैं, लिहाजा बिक्री 30 फीसद तक घट गई है। हालात ऐसे ही रहने पर आने वाले वर्ष इस उद्योग को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं।
नैनीताल में किसी दुकान पर रसीले फलों को देखकर आपके मुंह में पानी आ जाए, और पड़ताल करने पर पता चले कि वह फल नहीं सजावटी मोमबत्तियां हैं तो आश्चर्य न करें। दरअसल, नैनीताल की मोमबत्तियां होती ही इतनी सुंदर हैं कि आप नैनीताल आएं  और मोमबत्तियां लिये बिना लौट जाएं , ऐसा संभव नहीं है। लेकिन बीते तीन दशकों में पहले इस उद्योग में चीन का बर्चस्व शुरु हुआ, और अब यह देश में बढ़ी पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि की लगातार व जबर्दस्त मार झेलते हुऐ दम तोडऩे की राह पर है। गौरतलब है कि मोमबत्तियां पैराफीन वैक्स की बनी होती हैं, जो एक पेट्रोलियम उत्पाद है। उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि तीन वर्ष पूर्व कच्चा मोम 9 से 10 रुपये किग्रा के भाव मिलता था, जो अब 14 से 15 के भाव हो गया है, यानी इस दौरान पेट्रोल के दामों में जो 23 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई, उसके प्रभाव में मोम करीब दोगुनी महंगी हो गई। नगर में सजावटी मोमबत्तियों का कारोबार करीब पांच करोड़ रुपये का है, और करीब चार हजार लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं, जिनमें 6 फीसद महिलाएं  हैं। वर्तमान हालातों की बात करें तो 7 के दशक में अनिल ब्रांड की मोमबत्तियों से इस उद्योग की शुरुआत करने वाली सीए एंड कंपनी सहित दर्जनों इकाइयां बंद हो चुकी हैं। अब केवल एक दर्जन ही उत्पादक बचे हैं। नगर की फोर सीजन केंडल शोप के स्वामी इस्लाम सिद्दीकी की मानें तो बढ़ती महंगाई के प्रतिफल में सजावटी मोमबत्तियों की बिक्री करीब 30 फीसद कम हो गई है। वह इसके लिये साफ तौर पर केंद्र की यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की नीतियों को जिम्मेदार बताते हैं। उनका कहना है कि सरकार को दम तोड़ रहे नगर व प्रदेश की पहचान से जुड़े इस उद्योग को बचाने के प्रयास करने चाहिए।
ग्लोबलवार्मिंग के कारण भी घट रही बिक्री
नैनीताल। सुनने में यह बात अटपटी लग सकती है, परंतु मोमबत्ती उद्योग से जुड़े लोग बढ़ती गर्मी को भी मोमबत्तियों की घटती बिक्री से जोड़कर देख रहे हैं। कैंडिल विक्रेता इस्लाम सिद्दीकी के अनुसार यह मोमबत्तियां अधिकतम 48 डिग्री सेल्सियस का तापमान सह सकती हैं, किंतु मैदानों में पारे के 5 डिग्री तक पहुंचने पर गलने की संभावना से भी लोग मोमबत्तियां कम खरीद रहे हैं।

बुधवार, 18 मई 2011

अब नहीं रहेगी पहाड़ में चारे की समस्या


नवीन जोशी
नैनीताल। मैदानों के साथ पहाड़ भी गर्मी में झुलस रहे हैं, और पशुपालक परेशान हैं कि कैसे बरसात होने तक जानवरों का पेट पालें। ऐसे में यह खबर खासकर पहाड़ के पशुपालकों के लिए बड़ी राहत देने वाली हो सकती है। इन गर्मियों में तो नहीं, किंतु जल्द ही प्रदेश का पशुपालन महकमा कुमाऊं मंडल के पर्वतीय अंचलों में 115 हेक्टेयर भूमि पर 23 चरागाह विकसित करने जा रहा है। विभाग को इसके लिए 113.85 लाख रुपये भी शासन से प्राप्त हो गये हैं। बाद में सभी पहाड़ी ब्लाकों में दो-दो यानी 68 चरागाह बनाने की योजना भी तैयार की जा रही है। कुमाऊं मंडल के उप निदेशक पशुपालन डा. भरत चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली 14 योजनाओं में ग्रास लैंड डेवलपमेंट एंड ग्रास रिजर्व योजना भी शामिल हैं। इसके तहत मंडल के मैदानी जनपद ऊधमसिंह नगर को छोड़कर (क्योंकि इस जिले में वन पंचायतें ही नहीं हैं) अन्य पांच जिलों के आठ विकास खंडों में 23 वन पंचायतें चिह्नित की गई हैं। यहां चरागाह विकसित करने के लिए धनराशि मिल गई है। श्री भरत चंद्र ने बताया कि योजना के तहत इन चिह्नित वन पंचायतों की 115 हेक्टेयर भूमि पर ऊंचाई के अनुसार पहाड़ के परंपरागत भीमल, तिमिल जैसे चारा वृक्ष व घास के पौधे रोपे जाएंगे। बाद में इन पर्वतीय जिलों के सभी 34 विकास खंडों के दो-दो यानी कुल 68 गांवों में भी ऐसे ही चरागाह विकसित करने का प्रस्ताव है।
जानवर खाएंगे रेडीमेड चारा केक
नैनीताल। उप निदेशक पशुपालन डा. भरत चंद्र ने बताया कि कुमाऊं के 41 (ऊधमसिंह नगर जनपद भी शामिल) में से 32 विकास खंडों में चारा बैंक विकसित कर लिए गये हैं। शीघ्र ही अन्य 18 ब्लॉकों में भी स्थापित किये जा रहे हैं। इन चारा बैंकों में जानवरों के लिए भूसा व शीरा के अलग-अलग अनुपात वाले 12 व 14 किग्राके ठोस चारा केक उपलब्ध करा दिये गये हैं। इन केक को पानी मिलाकर जानवर बड़े चाव से खा रहे हैं।
नहीं रिझा सकी बिग डेयरी योजना
नैनीताल। पशुपालन विभाग ने पुरानी योजना को परिवर्तित कर जो डेयरी उद्यमिता विकास योजना (बिग डेयरीयोजना) शुरू की है, उसे नैनीताल के पशुपालकों ने तो खूब पसंद किया है, पर यह पहाड़ के पशुपालकों को रिझाने में असफल रही है। दो से 10 दुधारू पशुओं की खरीद के लिए नाबार्ड से 25 फीसद अनुदान पर एक से पांच लाख के ऋ ण वाली इस योजना में 211 के लक्ष्य के सापेक्ष 648 आवेदन आये। इन आवेदनों में पर्वतीय पशुपालकों के आवेदन कम ही थे और जो थे भी वह दो या तीन जानवरों तक सीमित थे। बीती 31 मार्च तक ही लक्ष्य से अधिक 296 आवेदकों को 3.27 करोड़ रुपये के ऋ ण स्वीकृत हो गये।