पहली से नगर में शुरू होगा अतिक्रमण हटाने व झील से मलबा निकालने का अभियान
नैनीताल (एसएनबी)। जिला अधिकारी ने सरोवरनगरी में हो रहे 52 निर्माणों को तत्काल रोकने तथा इनकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। नगर में आगामी एक मई से अतिक्रमणों को हटाने तथा नैनी झील से मलबा निकालने का अभियान शुरू होगा। बरसात से पूर्व नालों से मलवा हटा लिया जाएगा। नगर के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में भूमि व भवनों की रजिस्ट्री रोकने के लिए कानूनी राय ली जाएगी। नैनी झील व नगर के बाबत विभिन्न विभागों के समन्वयक की भूमिका झील विकास प्राधिकरण निभाएगा। नगर के गणमान्य लोगों की एक निगरानी समिति बनाई जाएगी, जो हर माह बैठकें कर अवैध निर्माणों पर नजर रखेगी।
शुक्रवार को आयुक्त सभागार में आयोजित बैठक के बाद डीएम शैलेश बगौली ने यह निर्णय सुनाए। यह बैठक करीब 300 लोगों के हस्ताक्षरों युक्त एक शिकायत पर बुलाई गई थी, जिसमें अवैध निर्माणों का आरोप लगाया था, लेकिन शिकायत करने वालों से इतर बड़ी संख्या में नगरवासी बैठक में शामिल हुए। इस हंगामी बैठक में नगरवासियों ने एक-दूसरे की बातों में टोका- टोकी करते हुए अपनी बातें रखीं। कई लोग इस बहाने अपने निजी व राजनीतिक हित साधते भी नजर आये। अधिकांश लोगों ने स्वीकार किया कि नगर के उत्थान में सभी की भागेदारी होनी जरूरी है। ग्वल सेना के संयोजक पूरन मेहरा ने घोड़ा स्टैंड व कूड़ा खड्ड पर गंदगी की समस्या उठाई। मनोज जोशी ने पर्यावरणविदों पर स्वयं नियमों का उल्लंघन कर दूसरों के मामलों में टांग अड़ाने का आरोप लगाया। पान सिंह रौतेला ने झील विकास प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि झील के संरक्षण के बजाय निर्माण उसकी प्राथमिकता में है। उन्होंने शेर का डांडा की ग्रीन बेल्ट व सर्वाधिक असुरक्षित क्षेत्र में सर्वाधिक निर्माण जारी होने की बात कही। प्रवीण शर्मा ने खुलासा किया कि 1984 से प्राधिकरण ने 1320 अवैध निर्माण चिह्नित किये हैं। खास बात यह थी कि इस सूची में शामिल कई लोग भी बैठक में अवैध निर्माणों की दुहाई दे रहे थे। डीएन भट्ट, कुंदन नेगी आदि ने फड़वालों पर गंदगी फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। प्रो. अजय रावत ने नगर में अवैध निर्माणों पर रोक लगाने की पुरजोर मांग की। किशन लाल साह 'कोनी' ने कहा कि केवल माल रोड पर सफाई करने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने प्राधिकरण से अवैध निर्माणों पर लगाई सील हटने का प्रश्न भी उठाया। इस मौके पर एडीएम ललित मोहन रयाल, प्राधिकरण सचिव एचसी सेमवाल, सीओ अरुणा भारती, पूर्व पालिकाध्यक्ष सरिता आर्य, मारुति साह, गिरिजा शरण सिंह खाती, राजा साह, भूपाल भाकुनी व महेश भट्ट सहित तमाम गणमान्य नागरिक मौजूद थे।