यहाँ पर्यावरण व सामाजिक विज्ञान का अध्ययन करेंगे लीबिया के छात्र
नैनीताल (एसएनबी)। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व अनुशासन को प्राथमिकता देने के साथ ही देश के अग्रणी विश्वविद्यालय बनने की राह पर आगे बढ़ रहे कुमाऊं विवि में लीबिया के विद्यार्थी पर्यावरण विज्ञान व सामाजिक विज्ञान पढ़ने के लिए आएंगे। विवि आगामी सत्र से पर्यावरण व इनरमैनेजमेंट तथा बीएससी स्तर पर फिशरीज साइंस, सिनेमा में डिप्लोमा, क्लिनिकल साइकोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, महिला अध्ययन केंद्र, इंस्टिटय़ूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का उत्तराखंड चैप्टर, रीजनल सेंटर ऑफ इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट तथा सूचना अधिकार व बौद्धिक संपदा से संबंधित डिप्लोमा पाठय़क्रम भी शुरू करने जा रहा है। बुधवार को विवि प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि गत दिवस मुख्यमंत्री ने उनकी मांग पर यूजीसी के 22 पदों पर नियुक्ति, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, शिक्षकों को यूजीसी के प्रावधानों के अनुसार छठे वेतनमान के अंतर्गत राज्य का 80 फीसद एरियर, अल्मोड़ा परिसर में योग विभाग के सृजन पर सैद्धांतिक सहमति देकर प्रस्ताव मांग लिया है। साथ ही पुस्तकालय हेतु 51 लाख रुपये देने की घोषणा भी की है। कुलपति ने बताया कि कुमाऊं विवि को बीएचएमएस डिग्री हेतु भारत सरकार से अनुमति मिल गई है। इसी कड़ी में रुद्रपुर के चंदोला होम्योपैथी कॉलेज में प्रवेश पर लगी रोक समाप्त हो गई है। वाषिर्क परीक्षाओं में आई 90 फीसद गलतियां ठीक कर ली गई हैं, साथ ही वाणिज्य वर्ग की सौ फीसद व विज्ञान की 90 फीसद कापियों का मूल्यांकन भी हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिया कि 30 जून से पूर्व सभी अंतिम वर्ष के परिणाम जारी कर शैक्षिक कलेंडर के अनुसार आगामी चार जुलाई से नये सत्र में प्रवेश प्रारंभ हो जाएंगे। उन्होंने हल्द्वानी में एमबी महाविद्यालय में कुछ शिक्षकों द्वारा शोध विद्यार्थियों को ‘गाइड’ करने से मना करने को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही विवि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अंतर्गत नेट संयोजन से जुड़ जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान नए पाठय़क्रम शुरू करने पर कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने कुलपति की पहल सराहना की।
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