कभी नैनीताल के शेरवुड में पढ़ाई के दौरान फिल्म देखने से रोका, और भागे अमिताभ की मदद की थी दुर्गा दत्त ने
अपने ब्लॉग में इस घटना का उल्लेख किया अमिताभ बच्चन ने
नवीन जोशी नैनीताल। 70 के दशक में फिल्में देखने के शौकीन बालक अमिताभ को शेरवुड कालेज के एक कर्मचारी ने रंगे हाथों पकड़ लिया था, तब अमिताभ उस शख्स को देखकर साथियों से फुसफुसाये थे, ‘लू’ज चैप’ यानी विद्यालय के प्रधानाचार्य रैवरन लेनिन का चपरासी। आज अमिताभ को उनके 70वें जन्मदिन पर उसी ‘लू’ज चैप’ ने नैनीताल से जन्म दिन की बधाई भिजवाई है, ‘हैप्पी बर्थ डे बिग बी’। यह बधाई यदि अमिताभ तक पहुंचे तो शायद यह अमिताभ के लिए अपने जीवन के सभी जन्म दिवसों की अविस्मरणीय बधाई साबित हो।
sadee के महानायक अमिताभ के लिए वह दिन हमेशा अविस्मरणीय रहा, जब एक शक्श ने उन्हें न केवल फिल्म देखने से रोका था, वरण अनुशाशन का पाठ भी पढ़ाया था । तभी तो विगत वर्ष 2008 में जब अमिताभ अपना स्कूल शेरवुड छोड़ने के 50 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर नैनीताल आये तो जीवन के नौवें दशक में पहुंचे बूढ़े ‘लू’ज चैप’ को न केवल आसानी से पहचान लिया वरण गले भी लगा लिया। पढ़ाई के दिनों से ही फिल्मों के दीवाने अमिताभ वर्ष 1956 से 1958 तक शेरवुड के रोबिनहुड होस्टल में रहे.
उस दिन रात नौ से 12 का शो देखने के लिए साथियों के साथ बाजार की ओर भागे चले जा रहे थे। तभी डिग्री कालेज के निकट एक शख्स को देखकर वह साथियों से फुसफुसाये, ‘लू’ज चैप’ और मुंह को दुशाले से ढक लिया। सहसा दुर्गा दत्त पांडे नाम का वह शख्स उन पर झपटा और चीखा, ‘गो अप’। अमिताभ मिन्नतें करने लगे, आज जाने दो। उसने कहा, अभी साहब को बताता हूं। अमिताभ डर गये, वह जानते थे, प्रिंसिपल रैवरन लेवलिन जिन्हें बच्चे शैतानी में ‘लू’ कहा करते थे, खुद कालेज के गेट पर पहरेदारी करते हैं। वह जरूर पूछेंगे और पकड़े जाएंगे। दुर्गा दत्त ने तसल्ली दी, साहब से नहीं कहूंगा, जब जाना हो पूछ के जाया करो। अमिताभ साथियों सहित वापस लौट आये। स्कूल गेट पर पहुंचे तो सचमुच प्रिंसिपल लेवलिन गेट पर मौजूद थे। दुर्गा ने उन्हें अम्तुल्स की ओर से भीतर प्रवेश करा दिया। यह बात अमिताभ को करीब तीन दशक बाद विगत वर्ष कालेज लौटने तक भी याद रही। उन्होंने अपने ब्लॉग पर भी एक बार लिखा था, शेरवुड में मिली अनुशासन की सीख ने ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज उसी ‘लू’ज चैप’ यानी दुर्गा दत्त को जब अमिताभ के 70वें जन्म दिन की जानकारी दी गयी तो 92 वर्षीय दुर्गा ने सीना यूं फुला लिया, मानो उनके बेटे ने कोई बड़ा मुकाम हासिल कर लिया हो। गर्व से बोले, बिग बी तक मेरी शुभकामनाएं पहुंचा दें। अतीत में खोते हुए उन्होंने बताया, आजादी से पूर्व 1941 से अपने घर ग्राम अड़चाली गरुड़ाबांज (अल्मोड़ा) से आकर शेरवुड में नौ रुपये माहवार पर कार्य करना शुरू किया था। इस दौरान प्रिंसिपल रैवरन बिंस से लेकर न जाने कितने बड़े लोगों से साबका हुआ, लेकिन हरवंशराय बच्चन के उस बच्चे में न जाने क्या था जो कॉलेज के रॉबिनहुड छात्रावास में रहकर नौवीं कक्षा में यहां आया और सीनियर कैंब्रिज यानी 11वीं कक्षा पढ़कर वापस लौट गया, लेकिन एक बेटे की तरह जीवन का हिस्सा और सबसे बड़ी पूंजी बन गया।