-परी कथा की तरह रहा है एक ग्रामीण बच्ची का महिला कांग्रेस के शीर्ष तक पहुंचने का सफर
नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल की विधायक सरिता आर्या को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मुख्यालय के निकटवर्ती गांव में अपनी माता के हाथों में पली एक बालिका का महिला कांग्रेस के शीर्ष पद पहुंचने का सफर किसी परी कथा की तरह रहा है, और इस कथा में सबसे बड़ी भूमिका सरिता आर्या के मृदुभाषी होने तथा पदों की प्राप्ति के बावजूद स्वयं के व्यवहार में कोई परिवर्तन खासकर किसी तरह का दंभ रखे बिना छोटों-बढ़ों सबको सम्मान देने की रही है। किसी भी व्यक्ति से हाथ जोड़कर कुशल क्षेम पूछना और कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि होने के बावजूद पीछे की पंक्ति में बैठे परिचितों का अभिनंदन करना जैसे उनकी पहचान बन गई है।
एक ग्रामीण बालिका से आईएएस अधिकारी की पत्नी तथा दो बेटों की मां के रूप में एक गृहणी के रूप में घर-गृहस्थी संभाल रही सरिता का सार्वजनिक जीवन में पदार्पण वर्ष १९९० में ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस में जुड़ने के साथ हुआ। वर्ष २००३ में वह सीधे व पहले प्रयास में ही नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष की बड़ी भूमिका के लिए निर्वाचित हुर्इं और २००८ तक इस पद पर उनका बेदाग कार्यकाल रहा। आगे २००९ में ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस ने उन्हें नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सोंपी, जिसके जरिए अन्य दलों की महिला नेत्रियों के साथ भी उनके मधुर संबंध रहे। वर्ष २०१२ में एक बारगी सरिता को कांग्रेस पार्टी से टिकट प्राप्त करने के लिए पत्रकार वार्ता का सहारा लेना पड़ा था, जिसके बाद उनका टिकट फाइनल हुआ तो उन्होंने उक्रांद व भाजपा के हाथों रही नैनीताल सीट पर कांग्रेस को रिकार्ड २३ वर्षों के बाद सत्ता में वापस ला दिया। इधर राज्य की राजनीति में बदलते समीकरणों, जनपद के अन्य अनुसूचित जाति के नेता यशपाल आर्य के जनपद से बाहर से लड़ने से खाली हुई अनुसूचित नेता की जगह को बखूबी भरते हुए सरिता पहले मंत्री स्तरीय संसदीय सभा सचिव का पद प्राप्त करने के बाद महिला कांग्रेस के शीर्ष पर पहुंची हैं, जिस पर उनके दल के ही नहीं विरोधी दलों के लोग भी खुशी जता रहे हैं। उनके नजदीकी हांे या कि विरोधी, सबका मानना है कि उनका मृदुभाषी होना उनकी सबसे बड़ी ताकत है, जिसके बाद उनके मुस्कुराते चेहरे के आगे कोई विरोधी भी विरोधी नहीं रह पाता है। बुधवार को उनका मुख्यालय में स्वागत होने तथा आगामी १६ मई को पदभार संभाले जाने की संभावना है।