मूसलाधार बारिश के बीच सैकड़ों महिलाओं, छात्र- छात्राओं ने पारंपरिक वस्त्रों में सजकर कराया नगर भ्रमण
नैनीताल (एसएनबी)। एक वर्ष के लंबे अंतराल और एक-एक दिन गिनने के बाद आखिर वह दिव्य पल आ गए जब राज्य की कुलदेवी मां नंदा और सुनंदा पवित्र कदली (केला) वृक्षों के रूप में मां नयना की नगरी में लौट आईं। अब वह अगले छह दिनों तक एक बेटी के रूप में अपने मायके में रहेंगी। उनके आगमन पर आज नगर के सभी नर-नारी श्रद्धालु हर्षित हो उठे। उनके नगर भ्रमण में सैकड़ों लोगों, खासकर महिलाओं की भीड़ मूसलाधार बारिश के बावजूद पारम्परिक परिधानों में उमड़ी, जबकि बड़ी संख्या में नगरवासियों ने सड़क किनारे और घरों की बुजरें से भी उनके दर्शन करते हुए उनका स्वागत किया।
रविवार को पवित्र कदली वृक्षों के रूप में मां नंदा-सुनंदा का मंगोली से आकर सबसे पहले सूखाताल में अवतरण हुआ। यहां आदर्श रामलीला कमेटी सूखाताल के सदस्यों, महिलाओं व अन्य श्रद्धालुओं में माता का स्वागत किया, यही सिलसिला कदली दलों के तल्लीताल स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में पहुंचने पर भी चला। दोनों स्थानों पर भंडारे व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। वैष्णव देवी मंदिर समिति के सदस्यों ने कदली वृक्षों की परम्परा के अनुसार पूजा- अर्चना की। यहां से शक्ति स्वरूपा मां नंदा-सुनंदा कदली वृक्षों के रूप में नगर भ्रमण पर निकलीं। तल्लीताल धर्मशाला और बाजार से पारम्परिक रंग्वाली लहंगे-पिछौड़े में सजी माउंट रोज महिला समिति सहित कई संगठनों की पूर्व सभासद मंजू रौतेला, मंजू पाठक, सरस्वती खेतवाल, जीवंती भट्ट, तारा राणा, दया बिष्ट व लीला साह आदि महिलाएं व छात्राएं कुमाऊं के परम्परागत घांघरा व रंग्वाली पिछौड़ा के वस्त्रों में सजकर और मां के रूप में आत्मसात होकर कलश यात्रा में भारी बारिश में तरबतर होते हुए भी भजन-कीर्तनों से साथ चल रही थीं। श्रद्धालु ‘जै मां नंदा सुनंदा तेरी जै जैकारा’ के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। बैंड एवं कुमाऊं के पारम्परिक छोलिया नर्तक, ढोलद माऊ, मशकबीन व नगाड़े की थाप पर लोगों में जोश भर रहे थे। सबसे आगे शांति का प्रतीक धवल ेत तो सबसे पीछे विजय के लिए क्रांति का संदेश देता लाल ध्वज पारंपरिक रूप में चल रहा था। मां नगर भ्रमण करते हुए माल रोड से नैनी सरोवर का चक्कर लगा कर मल्लीताल बाजार पहुचीं, जहां आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा में कुछ देर विश्राम एवं पूजा-अर्चना के पश्चात कदली वृक्षों को मां के आकर्षक मूर्ति रूप में परिवर्तित करने के लिए नयना देवी मंदिर के समीप रख दिया गया। शोभायात्रा में श्रीराम सेवक सभा के संरक्षक गंगा प्रसाद साह, अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव राजेंद्र लाल साह, मुकुल जोशी, कमलेश ढौंढियाल, अनूप शाही, विमल चौधरी, जगदीश बवाड़ी, अजय बिष्ट, देवेंद्र लाल साह व कैलाश जोशी, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, विक्की राठौर व राजेंद्र मनराल सहित सभी सदस्य एवं नगर के बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रही। बच्चों को बारिश की वजह से रोक दिया गया।
बारिश संग मौसम ने कराए दिव्य अनुभव
नैनीताल। माता नंदा के कदली स्वरूप में नगर भ्रमण के अवसर पर मूसलाधार बारिश हुई। इससे पूर्व बीते कुछ दिनों से खिली धूप के बीच महोत्सव के दीप प्रज्वलन के बाद बारिश का सिलसिला चल पड़ा है। उल्लेखनीय है कि बारिश को धार्मिक आयोजनों के बीच बेहद शुभ माना जाता है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब शोभायात्रा के शुरू होते ही मूसलाधार बारिश हुई। इसे श्रद्धालु माता के मायके में पहुंचने के दिव्य अनुभवों से जोड़कर देख रहे हैं।
भावुक हुई महिलाएं
नैनीताल। कालाढूंगी मार्ग स्थित मंगोली के ग्रामीण आज स्वयं को धन्य मान रहे थे। कारण, उनके गांव को इस वर्ष के नंदा महोत्सव के लिए कदली वृक्ष लाने के लिए चयनित किया गया था। इस दौरान गांव में एक ओर जश्न जैसा माहौल था, जो कदली वृक्षों की नैनीताल को विदाई के दौरान बेहद भावुक पलों में बदल गया। कई महिलाएं झूम रही थीं। इससे पूर्व गत रात्रि गांव में चयनित कदली वृक्षों की विशेष पूजा हुई।