Tourism लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Tourism लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 4 जनवरी 2015

क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन ?

कुमाऊं आयुक्त ने दीं सोलर स्ट्रीट लाइटें, कूड़ा निस्तारण और शौचालय के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विगत वर्ष मुख्यालय में आयोजित जिले के पर्यटन व्यवसायियों की बैठक में दूरस्थ पर्यटन स्थलों को विकसित करने और सैलानियों के लिए ढांचागत पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सीएम की इस पहल से उत्साहित जनपद के पर्यटन स्थल मुक्तेश्वर के पर्यटन व्यवसायियों ने गत दिवस कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल से मिलकर अपनी देखभाल की सहभागिता की पेशकश करते हुए मुक्तेश्वर व निकटवर्ती अन्य पर्यटक स्थलों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाने, कूड़ा निस्तारण का प्रबंध करने और शौचालय का निर्माण कराने का अनुरोध किया। आयुक्त ने डीएम नैनीताल को मामला संदर्भित किया। मामले में पूर्व में जिला पंचायत निधि से मुक्तेश्वर के लिए इन सुविधाओं के लिए धनराशि स्वीकृत होने की बात प्रकाश में आई। लिहाजा डीएम दीपक रावत ने जिला पंचायत से इस बारे में आख्या मांगी है, जबकि जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने पूर्व में स्वीकृत धनराशि से इन कायरे के विभिन्न कारणों से न हो पाने की स्थिति में धनराशि को अन्य कायरे में लगा देने की बात कही है। इससे सीएम की मंशा के पूरे होने और मुक्तेश्वर के दिन बहुरने पर संशय उत्पन्न हो गया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी पेटवाल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ह्यांकी के निर्देशों पर मुक्तेश्वर में शौचालय बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन लोनिवि द्वारा जरूरी मात्रा में भूमि उपलब्ध न करा पाने के कारण उस धनराशि का अन्य कायरे में सदुपयोग कर लिया गया। कहा कि अन्य सुविधाओं के लिए अभी कोई प्रस्ताव या धनराशि उपलब्ध नहीं है। जिला पंचायत बोर्ड की अगली बैठक में ही इस पर चर्चा हो सकती है।

::असर::सोलर लाइट से रोशन होगा मुक्तेश्वर

-जिला पंचायत ने उरेडा को भेजा प्रस्ताव, मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख में लगेंगी पांच सोलर लाइटें
नैनीताल। 'राष्ट्रीय सहारा" ने बीती चार जनवरी को जनपद के मुक्तेश्वर पर्यटन स्थल में सुविधाओं की कमी पर 'क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन" शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका असर हुआ है। जिला पंचायत ने समाचार प्रकाशित होने के उपरांत मुक्तेश्वर के साथ ही इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों, भटेलिया व कसियालेख में एक-एक सहित कुल पांच सोलर लाइटें लगाने का प्रस्ताव उरेडा को प्रेषित कर दिया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने 'राष्ट्रीय सहारा"  को बताया कि जिला पंयायत अध्यक्ष यशोदा प्रसाद की स्वीकृति के क्रम में उन्हीं की १३वें वित्त आयोग की निधि से मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख के लिए पांच सोलर लाइटों की मंजूरी दे दी है। एक सोलर लाइट करीब २० हजार रुपए की होगी, इस प्रकार कुल एक लाख रुपए के खर्च का अनुमान है।

मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

कुमाऊं के 53 नए रूटों पर चलेंगी रोडवेज की बसें, केमू व प्राइवेट ऑपरेटरों को 'ठेंगा"



-रक्त संबंधों के अलावा अन्य परमिट नामांतरणों पर भी आरटीए की 'नां -आरटीए की बैठक में हुए निर्णय, जनता की मांग एवं आरटीओ की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद ही मिलेंगे नए रूट परमिट
-वाहनों में गाने बजाने पर लगाई पाबंदी
नवीन जोशी, नैनीताल। कुमाऊं मंडल के परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने मंडल में राज्य परिवहन निगम (रोडवेज) को 53 नए रूटों पर बस संचालन की अनुमति दे दी है। जबकि कुमाऊं मोटर औनर्स यूनियन यानी केमू तथा अन्य निजी ऑपरेटरों को नए रूटों के लिए परमिट देने एवं पुराने परमिटों के गैर रक्त संबंधों वाले नामांतरण के सैकड़ों मामलों पर आरटीए का रुख पूरी तरह कड़ा और 'नां" की मुद्रा में रहा है। आरटीए ने इस बाबत आए सैकड़ों प्रस्तावों के आरटीओ (संभागीय परिवहन अधिकारी) कार्यालय से बिना उचित होमवर्क के सीधे आरटीए में आने पर नाराजगी जताई तथा आगे जनता की मांग पर ही तथा आरटीओ द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट के उपरांत ही ऐसे मामलों पर सकारात्मक कार्रवाई करने का इरादा जताया। इससे मंडल भर से मुख्यालय आए सैकड़ांे प्राइवेट ऑपरेटरों, बस मालिकों को मायूसी का सामना करना पड़ा। अलबत्ता, उनके लिए राहत की बात रही कि आगे आरटीए की बैठक हर दो माह में तथा अगली बैठक इसी वर्ष  दिसंबर माह के भीतर होगी।
"बुधवार को झील विकास प्राधिकरण सभागार में कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की उपस्थिति में नियमानुसार हर दो माह की जगह दिसंबर 2012 से दो वर्ष के बाद आयोजित हुई आरटीए की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि वाहन परमिट का स्थानान्तरण केवल पारिवारिक सदस्यों में ही होगा, अन्य व्यक्तियों के परमिट बेचने अथवा खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। अन्य व्यक्तियों को परमिट बेचना पाये जाने पर परमिट निरस्त कर दिया जायेगा। एक वर्ष से अधिक समय तक वाहन ना चलाये जाने व परमिट नवीनीकरण न किये जाने पर नया आवेदन प्रस्तुत करना होगा। किसी रूट पर वाहनों की संख्या आदि के बाबत फिजीबलिटी का सर्वे कर तथा जनता की मांग पर ही रूट पर वाहन के परमिट दिये जाएंगे। मंडलायुक्त ने आरटीओ को निर्देश दिये कि वे वाहनों के परमिटों की कड़ाई से नियमित रूटवार चेकिंग करायें। साथ ही निर्णय लिया गया कि डीएम की सर्वे के बाद संस्तुति के उपरांत ही परमिट जारी किये जायेंगे। केमू के वाहनों के रूट विस्तार के बाबत मिले आवेदनों पर निर्णय लिया गया कि आरटीओ व डीएम द्वारा रूटों की सर्वे के उपरांत ही रूट विस्तार दिया जायेगा। केमू को हर सप्ताहके रूट चार्ट को वाहन नंबर सहित तीन दिन पहले आरटीओ कार्यालय में उपलब्ध कराना होगा। इसके बाद संबंधित वाहन न चलता पाए जाने पर वाहन मालिक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कान्टेक्ट कैरेज एक निश्चित स्थान से दूसरे निश्चित स्थान तक ही जायेंगे। रास्ते में सवारियां ढोते हुये पाये जाने पर उनके परमिट निरस्त किये जायेंगे। वाहनों में टेप, सीडी आदि बजाने पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण पावंदी लगा दी गयी है। बैठक में अपर आयुक्त राजीव साह, झीविप्रा के सचिव श्रीश कुमार, आरटीओ एसके सिंह, आरटीए सदस्य मनीष छावड़ा, एआरटीओ गुरदेव सिंह, एजीएम रोडवेज पवन मेहरा व विजय जोशी आदि उपस्थित रहे।  

हल्द्वानी से वाया गौलापार टनकपुर को चलेंगी सात रोडवेज बसें

नैनीताल। आरटीए की बैठक में रोडवेज को जो 53 नए परमिट दिए गए, उनके अनुसार हल्द्वानी से टनकपुर के लिए गौलापार, चोरगलिया के रास्ते रोडवेज की सात नई बसें चला करेंगी। अभी तक इस रूट पर प्राइवेट बसें ही चलती हैं। इनके अलावा रानीखेत से सिमलगांव नैनीताल होते हुए रुद्रपुर के लिए दो, रानीखेत से गनाई, हल्द्वानी होते हुए रुद्रपुर के  लिए दो, भवाली नैनीताल चनौती को दो, भवाली नैनीताल घोड़ाखाल को एक, हल्द्वानी किच्छा टनकपुर को एक, काशीपुर रामनगर रुद्रपुर को दो, रामनगर टनकपुर को एक, लोहाघाट किच्छा टनकपुर हल्द्वानी को तीन, काशीपुर टनकपुर जसपुर को दो, जसपुर नैनीताल रुद्रपुर को दो, हल्द्वानी रुद्रपुर काशीपुर को एक, काशीपुर हल्द्वानी टनकपुर को एक, काशीपुर कालाढुंगी रामनगर नैनीताल को एक, टनकपुर हल्द्वानी को पांच, टनकपुर डीडीहाट को दो, टनकपुर झूलाघाट को दो, टनकपुर बागेश्वर को दो, टनकपुर नैनीताल एक, पिथौरागढ़ नैनीताल हल्द्वानी दो, पिथौरागढ़ टनकपुर काशीपुर चार, लोहाघाट देवीधूरा हल्द्वानी दो, टनकपुर काशीपुर तीन, लोहाघाट पंचेश्वर रुद्रपुर दो नए परमिटों को आज मंजूरी दी गई। जबकि प्राइवेट ऑपरेटरों के ५० इंटरसिटी बस परमिट एवं 98 परमिट ट्रांसफर के आवेदनों में से रक्तसंबंध वाले केवल आठ मामलों को ही बैठक में मंजूरी मिल पाई।

शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

जिम कोर्बेट की यादों से रूबरू होंगे सैलानी

विश्व पर्यटन दिवस पर जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल यात्रा होगी आयोजित
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबंध निदेशक ने ‘जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल’ की एक नई परिकल्पना पेश की है, जिसे 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू किया जा रहा है। इस परिकल्पना के तहत निगम सैलानियों को 950 रुपये में प्रतिदिन प्रसिद्ध अंग्रेज शिकारी जिम कोर्बेट के जन्म स्थान नैनीताल और छोटी हल्द्वानी-कालाढुंगी के बीच उनकी यादों से जुड़े स्थानों की यात्रा कराई जाएगी। निर्धारित शुल्क में ही यात्रियों का आवागमन, विशेषज्ञ गाइड की सुविधा, दिन का भोजन, शाम का नास्ता और संबंधित दर्शनीय स्थलों के प्रवेश शुल्क व अन्य कर आदि शामिल होंगे। निगम के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 27 सितम्बर को सुबह नौ बजे जिम कोर्बेट के प्रयासों से बने मल्लीताल स्थित बैंड स्टैंड से होगी। यहां से यात्रियों को स्विस होटल, कोर्बेट के घर गर्नी हाउस, कोर्बेट द्वारा नैनीताल से कालाढुंगी आने-जाने के लिए प्रयुक्त पैदल रास्ते-पोनी ट्रेल, घटगढ़, अरुंडेल, बौड़ नहर, काब्रेट का फार्म यार्ड व छोटी हल्द्वानी कालाढुंगी स्थित कोर्बेट संग्रहालय, कोर्बेट का मोती हाउस, छोटी हल्द्वानी के बाहर की बाउंड्री वाल, चौपाल व कोर्बेट की सिंगल बैरल की मजल लोडर बंदूक और कोर्बेट फॉल आदि के दर्शन भी कराए जाएंगे।

गुरुवार, 25 सितंबर 2014

आज ही निपटा लें बैंक और दफ्तरों के काम, आगे हफ्ते भर रहेगा आराम


-इस माह के आखिर से अगले पूरे दिन बैंकों में काम न होने की संभावना
नवीन जोशी, नैनीताल। श्राद्ध पक्ष में खरीददारी और बैंकिंग कार्यों से दूर रहने के बाद यदि आप अब अपने ऐसे कार्य अगले सप्ताह निपटाने और नवरात्रि से दिवाली तक के ‘फेस्टिव सीजन’ की शुरुआत करने योजना बनाए हुए हैं, तो संभल जाइए। जान लीजिए कि अगले करीब-करीब पूरे सप्ताह बैंकों में कार्य नहीं होने वाला है। वरन बैंकों के कार्य प्रभावित होने की शुरुआत इसी सप्ताहांत से हो जाएगी। ऐसे में कोशिष करें कि कुछ कार्य आज ही यानी शुक्रवार को और शेष अगले सोमवार को ही निपटा लें।
हालांकि इस बीच बैंकों की कोई हड़ताल जैसे हालात भी नहीं हैं, लेकिन इस शनिवार यानी 27 सितंबर से अगले सप्ताह तक बैंकों में छुट्टियों की झड़ी लगने जा रही है। 27 को सप्ताहांत पर आधे दिन का बैंक होगा, जबकि 28 को रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। आगे सोमवार को बैंक खुलेंगे तो इस बार 30 सितंबर और एक अक्टूबर को दो दिन बैंकों की अर्ध वार्षिक बंदी के कारण बैंक तो खुलेंगे पर उनमें सामान्य वित्तीय लेनदेन का कामकाज नहीं होगा। इस दौरान बैंक कर्मचारी आतंरिक लेखा-जोखा में व्यस्त रहेंगे। इसके बाद दो अक्टूबर को गांधी जयंती और तीन को दशहरा की छुट्टी होगी। चार अक्टूबर को शनिवार के चलते आधे दि नही आंशिक काम होगा और अगले दिन पांच अक्टूबर को रविवार की छुट्टी होगी, उल्लेखनीय है कि रविवार को बकरीद भी है, लिहाजा इसके बदले बैंकों में छह अक्टूबर को भी छुट्टी होने की बात कही जा रही है। इस तरह लगातार सप्ताह भर से अधिक अवधि तक बैंक बंद रहेंगे। बताया गया है कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स भी इससे चिंतित है। संस्था के अध्यक्ष बीसी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इसे बारे में देश भर के व्यापारियों को सर्कुलर जारी कर 29 सितंबर तक सभी जरूरी बैंकिंग लेन-देन कर लेने और पर्याप्त स्टॉक रख लेनेे की सलाह दी है। नगर के तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह ने कहा कि बीते तीन माह बरसात, चार्तुमास और श्राद्ध आदि के कारण शादी, व्याह, धार्मिक आयोजन खनन तथा अन्य खरीददारी की व्यापारिक गतिविधियां ठप रही है। इधर भी पहले ही कलक्ट्रेट व शिक्षा सहित अनेक सरकारी विभागों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अब तीन माह के बाद धार्मिक आयोजन, शादी-व्याह, खनन तथा अन्य व्यापारिक क्रियाकलाप प्रारंभ होने से व्यापारी कुछ आशान्वित हुए थे, लेकिन लंबी छुट्टियांे से कामकाज के और बुरी तरह प्रभावित होने की उम्मीद है। कोशिष करेंगे कि बीच के दिनों में ही कुछ वित्तीय काम-काज निपटा लिया जाए।

नैनीताल के पैक होने की उम्मीद

नैनीताल। अगले पूरे सप्ताह लंबी छुट्टियों से जहां व्यापारी व आम जन प्रभावित होंगे, वहीं सरोवरनगरी के पर्यटन के लिहाज से पैक होने की उम्मीद है। नगर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की वजह से पहले ही कई प्रमुख होटल इस बीच बंद चल रहे हैं, और अपनी बुकिंग नहीं ले रहे हैं, इस कारण बड़े व अच्छे होटलों में खासकर दो अक्टूबर से लेकर अगले चार दिन की बुकिंग नहीं मिल पा रही हैं। इन होटलों के सभी कमरे अभी से पैक हो गए बताए गए हैं।

रविवार, 9 मार्च 2014

नैनीताल में बुलेट टैक्सी के ’नरेश‘


नवीन जोशी, नैनीताल। आपने बस, रेल, टैम्पो, टैक्सी और हवाई जहाज से सफर किया होगा। पर्यटक स्थलों पर कदाचित ‘रोपवे’ का आनंद भी उठाया हो। इसके बाद भी आपने ‘बुलेट टैक्सी’ के बारे में शायद ही देखा-सुना हो। सरोवरनगरी में सामान्य सी दिखने वाली बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति सवारियां ढोते देख सैलानी अंचभित हो जाते हैं मगर स्थानीय लोगों के लिए यह नजारा आम हैं। वे एक से दूसरे स्थान जाने के लिए नरेश की बुलेट टैक्सी का बखूबी इस्तेमाल करते हैं।
अंग्रेजी शासन में नैनीताल में डांडियों का प्रचलन था। दो-चार लोग डोलीनुमा डांडियों को कंधे पर उठाकर ले जाते थे। समय बदला तो डांडियों की जगह साइकिल रिक्शा ने ले ली। मुश्किल यह थी कि साइकिल रिक्शा केवल नगर की समतल सड़क पर चल पाते थे। कार-टैक्सियां जरूर लोगों को शहर में घुमा सकती हैं मगर इनका किराया बहुत है। स्थानीय युवक नरेश बिष्ट ने इसका हल ढूंढा। उसने 2007 में बेरोजगारों के लिए मिलने वाली ऋ ण योजना से 76 हजार रुपये का लोन लिया और बुलेट मोटरसाइकिल खरीदी। मोटरसाइकिल के लिए टैक्सी का लाइसेंस लिया और मोटरसाइकिल को बुलेट टैक्सी के रूप में तब्दील कर उससे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने लगा। शुरुआती दिक्कतों के बाद नरेश ने साढ़े तीन साल में मोटरसाइकिल का लोन चुकता कर दिया। आज बुलेट टैक्सी उसके परिवार की आजीविका है। नरेश तल्लीताल से मल्लीताल तक मामूली किराये पर मिनटों में लोगों को गंतव्य तक पहुंचा देता है। उसके पास नियमित 40-50 सवारियां हैं। सैलानी भी नरेश की बुलेट टैक्सी का प्रयोग करते हैं। शहर में नरेश की अच्छी पहचान बन गई है। उसे सवारियों की तलाश नहीं करनी पड़ती वरन लोग उसे फोन करके बुलाने लगे हैं। लोगों को मालूम हैं कि वह कब और कहां मिलेगा। अक्सर उसका रूट तय होता है। एक सवारी लेकर वह रिक्शा स्टैंड से जिला कलक्ट्रेट रवाना होता है। वहां उसे हाईकोर्ट जाने के लिए सवारी तैयार मिलती है। उसे लेकर हाईकोर्ट पहुंचता है। वहां मल्लीताल, तल्लीताल व बिड़ला जाने के लिए सवारियां इंतजार में होती हैं। इस प्रकार वह ऑफ सीजन में 300-400 व सीजन में 700-800 रुपये कमा लेता है। शहर में जहां सभी मोटरसाइकिलें पेट्रोल पीती हैं, वहीं रमेश की मोटरसाइकिल रुपये उगलती है। इस तरह नरेश युवाओं के लिए प्रेरणा स्रेत बन गया है। उसकी देखा-देखी कई अन्य युवा भी बुलेट टैक्सी लेने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं। नरेश का कहना है कि मेहनत करने में शर्म नहीं होनी चाहिए। यही सफलता का राज है।

रविवार, 19 जनवरी 2014

सरोवरनगरी में बिछी 'चांदी की चादर', सैलानियों का उमड़ा मेला

सरोवरनगरी में सैलानियों ने उठाया मौसम का लुत्फ
नैनीताल (एसएनबी)। पहाड़ों पर शनिवार को हुई बर्फवारी का असर रविवार को सरोवरनगरी में सैलानियों के मेले के रूप में देखने को मिला। नजदीकी यूपी एवं दिल्ली से आए सैलानियों से नगर में मेले जैसा माहौल दिखाई दिया। नगर में सुबह से ही अच्छी धूप खिली, जिससे मौसम खुशनुमा रहा। इसके साथ ही नगर में आम जनजीवन भी पटरी पर लौटने लगा। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली और पानी की सेवाएं भी बहाल हो गई हैं। अलबत्ता, अपराह्न तक बादल वापस आसमान में घिर आए, और मौसम विभाग के अनुसार तापमान अधिकतम 3.4 एवं न्यूनतम 1.2 डिग्री सेल्सियस तक लुड़क गया। उल्लेखनीय है कि पहाड़ों पर शुक्रवार से बदले मौसम के तहत शनिवार को अच्छी खासी बर्फवारी हुई थी, और समूचे नगर में तीन इंच से लेकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आधा फीट तक बर्फवारी हुई। 






शनिवार को शाम को ही बर्फवारी रुक गई थी,और इसके बाद आसमान धीरे-धीरे साफ होता चला गया। बर्फवारी होने की जानकारी मिलने पर नजदीकी मैदानी क्षेत्रों के सैलानी नैनीताल में उमड़ आए, और उन्हें बर्फ से खेलने के लिए ऊंचे क्षेत्रों में भी नहीं जाना पड़ा। माल रोड, पालिका गार्डन सहित अन्य पाकरे में भी सैलानी एक-दूसरे पर बर्फ के गोले दाग कर खूब आनंद लेते रहे। अलबत्ता, नगर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीसी मागरे पर बर्फ की वजह से फिसलन होने की वजह से अनेक लोग कार्य पर नहीं आ पाए, और जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित रहा। दिन भर छतों से बर्फ के धूप में पिघल कर गिरने से बाजारों में बारिश जैसा माहौल रहा। बारिश- बर्फवारी को फसलों और शाक-सब्जी व फलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है।

शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

नैना पीक तक पहुंची बिजली

मैदानों में कोहरा, पहाड़ों पर खिली धूप: शुक्रवार से जहां तराई-भाबर के मैदानी क्षेत्रों में पूरे दिन घना कोहरा छाने से कड़ाके की ठंड रही, इसके उलट सरोवरनगरी सहित पहाड़ों पर आसमान में बादलों का एक कतरा भी नहीं था, और यहां पूरे दिन चटख धूप खिली रही।
चित्र : नवीन जोशी

नैना पीक तक जाने वाला तीन किमी मार्ग भी स्ट्रीट लाइट से जगमगाएगा
नैना पीक स्थित वन विभाग का रिपीटर सेंटर 
नैनीताल (एसएनबी)। रात में नैना पीक जाकर सरोवरनगरी की खूबसूरती को निहारने के शौकीन पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। नैना पीक तक बिजली पहुंच गई है। इससे वहां वन विभाग के रिपीटर सेंटर के कक्ष में बिजली के बल्ब जलने लगे हैं। जल्द ही रिपीटर सेंटर के वायरलैस व अन्य उपकरणों को बिजली से जोड़ने की तैयारी चल रही है तथा भविष्य में बिजली से किलबनी रोड स्थित नैना चुंगी से नैना पीक जाने वाले करीब तीन किमी मार्ग को स्ट्रीट लाइट से जगमगाने की योजना भी है। इससे रात में भी सैलानी सुरक्षित तरीके से नैना पीक तक आवाजाही कर सकेंगे। नैना पीक सरोवरनगरी का सर्वाधिक ऊंचाई वाला 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से नैनीताल नगर के साथ ही तराई-भाबर के सैकड़ों किमी दूर के स्थानों और हिमालय पर्वत की 365 किमी से अधिक लंबाई में बदरीनाथ-केदारनाथ से लेकर नेपाल की एपी श्रृंखला की चोटियों के नजारे लिये जा सकते हैं। कई मौकों पर सैलानी व साहसिक पर्यटन के शौकीन रात्रि में बिजली की रोशनी से जगमगाते नैनीताल तथा दूर-दूर के पहाड़ों और मैदानों के नजारे लेने व फोटो खींचने के लिए यहां आते हैं। घना जंगल होने की वजह से यहां रात्रि में वन्य जीवों के हमले का खतरा रहता है। बिजली की रोशनी हो जाने से भविष्य में इस स्थान का आवागमन बेहद सुविधाजनक हो सकता है। इस स्थान पर वन विभाग का प्रदेश के गिने-चुने रिपीटर सेंटरों में से एक स्थित है, जिसकी मदद से पूरे कुमाऊं तथा आंशिक रूप से गढ़वाल में भी लीसे के इधर-उधर संचरण, वनाग्नि की घटनाओं आदि पर वायरलेस की मदद से नजर रखी जाती है। वन क्षेत्राधिकारी प्रकाश जोशी ने बताया कि इसी के लिए बिजली नैना पीक पर पहुंचाई गई है, जल्द ही कार्यदायी संस्था रिपीटर सेंटर के उपकरणों को विद्युत आपूर्ति से जोड़ने जा रही है। वहीं विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता शेखर त्रिपाठी ने बताया कि बिजली की लाइन नैना पीक जाने वाले पैदल मार्ग से ही होकर गुजारी गई है। शीघ्र ही इस पर स्ट्रीट लाइट लगाने की भी योजना है। 

बुधवार, 17 अप्रैल 2013

शोमैन को अखरा "थमा" सा पहाड़


  • राज्य का ध्यान "डेवलपमेंट" से अधिक "डील्स" पर 
  • सात वर्षो से "पॉज" की स्थिति में खड़ा है उत्तराखंड 
  • कहा- शौक को प्रोफेशन बनाएं युवा

नवीन जोशी नैनीताल। हिंदी फिल्म उद्योग के "शोमैन" सुभाष घई उत्तराखंड की सुंदरता में कसीदे पढ़ते हैं, लेकिन वह प्रदेश की व्यवस्थाओं से बेहद नाखुश हैं। सात वर्षो के बाद प्रदेश में लौटे घई कहते हैं कि उत्तराखंड इस अवधि में "पॉज" की स्थिति में (यानी जहां का तहां) खड़ा है ! वह कहते हैं कि फिल्में किसी भी राज्य की खूबसूरती को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने और उसकी आर्थिकी, रोजगार व पर्यटन को बढ़ाने का बड़ा माध्यम हैं। इसलिए अनेक राज्य व अनेक देश फिल्मकारों को रियायतों की पेशकश करते हैं, लेकिन लगता है कि उत्तराखंड का ध्यान "डेवलपमेंट" से अधिक "डील्स" पर है। यहां शूटिंग महंगी पड़ती है। उत्तराखंड की सुंदरता, शांति उन्हें यहां खींच लाती है। 
श्री घई निजी हेलीकॉप्टर से अपनी फिल्म "कांची" के लिए लोकेशन तय करने यहां पहुंचे। इस दौरान नगर के एक होटल में वह मीडियाकर्मियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से ही प्रश्न किया, "मैं सात वर्ष पूर्व (2005 में फिल्म किसना की शूटिंग के लिए) उत्तराखंड आया था, तब से उत्तराखंड को "प्रमोट करने" के लिए क्या किया गया है?", फिर स्वयं ही उन्होंने उत्तर भी दे डाला। कहा, कुछ नहीं किया, लगता है राज्य सात वर्षो से "पॉज" पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि फिल्में "प्रमोशन" का बड़ा माध्यम होती हैं। स्विट्जरलैंड, फिजी, मैक्सिको सहित अनेक देश व मेघालय, नागालैंड सरीखे राज्य फिल्मकारों को अपने यहां शूटिंग करने पर 40 फीसद तक अनुदान के प्रस्ताव देने आते हैं। उत्तराखंड से ऐसी पेशकश नहीं होती। प्रदेश को फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए होटल, यातायात, संचार सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। फिल्मों के लिए "विशेष सेल" की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांची फिल्म में वह स्थानीय प्रतिभाओं को मौका देंगे। युवाओं को उन्होंने संदेश दिया, अपने पैशन को प्रोफेशन बनाएं, तभी अपेक्षित प्रगति कर पाएंगे।

रविवार, 5 फ़रवरी 2012

केवल पांच-छह फीसद की दर से ही बढ़ रहा नैनीताल का पर्यटन

नवीन जोशी नैनीताल। जी हां, नैनीताल में भले सीजन में पर्यटकों की जितनी बड़ी संख्या, भीड़-भाड़ दिखाई देती हो, पर पर्यटन विभाग के आंकड़े गवाह हैं कि प्रकृति के स्वर्ग कहे जाने वाले व विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी में अपार संभावनाओं के बावजूद केवल पांच से छह फीसद की दर से ही पर्यटन बढ़ रहा है जबकि विभाग आठ से 10 फीसद की दर से पर्यटन बढ़ने की उम्मीद जताता रहा है। 
उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में राज्य सरकार द्वारा खूब प्रचारित किया जाता है। नैनीताल, मसूरी व काब्रेट पार्क रामनगर जैसे अपार पर्यटन संभावनाओं वाले अनेक पर्यटन स्थलों वाले प्रदेश में ऐसी संभावनाएं भी मौजूद हैं लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते राज्य बनने के बाद पर्यटन विभाग का ठीक से ढांचा ही न बन पाने जैसे कारण राज्य के पर्यटन को गर्त में धकेलते नजर आ रहे हैं। विभाग का न राज्य के पर्यटन व्यवसाइयों पर कोई नियंत्रण है और न वह पर्यटकों की मदद या उन्हें सुविधाएं दिलाने में कोई मदद करता है। केवल योजनाओं के नाम पर सड़क किनारे वीरान पड़े पर्यटक सुविधा केंद्र जरूर खड़े कर दिये जाते हैं। बानगी देखिये, सरोवरनगरी में सैकड़ों की संख्या में होटल व गेस्ट हाउस हैं। इनमें से 144 तो सराय एक्ट में भी पंजीकृत हैं लेकिन इनमें से केवल 72 होटल व 55 पेइंग गेस्ट हाउस ही पर्यटन विभाग को अपने यहां ठहरने वाले सैलानियों के आंकड़े उपलब्ध कराते हैं। इस आधार पर पर्यटन विभाग के सैलानियों संबंधी आंकड़ों को सही मानें तो वर्ष 2010 में 2009 के मुकाबले 37,149 सैलानी अधिक आये जो कि 4.9 फीसद अधिक थे। इसी तरह बीते वर्ष 2011 में 10 के मुकाबले छह फीसद के साथ 47,700 सैलानियों की वृद्धि हुई। यह स्थिति तब है जबकि नगर में पर्यटन सुविधाओं के नाम पर कोई वृद्धि नहीं हुई। इस अवधि में न तो नगर में एक भी अतिरिक्त वाहन पार्किग बनी और न नगर से बाहरी शहरों से ‘कनेक्टिविटी’ के लिहाज से ट्रेनों में कोई वृद्धि हुई। पूछे जाने पर नगर स्थित पर्यटन सूचना केंद्र के अधिकारी बीसी त्रिवेदी मानते हैं कि नगर में आने वाले सैलानियों की वास्तविक संख्या पांच गुना तक भी हो सकती है। उत्तराखंड होटल ऐसोसिएशन के महासचिव प्रवीण शर्मा का भी मानना है कि नगर में बेहतर सुविधाएं, मुंबई, पंजाब व पश्चिम बंगाल से बेहतर आवागमन के साधन हों तो नगर के पर्यटन को पंख लग सकते हैं। पर्यटन व्यवसायी नगर में होटलों की किराया दरें तय न होने, मनोरंजन के लिए फिल्म थियेटर तक न होने जैसे कारणों को भी नगर की पर्यटन विस्तार की रफ्तार के कम रहने का प्रमुख कारण मानते हैं। 
विदेशी सैलानियों की पसंद हैं बसंत और शरदकाल
नैनीताल। बीते वर्षो में सरोवरनगरी में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या की वृद्धि दर देसी सैलानियों के मुकाबले अधिक रिकार्ड की गई है। वर्ष 2009 व 10 के बीच वृद्धि दर 24.48 फीसद व 2010 व 11 के बीच वृद्धि दर 32 फीसद रही है। विदेशी पर्यटकों के लिए बसंत व शरद ऋ तुएं नगर में पहुंचने के लिए सर्वाधिक पसंदीदा समय रहते हैं। बीते वर्ष की बात करें तो यहां जनवरी में 762, फरवरी में 944, मार्च में 1128, अप्रैल में 1450, मई में 491, जून में 475, जुलाई में 480, अगस्त में 403, सितम्बर में 489, अक्टूबर में 1024, नवम्बर में 1039 तथा दिसम्बर में 725 विदेशी सैलानी पहुंचे।

नैनीताल में वर्षवार आये सैलानियों की संख्या 
वर्ष      देशी सैलानी      विदेशी सैलानी    कुल 
2009   749556          5722               755278 
2010   786705          7123               793828 
2011   834405          9410               843815