मंगलवार, 7 जून 2011

बिना शिक्षकों के टॉप कर रहे ‘गुदड़ी के लाल’


अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त
नैनीताल (एसएनबी)। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में अशासकीय विद्यालयों के ‘गुदड़ी के लालों’ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इन स्कूलों में शिक्षकों, प्रधानाचायरे के वर्षो से सैकड़ों पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग उन्हें दोयम दज्रे का मानता है, और उनके यहां सुविधाएं देने अथवा पदों पर भर्ती की किसी को सुध नहीं है। बात इंटरमीडिएट परीक्षा टॉप करने वाले कंचन कुमार कांडपाल के भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय से ही बात शुरू करें तो यहां शिक्षकों के 14 से अधिक पद रिक्त हैं। वहीं नैनीताल जनपद के चार अशासकीय हाईस्कूलों में एलटी शिक्षकों के 11, प्रधानाध्यापक के दो तथा 19 इंटर कालेजों में शिक्षकों के 100, प्रवक्ताओं के 50, प्रधानाचायरे के सात व शिक्षणोत्तर कर्मियों के 56 पद रिक्त हैं। यही कहानी प्रदेश में अव्वल रहने वाले कुमाऊं मंडल के अन्य जिलों की भी है। अल्मोड़ा जिले के चार हाईस्कूलों में आठ शिक्षकों, दो प्रधानाध्यापकों व पांच शिक्षणोत्तर कर्मियों तथा 30 इंटर कालेजों में 165 शिक्षक, 55 प्रवक्ता, 15 प्रधानाचार्य व 59 शिक्षणोत्तर कर्मी नहीं हैं। बागेर में जहां तीन हाईस्कूलों में छह शिक्षक व चार ही शिक्षणोत्तरकर्मी, 12 इंटर कालेजों में 64 शिक्षक, छह प्रधानाचार्य व 26 शिक्षणोत्तरकर्मी तथा पिथौरागढ़ में दो हाईस्कूलों में आठ एलटी शिक्षकों, दो हेडमास्टरों व चार शिक्षणोत्तर कर्मियों की कमी है।

रविवार, 5 जून 2011

श्रीनगर के बाद देश का दूसरा ’ग्रीन‘ राजभवन बना 'नैनीताल राजभवन'


राष्ट्रपति का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद राज्यपाल ने किया सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण
नैनीताल (एसएनबी)। विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्यपाल मार्गरेट आल्वा ने नैनीताल राजभवन नैनीताल में ‘वर्षा जल सिंचन संरचना’ के तहत विशाल टैंक एवं सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। पहले यह कार्यक्रम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों संपन्न होना था। इस मौके पर राज्यपाल ने राजभवन परिसर में कदम्ब तथा राज्य वृक्ष ‘बुरांश’ के पौधों का रोपण भी किया। इस दौरान संस्कृति विभाग की ओर से ‘बीट्स ऑफ उत्तराखंड’ की मनमोहक प्रस्तुति भी दी गई। इसके साथ ही नैनीताल राजभवन श्रीनगर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो गया है। 
उल्लेखनीय है कि ‘ग्रीन नैनीताल राजभवन’ परिकल्पना के तहत नैनीताल राजभवन में परंपरागत ऊर्जा का प्रयोग समम्प्त करने की योजना है. इसी कड़ी मैं केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से मिले धन से राजभवन के प्राकृतिक सौन्दर्य, पर्यावरण और हरीतिमा की निरंतरता के लिए वर्षा जल संचयन पण्राली का सुदृढ़ीकरण किया गया है। इसके तहत राजभवन गोल्फ क्लब परिसर में वर्षा जल संग्रहण हेतु बनाए गए 24 लाख लीटर के टैंक, सोलर स्ट्रीट लाइट व विंड मिल आदि कायरे का औपचारिक शुभारंभ किया गया। राज्यपाल ने कहा कि इन प्रबंधों के बाद नैनीताल राजभवन कश्मीर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो गया है। आगे राजभवन को पूरी तरह सौर ऊर्जा से रोशन किए जाने की योजना है। वर्षा जल संग्रहण के बाद राजभवन के पूरे गोल्फ कोर्स तथा राजभवन में सिंचाई के लिए नैनी झील से पानी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। राज्यपाल ने बताया कि नैनीताल राजभवन में कश्मीर की तरह बगीचे विकसित करने की भी योजना है। राजभवन की दीवारों व छत आदि के सुदृढ़ीकरण के लिए सात करोड़ रुपये की डीपीआर बनाई गई है। जुलाई आखिर तक एमओयू हस्ताक्षरित कर कार्य शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने राजभवन के पीछे की पहाड़ी के सुदृढ़ीकरण कायरे को भी प्राथमिकता में गिनाते हुए बताया कि सोमवार की सायं साढ़े पांच बजे शहर के प्रमुख व सम्मानित लोगों के लिए आयोजित स्वल्पाहार पर आमंतण्रकार्यक्रम राष्ट्रपति का कार्यक्रम निरस्त होने के बावजूद पूर्ववत ही रहेगा।
ग्रीन प्रबंध के कायरे का ब्योरा
नैनीताल। देहरादून और नैनीताल राजभवन को ‘ग्रीन’ किए जाने के तहत नैनीताल राजभवन में पांच किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 1100 लीटर प्रतिदिन पानी गर्म करने की क्षमता का इवेक्यूटेड टय़ूब आधारित सोलर वाटर हीटर संयंत्र, 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलन फोटोवोल्टाइक पंप, राजभवन के मुख्य मार्ग में 100 सोलर रोड स्ट्ड, पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए 20 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइटें तथा एक किलोवाट क्षमता की पांच विंड पावर जनरेटर तथा देहरादून राजभवन में सात व दो किलोवाट क्षमता के दो सोलर पावर प्लांट, 1400 लीटर प्रतिदिन क्षमता का सोलर वाटर हीटर संयंत्र, 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलर फोटोवोल्टाईक पंप, 250 सोलर रोड स्ट्ड्स, दो सोलर पावर डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर, 2500 लीटर प्रतिदिन क्षमता का सोलर पावर वाटर प्यूरीफायर व पांच घन लीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र लगाऐ गये हैं।

शुक्रवार, 3 जून 2011

राष्ट्रपति परिवार सहित कल आएंगी नैनीताल


राज्यपाल ने की राष्ट्रपति के आगमन की घोषणा, 
राजभवन को किसी कार्यक्रम की जानकारी नहीं 
नैनीताल में अवकाश के मूड में होंगी राष्ट्रपति 
कुमाऊंनी क्राफ्ट मेले का आयोजन भी निरस्त
नैनीताल (एसएनबी)। आगामी पांच जून को परिजनों के साथ नैनीताल पहुंच रहीं राष्ट्रपति पूरी तरह प्रकृति की सुंदरता में खो जाना चाहेंगी। वह यहां परिवार के साथ प्रकृति के सानिघ्य में रहना चाहती हैं। नैनीताल राजभवन में अभी तक उनके किसी प्रकार के कार्यक्रम की जानकारी नहीं है। राजभवन ने उनके दर्शनार्थ आयोजित कुमाऊंनी क्राफ्ट मेला भी स्थगित कर दिया है। श्रीमती पाटिल यहां आने वाली चौथी राष्ट्रपति हो जाएंगी। नैनीताल में अब तक केवल पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी, नीलम संजीव रेड्डी और ज्ञानी जैल सिंह ही अपने कार्यकाल के दौरान आए हैं। अलबत्ता वह राजभवन को ‘ग्रीन’ किए जाने के कायरे का शुभारंभ करेंगी, और उनके स्वागत में राज्यपाल द्वारा ‘पब्लिक सिटीजन रिसेप्सन’ दिया जाएगा। एक घंटे के लोक संस्कृति के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। शुक्रवार को राज्यपाल मार्ग्ेट आल्वा राष्ट्रपति के आगमन की औपचारिक घोषणा करते हुए नैनीताल राजभवन में प्रेस से मुखातिब हुई। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पांच जून को दोपहर के भोजन से पूर्व नैनीताल राजभवन पहुंचेंगी और शाम छह बजे वि पर्यावरण दिवस के मौके पर राजभवन में वष्रा जल संग्रहण हेतु बनाए गए 24 लाख लीटर के टैंक, सोलर स्ट्रीट लाइट व विंड मिल का औपचारिक शुभारंभ करेंगी। उन्होंने बताया कि नैनीताल राजभवन कश्मीर के बाद देश का दूसरा ‘ग्रीन राजभवन’ हो जाएगा। राज्यपाल ने बताया कि एक वर्ष तक मुंबई के प्रिंस ऑफ वेल्स का जीर्णोद्धार करने वाली आभा नारायण लांबा की देखरेख में केंद्र सरकार की जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 7.5 करोड़ रुपये से नैनीताल राजभवन के पुनरुद्धार कार्य होंगे। इस दौरान राजभवन बंद रहेगा।


हल्द्वानी-भीमताल मार्ग बंद रहेगा
पांच जून को आएंगी राष्ट्रपति हल्द्वानी से सड़क मार्ग से आने की संभावना
नैनीताल (एसएनबी)। आगामी पांच जून को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल के आगमन के दौरान नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग तथा भवाली-भीमताल के मार्ग बंद रहेंगे। हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया है, पर माना जा रहा है कि ऐसा राष्ट्रपति के हल्द्वानी में उतरने और हल्द्वानी से सड़क मार्ग से नैनीताल पहुंचने की संभावना के मद्देनजर किया जा रहा है। इस दौरान हल्द्वानी व नैनीताल के बीच तथा पहाड़ से मैदान को आने-जाने वाले भवाली-भीमताल के मार्ग आवागमन के लिए बंद रहेंगे। हल्द्वानी से नैनीताल आने जाने के लिए कालाढूंगी मार्ग का प्रयोग किया जाएगा, जबकि अल्मोड़ा की ओर जाने के लिए सुबह आठ बजे से यातायात क्वारब से आगे पदमपुरी-खुटानी की ओर डायवर्ट कर दिया जाएगा। सुबह साढ़े नौ से साढ़े 11 के बीच हल्द्वानी व नैनीताल के बीच कुछ छोटी बसें चलाई जाएंगी। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर नगर में इन दिनों विकास कायरे में अचानक तेजी आ गई है। इन दिनों यहां रात-रात भर उठकर अधिकारी मजदूरों से सड़कों की मरम्मत-डामरीकरण व माल रोड के किनारे की दीवारों की पुताई के कार्य करवा रहे हैं। हालांकि यह भी गौरतलब है कि कायरे की गुणवत्ता बेहद घटिया स्तर के नजर आ रही है। लोवर माल रोड व चिड़ियाघर रोड पर इसी सप्ताह किया गया डामरीकरण उखड़ चुका है। ‘राष्ट्रीय सहारा’ में इस बात खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को पुन: इन मागरे पर डामरीकरण करने की प्रक्रिया चल रही है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्षो में सीजन से पूर्व नगर की सड़कों की मरम्मत तथा झील किनारे पुताई होती थी, जो इस वर्ष नहीं की गई।

बुधवार, 1 जून 2011

स्ट्रीट लाइटों से रोशन होंगे राज्य के सीमावर्ती इलाके


केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से मिले 80 लाख रुपये दो माह के भीतर लगा दी जाएंगी सोलर लाइटें
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख परिवारों को मुफ्त सोलर लालटेन बांटेगी। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों को 13 हजार सोलर स्ट्रीट लाइटों से भी रोशन किया जाएगा। राज्य सरकार को केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय से इस हेतु 80 लाख रुपये प्राप्त हो गए हैं। राज्य के वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री राजेंद्र भंडारी ने बताया कि पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर तथा चमोली सहित आधा दर्जन सीमावर्ती जिलों में अगले दो माह के भीतर सोलर लालटेन व सोलर स्ट्रीट लाइट लगा दी जाएंगी। काबीना मंत्री श्री भंडारी ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से यह योजना केंद्र सरकार से स्वीकृत हुई है। इस मद में 80 लाख रुपये प्राप्त हो चुके हैं। लालटेनों व स्ट्रीट लाइटों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके साथ ही राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर हीटरों की खरीद पर 70 फीसद का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में 10-10 मेगावाट क्षमता के पांच सोलर प्लांट लगाए जाने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे पांच-पांच मेगावाट क्षमता के पांच सोलर प्लांट हाल में लगा दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने टिहरी गढ़वाल के बछेलीखाल में 2.4 मेगावाट क्षमता का हवा से चलने वाले प्लांट की जानकारी भी दी। इसकी सफलता के बाद राज्य में और विंड मिल लगाई जाएंगी। उन्होंने राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमतायुक्त घराट लगाने पर 1.16 लाख व सामान्य यांत्रिक घराट बनाने के लिए 41 हजार रुपये दिए जाने की योजना की भी जानकारी दी। वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी पिरुल आधारित कोई बड़ा प्रोजेक्ट प्रस्तावित नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाल में उरेडा के माध्यम से अल्मोड़ा में 10 मेगावाट क्षमता का प्लांट लगने की र्चचाओं के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गत दिवस नैनीताल राजभवन प्रवास के दौरान ग्रामीण महिलाओं की सहभागिता से पिरुल से ईधन बनाने की छोटी योजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए बड़ी योजनाओं को हतोत्साहित करने तथा इस पर दिये जाने वाले दो फीसद अनुदान को भी समाप्त किए जाने की बात कही थी।

अब ’टूटेगी‘ अंग्रेजों के जमाने की जेल


पुन: बनेंगे जिला कारागार के आवास एक करोड़ का खर्च आने का अनुमान नैनीताल : जिला कारागार का अवलोकन करते प्रदेश के कारागार मंत्री राजेंद्र भंडारी।
नैनीताल (एसएनबी)। अंग्रेजों के जमाने की एक शताब्दी से भी अधिक पुरानी नैनीताल जेल व खासकर उसकी आवासीय बैरकों की दशा एक करोड़ रुपये से सुधरने की उम्मीद की जा सकती है। प्रदेश के कारागार मंत्री राजेंद्र भंडारी ने इसके लिए कारागार अधीक्षक से प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा है। बुधवार को काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी ने जिला कारागार का निरीक्षण करने के बाद पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। जेल में सफाई के अभाव व बंदियों को मेन्यू के अनुसार सब्जी न मिलने व बंदियों को स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने जैसी समस्याएं उनकी नजर में आई। जेलकर्मियों के आवासों की जर्जर हालत देखकर वह दंग रह गये, जिस पर उन्होंने इन्हें ध्वस्त कर नव निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जेल अधीक्षक संजीव शुक्ला को दिये। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी उप कारागार के जेलर के खिलाफ डीजी-जेल भाष्करानंद जोशी जांच करेंगे। दोशी पाए जाने पर जेलर को निलंबित किया जाएगा। उन्होंने सदचरित्र कैदियों को उनकी मनमाफिक जेलों में ट्रांसफर करने व 14 वर्ष से अधिक सजा भुगत चुके कैदियों को रिहा किये जाने के प्रस्ताव अधिकारियों से मांगने की जानकारी भी दी। इस मौके पर विधायक केएस बोहरा, पशु कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष शांति मेहरा, हरियाणा के भाजपा संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, सांसद प्रतिनिधि मनोज जोशी सहित अनेक पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
सार्वजनिक करना पड़ेगा जेल मेन्युअल
नैनीताल। कारागार मंत्री ने कहा कि जेल में बंदियों व कैदियों को हर तरह की सुविधा देना सरकार का दायित्व है। जेल न्यायालय से सजायाफ्ता कैदियों व विचाराधीन बंदियों को रखने का स्थान है, न कि सजा देने का। माना कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रही है। इसलिये वह जेलों में जेल मेन्युअल को सार्वजनिक तौर पर चस्पा करने के आदेश जारी कर रहे हैं।

रविवार, 29 मई 2011

महिला जनप्रतिनिधि ला रही मुस्कुराहट की आहटें

जनपद के चोपड़ा गांव में रफ्तार पकडऩे लगा विकास
नवीन जोशी, नैनीताल। 
"चाहो तो तुम देश की तहरीर बदल दो,
चाहो तो तुम देश की तस्वीर बदल दो। 
नारी ! शक्ति हो संसार की भूलो न कभी ये,
चाहो तो तुम देश की तकदीर बदल दो ॥"
कुछ ऐसी ही परिकल्पना के साथ देश में 7३वें संविधान संसोधन के रूप में पंचायत राज अधिनियम और फिर पंचायतों में महिलाओं को 5 फीसद आरक्षण देने की व्यवस्था लागू हुई है, जिसके अब सुखद परिणाम आने शुरू होने लगे हैं। जनपद की चोपड़ा ग्राम सभा इस बात को साफ करने के लिये एक उदाहरण हो सकती है, जहां की ग्रामीण महिलाएँ अब रंग्वाली पिछौड़ा व शगुन आंखरों जैसे सांस्कृतिक प्रतिमानों को पकड़ कर भी विकास की रफ्तार से कदम मिला रही हैं। उनके चेहरों पर मुस्कुराहटों की आहट साफ नजर आ रही है।
चोपड़ा ग्राम सभा यूं नैनीताल—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमपड़ाव के पास पड़ती है। सड़क से न्यूनतम दो से छह किमी की खड़ी चढ़ाई पर इसके करीब 1 वर्ग किमी से भी अधिक विस्तृत व 37६ हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैले आमपड़ाव, दांगड़, बसगांव, रोपड़ा, स्यालीखेत, भुमका, खड़काखेत, सिमलखेत, मल्ला चोपड़ा, रहन व फुनियाखान सहित एक दर्जन से भी अधिक तोक यानी दूर-दूर छिटकी हुई छोटी—छोटी बस्तियां हैं। आजादी के 6 वर्ष बाद भी यह गांव विकास से कोसों दूर था। 208 में ग्राम सभा के महिलाओं हेतु आरक्षित होने पर भगवती सुयाल को गांव की कमान मिली। निकटवर्ती घोड़ाखाल स्थित कुमाऊं के न्याय देव ग्वल के मंदिर के प्रधान पुजारी केदार दत्त जोशी की यह पुत्री ग्रामीणों को उनके हक के विकास का 'न्याय' दिलाने के इरादे से दायित्व संभाला, जिसका परिणाम है कि गांव में आज खुशहाली आने लगी है। गांव के लिये भूस्खलन का लगातार खतरा बने छीड़ा गधेरे के उपचार का तीन करोड़ का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया, एक करोड़ रुपये फिलहाल स्वीकृत होकर काम शुरू हो गया। गांव में सिंचाई के लिये प्रयुक्त पंप के लिये डीजल लाने में ही दिन निकल जाता था, अब 5 लाख रुपये की लागत से इसकी जगह बिजली से चलने वाला नया पंप लगाया जा रहा है। गांव में पांच महिला पौधालयों की स्थापना की गई है, जहां महिलाएँ तेजपत्ता, आंवला, हरड़ जैसे औषधीय पौधे लगाकर अपनी आय बढ़ा रही हैं। गांव में ही एएनएस सेंटर स्थापित हो गया है, लिहाजा अब गर्भवती महिलाओं को पैदल दूसरे गांव नहीं जाना पड़ता। गांव के लिये पीएमजीएसवाई योजना से सड़क बननी प्रारंभ हो गई है। गांव के स्यालीखेत तोक की बच्चियों को ज्योलीकोट स्कूल आने के लिये मीलों पैदल चलना पड़ता था, अब बीच में 2 लाख रुपये से पुलिया बन गई है, और सफर मिनटों में कट जाता है। गांव में मनरेगा से भी सड़क, संपर्क मार्ग व चेक डेमों का निर्माण जोरों पर है। वर्षों से विवादों मैं फंसे प्राथमिक स्कूल का निर्माण शुरू होने लगा है गांव के लोग दाल चीनी के पत्तों और लीची का कारोबार करके खुश हैं, क्योंकि अब उनकी फसल में कोई रोग होता है तो कृषि व उद्यान विभाग के अधिकारी कृषक महोत्सव में आकर रोगों का निदान करते हैं। परंपरागत रंग्वाली पिछौड़ों में सजी महिलाएँ यहां शगुन आंखर गाकर उनका स्वागत करती हैं। महिलाओं के लिये गांव में न चारे की समस्या है, न ही वह पतियों के शराब पीकर आने से परेशान हैं। एक युवक मां द्वारा खरीद कर दी गई गाड़ी के पैंसे शराब पर खर्च कर मां को ही पीट रहा था। भगवती ने पहले मां को अपने घर में शरण दी, और फिर स्वयं गाली खाकर बेटे को समझाया। तब से उसके साथ ही अन्य युवक भी शराब से दूर रहने लगे हैं। महिलाएँ अब बचे समय में टैडी बियर जैसे खिलौने बनाने व सिलाई कढ़ाई सीख रही हैं। भगवती कहती हैं, यह बदलाव तो शुरुआत है। और इसका कारण कहीं न कहीं उनका एक महिला होना भी है। क्योंकि वह गांव—घर की समस्याओं को अधिक बेहतर समझने वाली महिलाओं की तरह सोच पाती हैं। आगे महिलाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिलाने की भी उनकी योजना है। 

शुक्रवार, 27 मई 2011

फारूक को नैनीताल गोल्फ कोर्स ने दिलाई गुलमर्ग की याद


राज्यपाल के साथ किया नौवें गवर्नर्स गोल्फ कप का शुभारंभ
नैनीताल (एसएनबी)। केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नैनीताल के सौन्दर्य से अभिभूत होकर यहां की वादियों को कश्मीर के समान ही प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि नैनीताल राजभवन का परिसर और खासकर गोल्फ कोर्स का क्षेत्र उन्हें गुलमर्ग की याद दिला रहा है। उन्होंने शुक्रवार सुबह प्रदेश की राज्यपाल मार्ग्ेट आल्वा के साथ राजभवन गोल्फ क्लब द्वारा आयोजित नौवें ‘गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट 2011’ का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गोल्फ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर निरन्तर लोकप्रिय होता जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह खेल आयोजन नैनीताल में पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। राज्यपाल ने कहा कि गोल्फ के माध्यम से नैनीताल को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किये जाने के प्रयासों के साथ ही प्रदेश में पर्यटकों को आकषिर्त करने के लिए साहसिक पर्यटन, जल क्रीडा, हिम क्रीडा, धार्मिक तथा प्राकृतिक चिकित्सा संबंधी पर्यटन के विकास की भी अपार संभावनाएं जताई। उन्होंने राज्य के विकास व पर्यटन विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। बताया कि गोल्फ को भावी पीढ़ी में भी लोकप्रिय बनाने के लिए बच्चों के लिए गोल्फ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अक्टूबरन वंबर में बच्चों के लिए टूर्नामेंट आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। टूर्नामेंट में देश के विभिन्न राज्यों से 178 गोल्फ खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जबकि गत वर्ष 151 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों के साथ राजभवन गोल्फ क्लब के उपाध्यक्ष तथा सचिव राज्यपाल अशोक पई, कोषाध्यक्ष पूनम सोबती, राज्यपाल के एडीसी एवं कृष्ण कुमार वीके, मेजर पीपी राय चौधरी, डा. वीके नौटियाल आदि सदस्य, गोल्फ कैप्टन कर्नल (रिटार्यड) एससी गुप्ता व राज्यपाल के निजी सचिव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

गुरुवार, 26 मई 2011

अब नैनीताल में देखिए रॉयल बंगाल टाइगर


नैनीताल चिड़ियाघर में आया ‘राजा-रानी’ का जोड़ा
नैनीताल (एसएनबी)। मात्र 10 वर्ष की आयु में चार मीटर लंबाई, 1.2 मीटर ऊंचाई और करीब 250 से 270 किग्रावजन युक्त भारी भरकम रॉयल बंगाल टाइगर बृहस्पतिवार को नैनीताल चिड़ियाघर की शान बन गया। इसे देखकर कई सैलानियों के मुंह से यह बात निकली, कि अब रॉयल बंगाल टाइगर को देखने के लिए जिम कार्बेट पार्क जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
राष्ट्रीय सहारा ने पूर्व में ही गत 14 मई को ही उसके साथ मादा रॉयल बंगाल टाइगर को भी एक बाड़े में रखने का समाचार प्रकाशित कर दिया था, जिसका एक चरण चिड़ियाघर कर्मियों की मेहनत से बमुश्किल सफल हो पाया। एक-दो दिन में मादा को भी उसके साथ बाढ़े में लाऐ जाने और आगे उनके बीच ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ कराये जाने की योजना है। चिड़ियाघर के निदेशक बीजू लाल टीआर को उम्मीद है कि अक्टूबर-नवंबर तक नैनीताल चिड़ियाघर इन दोनों के नन्हे शावकों का दीदार कर पाएगा। बकौल निदेशक यह चिड़ियाघर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। इससे पूर्व चिड़ियाघर कर्मी बीते दो-तीन की मेहनत के बाद इस भारी- भरकम बाघ को बाढ़े में प्रतिस्थापित कर पाये। इसे गुलदारों को हटाकर उनके बाढ़े में रखा गया है। इस मौके पर वन संरक्षक कपिल जोशी भी मौजूद थे। उन्होंने भी उम्मीद जताई कि रॉयल बंगाल टाइगर के नैनीताल चिड़ियाघर में लोगों के देखने के लिये उपलब्ध होने से चिड़ियाघर की प्रसिद्धि काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने चिड़ियाघर कर्मियों ने इस जोड़े का विशेष ध्यान रखने की हिदायत भी दी। इस मौके पर चिड़ियाघर के वनाधिकारी मनोज साह, प्रकाश जोशी, चिकित्सक डा. एलके सनवाल आदि भी मौजूद थे।
नर भक्षी नहीं है रॉयल बंगाल टाइगर: डीएफओ
नैनीताल। नैनीताल प्राणि उद्यान के निदेशक एवं प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर ने दावा किया है कि चिडिय़ाघर में आज से प्रदर्शित रॉयल बंगाल टाइगर नर भक्षी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एसा दावे के साथ कह सकते हैं। बताया कि जब यह चिडिय़ाघर में लाया गया था, तब भी इसके शिकारी दांत (केनिन) बिलकुल सही स्थिति में थे, तथा इसे किसी प्रकार की चोट नहीं थी। बताया कि इसे स्थानीय लोगों, स्वयं सेवी संगठनों व राजनीतिक दबाव के कारण पकड़ा गया। हालांकि उन्होंने संभावना जताई कि इतने बड़े आकार के बाघ को अचानक देखकर भी मनुष्य दम तोड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि इस बाघ पर आरोप था कि उसने चार फरवरी 09 को सर्पदुली रेंज के ढिकुली गांव में भगवती देवी को हमला बोलकर मार दिया था, जिसके बाद बमुश्किल उसे एक पखवाड़े बाद घायल अवस्था में पकड़कर नैनीताल चिडिय़ाघर लाया गया था। 


हरि सिंह वाला पूरा कश्मीर हमारा : डा. फारूक


पाक सीमा में चीन का दखल चिंता की बात,
अपने ही बनाए जाल में फंस रहा है पाकिस्तान:  डा. फारूक अब्दुल्ला
नैनीताल (एसएनबी)। केंद्रीय मंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान राज्य के तीनों हिस्सों लद्दाख, जम्मू व कश्मीर के साथ ही भारत की अधिसंख्य जनता के मान्य हल पर ही होगा। समस्या का समाधान देश की सरहद तथा भारत के कानून की सीमा के भीतर ही होगा। इसमें पाकिस्तान की राय भी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए। पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान ने यदि इस मसले पर बात बढ़ाई तो फिर भारत राजा हरि सिंह के राज्य रहे कश्मीर की मांग तक भी जा सकता है। श्री अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को नैनीताल राजभवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाक के ‘नार्दर्न टेरीटरी’ के गिलगित व स्कर्दू आदि इलाके राजा हरी सिंह के राज्य के हिस्से रहे हैं, इसलिए बात बढ़ने पर भारत इनके बारे में भी बात कर सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कश्मीर में उनके बेटे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व केंद्र में वह स्वयं हैं जो केंद्र व राज्य के बीच समन्वय से कश्मीर समस्या के हल की दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि जो भी समझौता होगा वह भारत की सरहद और कानून के अंतर्गत ही होगा। दोहराया कि 1967 के प्रस्ताव के अनुसार 'पीओके' भारत का हिस्सा है। कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी ने कश्मीर समस्या के हल के लिये मुशर्रफ को भारत बुलाने सहित बड़े कार्य किये थे, तब भी समस्या के हल की बड़ी आशा जगी थी। एबटाबाद में अमेरिका द्वारा ओसामा को मारने और हेडली द्वारा किये जा रहे खुलासों के बाबत भारत के रुख पर उन्होंने कहा कि भारत क्षमता के बावजूद अमेरिका जैसी कार्रवाई के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान स्वयं तैयार किये गये आतंकवाद की मार झेल रहा है, वरना आतंकवाद भारत को परेशान करता। लेकिन पाक सीमा पर चीन का बढ़ता दखल भारत के लिये चिंता की बात है। उन्होंने कश्मीर की समस्या के लिये वहां के राजनेताओं, नौकरशाहों और आतंकियों को बराबर का दोषी बताते हुए कहा कि आतंकवाद के रहने से सबकी दुकान चलती है। बताया कि इधर हालात तेजी से सुधर रहे हैं। घाटी में पंचायत चुनावों में 8४ फीसद मतदान हुआ व एक महिला सहित दो हिंदू सरपंच बने हैं। कश्मीरी हिंदू वापस लौट रहे हैं। राज्य सरकार से पूर्व में अपनी जमीनें बेचकर गये हिंदुओं को जमीनें व घर बनाकर देने को कहा गया है। 

सीमावर्ती इलाकों को वैकल्पिक ऊर्जा से जगमगाएँगे
नैनीताल। केंद्रीय वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों को 10 फीसद केंद्रीय सहायता से वैकल्पिक ऊर्जा से जगमगाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों से इस बाबत शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा गया है। इसके अलावा उन्होंने राज्य में चीड़ के पिरूल व ठींठों से ईंधन की ईंटों जैसे वैकल्पिक ऊर्जा की 1 मेगावाट से बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव पर पुर्नविचार करने की बात कही। उन्होंने बताया कि राजभवन व राज्य के अधिकारी उनके संज्ञान में लाए हैं कि स्थानीय लोग ईंधन के लिये पिरूल व ठींठों का स्वयं भी ईंधन के लिये उपयोग करते हैं। लिहाजा उनका मंत्रालय अपने विभाग की एसी योजनाओं को हतोत्साहित कर सकता है, ताकि यहां के ग्रामीण ईंधन के लिये पेड़ों को न काटें। बताया कि 130 मेगावाट का राष्ट्रीय सोलर मिशन 2013 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने पवन ऊर्जा से भी नौ से 13 हजार मेगावाट तक वैकल्पिक ऊर्जा बनाये जाने की योजना बताई। 
इससे पूर्व उन्होंने नैनीताल राजभवन में राज्यपाल मार्गरेट आल्वा के साथ प्रदेश के अधिकारियों की बैठक ली, तथा उनके विचार लिये। बताया कि राजभवन में उरेडा के द्वारा 3२ लाख रुपये की लागत से पांच किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 1१0 लीटर प्रतिदन क्षमता के छह सोलर वाटर हीटर, गोल्फ कोर्स की सिंचाई के लिये 1.8 किलोवाट क्षमता का सोलर वाटर पंप, राजभवन परिसर में 2 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइटें, फ्लेट पोस्ट के पास पांच विंड जेनरेटर तथा राजभवन के मुख्य मार्ग पर 10 सोलर स्टड लगाए जाएँगे। 

रविवार, 22 मई 2011

हिमालयी क्षेत्रों के लिए बने अलग समूह


कार्यशाला में केंद्रीय योजना आयोग से किया अनुरोध
नैनीताल (एसएनबी)। सिक्किम से लोकसभा सदस्य पीडी राय ने केंद्रीय योजना आयोग स्तर पर हिमालयी क्षेत्रों के लिए विशिष्ट समूह के गठन पर बल दिया है। यह समूह हिमालयी क्षेत्रों के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करेगा। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में आ रहे परिवर्तनों के साथ जीविका के क्षेत्र में अधिक कार्य करने पर भी जोर दिया। श्री राय उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में चल रही दो दिवसीय ‘इंडिया माउंटेन इनीशिएटिव’ की ‘सस्टेनेबल माउंटेन डेवेलपमेंट समिट 2011’ के अंतिम दिन की कार्यशाला में बोल रहे थे। उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव पर्यटन राकेश शर्मा ने प्रदेश के अंतिम गांव माणा का उदाहरण देते हुए वहां ग्रामीण पर्यटन के बारे में जानकारी दी। साथ ही पर्वतारोहण, ईको पर्यटन और राफ्टिंग की सम्भावनाओं के बारे में बताया। इंटरनेशनल जर्मन कोआपरेशन जीआईजेड के मैनफेड हैबिग ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत बताई। भारत सरकार के पर्यटन उप महानिदेशक डी वेंकटेशन, सुशील रमोला, प्रो. तेज प्रताप, सुब्रोतो राय ने भी इस मौके पर विचार रखे। इसके अलावा डा. पुश्किन फत्र्याल, डा. टीएस पोपाल, डा. आरवीएस रावत, प्रो. बीके जोशी व प्रो. शेखर पाठक ने समुदाय वानिकी व ग्रामीण पर्यटन की जानकारियां दीं। सामुदायिक वानिकी सत्र में डा. राजीव सेमवाल, डा. राजेन्द्र विष्ट वन संरक्षक ने प्रस्तुति दी। मेघालय के एमवीके रेड्डी, दिल्ली के एस सिद्ध, नेपाल के डा. गिरिधर खिनहाल, डा. भीष्म सुवेदी, प्रदेश के एसटीएस लेप्चा, कल्याण पाल, सुधा गुणवन्त, हेमा फत्र्याल, पीताम्बर मलकानी ने भी प्रस्तुतियां दीं। समापन के मौके पर आयोजक सेंट्रल हिमालयन इन्वायरमेंट एसोसिएशनचि या के अध्यक्ष डा. आरएस टोलिया ने कार्यशाला में सहयोग कर रहे संस्थानों जीआईजेड, उत्तराखण्ड, आईसीमोड, नेपाल, यूकास्ट, उत्तराखण्ड, एसआरटीटी, एनआरटीटी, मुम्बई, एसबीबी, देहरादून, एचआरडीआई गोपेर तथा मीडिया का आभार जताया। इस अवसर पर प्रो. एसपी सिंह, प्रो. पीडी पन्त, डा. पंकज तिवारी, प्रो. वीपीएस अरोडा, प्रो. जेएस सिंह, डा. एलएमएस पालनी आदि मौजूद थे।
पहाड़ में विकास के लिए बने अलग मॉडल : पचौरी
नैनीताल में बढ़ते प्रदूषण से चितिंत हैं नोबल पुरस्कार विजेता
नैनीताल (एसएनबी)। अमेरिकी उप राष्ट्रपति अलगोर व मार्टिन प्राइस के साथ नोबल पुरस्कार के साझीदार नैनीताल में जन्मे डा. आरके पचौरी पहाड़ में विकास के लिए अलग मॉडल के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि पहाड़ में मैदान अथवा पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश के विकास के मॉडल से कार्य नहीं किया जा सकता। वह अपनी जन्मस्थली में पर्यटक वाहनों के अधिक आगमन से चिंतित हैं, साथ ही खुश भी हैं कि नैनी झील पहले के मुकाबले में साफ हुई है। उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में आयोजित संगोष्ठी में आए डा. पचौरी नैनीताल पहुंचने के मार्ग की दुर्दशा से खासे परेशान दिखे। उन्होंने बातचीत की शुरूआत यह कहकर की कि इस बार यहां आने में अधिक तकलीफ हुई। नगर के हैडिंग्ले कॉटेज में जन्मे पचौरी ने कहा, उनकी मां बताती हैं कि वह इजी डिलीवरी से पैदा हुए थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को नगर में वाहनों का अधिक प्रवेश रोककर सैलानियों के लिए पैदल घूमने का अवसर उपलब्ध कराना चाहिए। जलवायु परिवर्तन पर श्री पचौरी ने कहा कि इसका सर्वाधिक प्रभाव कामगारों, किसानों पर पड़ेगा। लिहाजा अभी से जागरूक होने की जरूरत है। यहां प्राकृतिक धन की सुरक्षा करते हुए ही विकास करने होंगे तथा बेकार नष्ट हो रहे संसाधनों के उपयोग व वष्रा जल संग्रहण जैसे प्रयास करने होंगे। ईधन के लिए भी नए विकल्प तलाशने होंगे। नैनीताल के बाबत उन्होंने कहा, अपनी जन्मस्थली उनके दिल में है। उनका बचपन यहां बीता है। वह इस शहर की पूजा करते हैं।