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रविवार, 4 जनवरी 2015

क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन ?

कुमाऊं आयुक्त ने दीं सोलर स्ट्रीट लाइटें, कूड़ा निस्तारण और शौचालय के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विगत वर्ष मुख्यालय में आयोजित जिले के पर्यटन व्यवसायियों की बैठक में दूरस्थ पर्यटन स्थलों को विकसित करने और सैलानियों के लिए ढांचागत पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सीएम की इस पहल से उत्साहित जनपद के पर्यटन स्थल मुक्तेश्वर के पर्यटन व्यवसायियों ने गत दिवस कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल से मिलकर अपनी देखभाल की सहभागिता की पेशकश करते हुए मुक्तेश्वर व निकटवर्ती अन्य पर्यटक स्थलों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाने, कूड़ा निस्तारण का प्रबंध करने और शौचालय का निर्माण कराने का अनुरोध किया। आयुक्त ने डीएम नैनीताल को मामला संदर्भित किया। मामले में पूर्व में जिला पंचायत निधि से मुक्तेश्वर के लिए इन सुविधाओं के लिए धनराशि स्वीकृत होने की बात प्रकाश में आई। लिहाजा डीएम दीपक रावत ने जिला पंचायत से इस बारे में आख्या मांगी है, जबकि जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने पूर्व में स्वीकृत धनराशि से इन कायरे के विभिन्न कारणों से न हो पाने की स्थिति में धनराशि को अन्य कायरे में लगा देने की बात कही है। इससे सीएम की मंशा के पूरे होने और मुक्तेश्वर के दिन बहुरने पर संशय उत्पन्न हो गया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी पेटवाल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ह्यांकी के निर्देशों पर मुक्तेश्वर में शौचालय बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन लोनिवि द्वारा जरूरी मात्रा में भूमि उपलब्ध न करा पाने के कारण उस धनराशि का अन्य कायरे में सदुपयोग कर लिया गया। कहा कि अन्य सुविधाओं के लिए अभी कोई प्रस्ताव या धनराशि उपलब्ध नहीं है। जिला पंचायत बोर्ड की अगली बैठक में ही इस पर चर्चा हो सकती है।

::असर::सोलर लाइट से रोशन होगा मुक्तेश्वर

-जिला पंचायत ने उरेडा को भेजा प्रस्ताव, मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख में लगेंगी पांच सोलर लाइटें
नैनीताल। 'राष्ट्रीय सहारा" ने बीती चार जनवरी को जनपद के मुक्तेश्वर पर्यटन स्थल में सुविधाओं की कमी पर 'क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन" शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका असर हुआ है। जिला पंचायत ने समाचार प्रकाशित होने के उपरांत मुक्तेश्वर के साथ ही इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों, भटेलिया व कसियालेख में एक-एक सहित कुल पांच सोलर लाइटें लगाने का प्रस्ताव उरेडा को प्रेषित कर दिया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने 'राष्ट्रीय सहारा"  को बताया कि जिला पंयायत अध्यक्ष यशोदा प्रसाद की स्वीकृति के क्रम में उन्हीं की १३वें वित्त आयोग की निधि से मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख के लिए पांच सोलर लाइटों की मंजूरी दे दी है। एक सोलर लाइट करीब २० हजार रुपए की होगी, इस प्रकार कुल एक लाख रुपए के खर्च का अनुमान है।

मंगलवार, 15 मई 2012

नैनीताल में 1976-77 में हुई थी ग्लैडय़ूलाई के फूलों व बटन मशरूम के उत्पादन की शुरूआत


यादें सहेजने नाती-पोतों के साथ डीएम आवास पहुंचे सेठी 

नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल जनपद की पहचान ग्लैडय़ूलाई के फूलों व बटन मशरूम के उत्पादन के रूप में भी होती है, कम ही लोग जानते होंगे कि जनपद में इन दोनों कायरे की शुरूआत वर्ष 1976-77 में संयुक्त नैनीताल (वर्तमान नैनीताल व ऊधमसिंह नगर) जनपद के तत्कालीन डीएम रवि मोहन सेठी ने की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल के कालिंगपोंग व दार्जिलिंग से उस दौर में एक लाख रुपये के ग्लैडय़ूलाई बल्ब लाकर इस कार्य की शुरूआत की थी। खुद को अपनी आत्मकथा में ‘एन अन सिविल सव्रेट’ कहने वाले 1970 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मंगलवार को 35 वर्षो के बाद अपने नाती-पोतों, बच्चों व पत्नी के साथ अपने पूर्व डीएम आवास पहुंचे तो वहां की एक-एक चीज से अपने जुड़ाव के पलों को याद करते हुए गद्गद् हो गये। एक मुलाकात में जनपद के 30 वें डीएम रहे श्री सेठी (वर्तमान डीएम निधिमणि त्रिपाठी 60वीं डीएम हैं) ने बताया कि वह आपातकाल का दौर था। उस दौरान उन्होंने जिले में ग्लैडय़ूलाई व बटन मशरूम की शुरूआत जिला परिषद के वन पंचायतों की निधि से की थी। इसके लिए आलू विकास अधिकारी श्री रहमान को कालिंगपोंग व दार्जिलिंग भेजा गया था। ग्लैडय़ूलाई की एक कली तब एक से सवा रुपये में बिकती थी और खूब पसंद की जाती थी। मुख्यालय में कूड़ा खड्ड के पास इसके उत्पादन के लिए भूमि नगर के अनिल साह को लीज पर दी गई। तैयार ग्लैडय़ूलाई को केएमयू व रोडवेज की बसों से सीधे दिल्ली ले जाने के प्रबंध किये गये, परिणामस्वरूप पहले वर्ष ही करीब 20 हजार रुपये का लाभ हुआ था लेकिन धीरे-धीरे मशरूम उत्पादन में बाहर से पुआल लाने जैसी दिक्कतें आई। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान एसडीएम व पुलिस सीओ के स्तर से पहले 128 और बाद में 64 पत्रकारों को मीसा के तहत प्रतिबंधित व जेल में डालने की सिफारिश की गई थी, पर जनपद में ऐसा नहीं किया गया। केवल दो पत्रकार ही बंद किये गये। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ दशक पूर्व उन्होंने निजी कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और अब कई निजी कार्यों  में व्यस्त हैं।


तिवारी को सराहा

नैनीताल। पूर्व आईएएस अधिकारी रवि मोहन सेठी तत्कालीन सीएम पं. नारायण दत्त तिवारी के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उनके (सेठी के) पूर्व पद सूचना निदेशक के रूप में क्षमताओं को देखते हुए तिवारी ने उन्हें बेहद युवा होने के बावजूद अपने गृह जनपद की जिम्मेदारी दी थी। वह तिवारी के निजी सचिव भी रहे। बकौल सेठी श्री तिवारी में विकास की अमिट भूख थी, वह रात्रि एक-डेढ़ बजे से लेकर सुबह छह बजे तक भी विकास कायरे की जानकारी लेते रहते थे। उनमें ‘इनर्जी लेवल’, याददाश्त, विकास कायरे का ‘फालोअप’ करने की क्षमता अद्वितीय थी, वह विरोधियों के कायरे को भी पूरी तरजीह देते थे।