नवीन जोशी नैनीताल। यों सियासत और जंग में कोई किसी के लिए कुर्बानी नहीं देता, लेकिन कुमाऊं मंडल एवं जनपद मुख्यालय की नगर पालिका नैनीताल में दो भाइयों ने अपने भाइयों की जीत के लिए अपनी दावेदारी वापस लेकर मिसाल पेश की है। नाम वापसी के आखिरी दिन अध्यक्ष पद के एक एवं सभासद पद के दो निर्दलीय प्रत्याशियों चुनावी समर से वापस लौट आए। इसके बाद पालिकाध्यक्ष के प्रतिष्ठित पद पर 13 एवं 13 वार्डों के एक-एक यानी कुल 13 सभासद पदों के लिए 86 प्रत्याशी मैदान में शेष रह गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष पद पर कांग्रेस से टिकट के प्रमुख दावेदार राजेंद्र व्यास और उनके भाई अरविंद व्यास ने नामांकन कराया था। राजेंद्र कांग्रेस पार्टी से सशक्त प्रत्याशी थे, लेकिन अपनी पार्टी की लंबी सेवाओं और अपने जनाधार को देखते हुए वह चुनाव मैदान में उतर आए। उधर, उन्हीं के छोटे भाई अरविंद व्यास निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े थे। उन्हें उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी का समर्थन प्राप्त था। एक घर में एक साथ रहने और कमजोर आर्थिक स्थिति के साथ दोनों ही भाइयों ने नामांकन के लिए अपनी मां से तीन-तीन हजार रुपये लेकर नामांकन कराया था लेकिन नामांकन वापसी के आखिरी क्षणों में अरविंद ने राजेंद्र को पूरे जोश से चुनाव लड़ाने के लिए अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। इसी तरह भाजपा प्रत्याशी संजय कुमार "संजू" की अध्यक्ष पद पर जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में स्नोव्यू से सभासद का चुनाव लड़ रहे अक्षय कुमार ने नाम वापस ले लिया। संजू के चुनाव में हमेशा ही उनका चुनाव प्रबंधन देखने वाले अक्षय कुमार का कहना है कि वह अपने वार्ड में चुनाव लड़ने और जीतने के प्रति पूरी तरह आश्वस्त थे, उनकी तैयारी लंबे समय से चल रही थी। लेकिन आखिरी क्षणों में संजू को भाजपा से टिकट मिलने पर उन्होंने बड़े भाई को चुनाव जिताने के लिए स्वयं चुनाव न लड़ने का फैसला लिया, ताकि ऊर्जा दो की जगह एक जगह ही लगाई जा सके। इधर वार्ड 12 कृष्णापुर से पंकज आर्य ने भी पर्चा वापस ले लिया।
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