शनिवार, 23 अप्रैल 2011

सरोवरनगरी में अवैध तरीके से हो रहा नौकायन


नैनीताल (एसएनबी)। नैनी सरोवर में नौकायन के लिये सूर्योदय से सूर्यास्त का ही नियम है, किंतु तस्वीर गवाह है कि झील में देर रात्रि तक नौकायन कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कभी भी किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति झील के बाबत किसी एक संस्था की सीधी जिम्मेदारी तय न होने के कारण भी है। लिहाजा, झील विकास प्राधिकरण, नगर पालिका, पुलिस व अन्य विभाग एक-दूसरे पर दायित्व टालते हुऐ भी जिम्मेदारी से बच निकलते हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दो दिनों से नगर में सैलानियों की अत्यधिक भीड़-भाड़ है। नगर में आकर हर सैलानी एक बार नौकायन करना चाहता है, लिहाजा नैनी झील में नौकायन का अपना अलग चाव है। इधर झील में सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही नौकायन करना स्वीकृत है। लेकिन तस्वीरें गवाह हैं कि झील में देर रात्रि करीब आठ बजे तक भी बिना किसी डर या अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों के नौकायन किया जा रहा है। इस बावत पूछे जाने पर नगर पालिका एवं पुलिस के अधिकारियों ने पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की। अलबत्ता नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी ने आगे से पुलिस के अलावा पालिका कर्मियों को भी इस कार्य में लगाने तथा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहन सिंह बनंग्याल ने थाना व कोतवाली पुलिस को सचेत करने की बात कही।


खेल मैदान में गाड़ियां, अब कहां जाएं खेलने?
नैनीताल (एसएनबी)। सरोवर नगरी में सीजन से पहले ही वाहनों का रैला उमड़ पड़ा है। हालात यह हो गऐ हैं कि नगर का एक मात्र खेल का मैदान 'फ्लैट्स' सैलानियों के वाहनों से पट गया है। साथ ही माल रोड वाहनों पर वाहन रेंगने को मजबूर हैं, जबकि राजभवन रोड, चिड़ियाघर रोड व बिड़ला रोड जैसी संकरी सड़कों पर वाहन आगे-पीछे खिसक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फ्लैट मैदान में वाहन खड़े करने के बाबत बीते सप्ताह ही आईजी पुलिस द्वारा ली गई बैठक में तय हुआ था कि नगर की सूखाताल सहित अन्य सभी पार्किग भरने के बाद ही एसडीएम व सीओ स्तर के अधिकारी यहां वाहन खड़े करना आदेशित करेंगे, जबकि शनिवार को सूखाताल की पार्किग तो नहीं भरी अलबत्ता पार्किग के बाहर और फ्लैट मैदान में वाहन की कतारें लग गई हैं। यह स्थिति तब भी सुखद कही जा सकती है, क्योंकि यदि यह वाहन सड़कों पर आ जाऐं तो सड़कों पर पैदल चलना भी दूभर हो जाए।

2 टिप्‍पणियां:

VICHAAR SHOONYA ने कहा…

"अवैध नौकायन " सुनने में थोडा अजीब सा लगता है.

डॉ. नवीन जोशी ने कहा…

अवैध मतलब वैधानिक व्यस्था का उल्लंघन करते हुए..यहाँ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही नौकायन की अनुमति है..रात्रि में झील के बीच कोई दुर्घटना हो जाए तो बचाव का कोई प्रबंध नहीं है..