-विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिह कुंजवाल ने अनौपचारिक बातचीत में दिए संकेत
नवीन जोशी, नैनीताल। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान यानी एम्स दिल्ली में भर्ती प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य की खाली हुई धारचूला सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। खास बात यह होगी कि वह अपने अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए जाना दूर, नामांकन के लिए भी क्षेत्र में नहीं आएंगे। उनके नामांकन की औपचारिकता निर्वाचन अधिकारी एम्स दिल्ली जाकर ही पूरी कराएंगे। मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिह कुंजवाल ने नैनीताल में अनौपचारिक बातचीत में इस बात के साफ संकेत दिए।
मुख्यमंत्री के अस्पताल के बेड से ही चुनाव लड़ने से पार्टी को प्रत्याशी के पक्ष में सहानुभूति के तौर पर अलग से मनोवैज्ञानिक लाभ मिल सकता है। ऐसे में शेष दो सीटें भी सत्तारूढ़ कांग्रेस को मिल पाएंगी।
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वरिष्ठ काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश को शैडो मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी सोंप कर यह संकेत दे दिए हैं कि अभी उनका काफी वक्त एम्स दिल्ली में ही बीतना तय है। मालूम हो कि विगत दिनों दिल्ली में हैलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान मुख्यमंत्री गले में झटका खाने की वजह से एम्स में भर्ती हैं। अब विस अध्यक्ष कुंजवाल ने जिस तरह के संकेत दिए हैं, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री राज्य में विधानसभा की खाली हुई तीन सीटों के उप चुनावों के लिए नई रणनीति बना चुके हैं। अल्मोड़ा के लिए उन्हें रेखा आर्या के रूप में भाजपा से तोहफे की तरह मजबूत प्रत्याशी मिल चुका है, जबकि धारचूला से चूंकि कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने रणनीति के तहत ही मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली की है, इसलिए धारचूला को कांग्रेस आसान मानकर चल रही है। ऐसे में कांग्रेस और मुख्यमंत्री की कोशिश मुख्यमंत्री को चुनाव ल़ाकर पाटने और बीते लोक सभा चुनाव में मिली पांच-शून्य की करारी हार का बदला चुकाने की भी है।
वहीं कुंजवाल ने केंद्र सरकार के महंगाई बढाने संबंधी कदमों पर बचाव करते हुए कहा कि अभी केंद्र सरकार को काफी कम समय हुआ है, इसलिए वह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आगे अच्छे दिन आएंगे।