गुरुवार, 11 जुलाई 2013

अब नैनीताल में फटा आफतों का बादल...

  • जिले के दूरस्थ ल्वाड़ डोबा गाँव में आयी दैवीय आपदा..
  • एक घर का नामोनिशान नहीं रहा.. गृहस्वामी, उसकी पत्नी और चार बेटियां काल-कवलित, दो बछिया और 12 बकरियां भी मरीं...
  • घर का इकलौता चश्मो-चिराग (13 साल का बेटा) कहीं और होने के कारण बचा 


नैनीताल/धानाचूली (एसएनबी)। यहां करीब सवा सौ किमी दूर चंपावत जिले की सीमा से सटे ओखलकांडा ब्लॉक के ल्वाड़ डोबा ग्रामसभा में भूस्खलन के कारण एक दोमंजिला आवासीय भवन बुधवार देर रात्रि जमींदोज हो गया। इस हादसे में एक ही परिवार की चार बच्चियां व उनके माता-पिता घर के मलबे में जिंदा दफन हो गये। घर की निचली मंजिल (गोठ) में बंधी दो बछिया और 12 बकरियां भी मलबे में दबकर मर गई। घर का इकलौता चिराग दुर्घटना के समय घर पर न होने के कारण बच गया। सड़क मार्ग बाधित होने से डीएम एएस ह्यांकी व अन्य अधिकारी 15 किमी. पैदल चलकर मौके पर पहुंचे। माना जा रहा है कि बीती रात मूसलाधार बारिश के दौरान बादल फटने के कारण यह तबाही हुई। सीएम विजय बहुगुणा ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृत लोगों की आत्मा की शांति एवं दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईवर से कामना की है। सीएम ने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश किया है कि इस दुर्घटना में मृत लोगों के परिजनों को शासन द्वारा अनुमन्य राशि जल्द उपलब्ध करायें। साथ ही क्षतिग्रस्त भवनों का आकलन कर निर्धारित मुआवजा भी वितरित करें। 
जानकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह करीब 6.20 बजे ल्वाड़ डोबा ग्राम सभा की प्रधान वैष्णव देवी ने जिला आपदा कंट्रोल रूम को इस हादसे की सूचना दी। जानकारी के अनुसार बुधवार रात्रि दो से ढाई बजे के बीच ल्वाड़ डोबा गांव में हयात राम आर्या (40) का पुराना दोमंजिला भवन बारिश के दौरान भरभराकर ढह गया। जानकारी लगने पर जुटे ग्रामीणों ने मलबे से उनको निकालने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी नहीं बचाया जा सका। हादसे में हयात राम, उसकी पत्नी आनंदी देवी (35) व चार बेटियांनी लम (10), कविता (8), हिमानी (5) और डेढ़ वर्षीया निशा की मौके पर ही मौत हो गई। हयात राम का इकलौता बेटा (13) संयोगवश बच गया। बताया गया है कि वह रात्रि में अपने ताऊ के घर में सोया हुआ था। सूचना मिलते ही राजस्व विभाग, रेस्क्यू और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को गांव की ओर रवाना किया गया। डीएम अरविंद सिंह ह्यांकी भी सुबह सवा आठ बजे गांव के लिए रवाना हुए। दुर्घटनास्थल धारी तहसील मुख्यालय से करीब 85 किमी दूर खनस्यूं- पतलोट मार्ग पर स्थित है। यह मार्ग डालकन्या से आगे कई स्थानों पर मलबा आने से अवरुद्ध है। इस कारण गांव पहुंचने के लिए प्रशासन और आपदा-बचाव व स्वास्थ्य विभाग की टीमों को करीब 15 किमी पैदल चलना पड़ा। डीएम के साथ ही तहसीलदार धारी दामोदर पांडे, एसडीएम कोश्यां-कुटौली एनएस नबियाल सहित चिकित्सकों का दल भी करीब पांच घंटे पैदल चलकर मौके पर पहुंच पाया। शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया गया।

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