हिम तेंदुआ, मोनाल व कस्तूरी मृग जैसे दुर्लभ जीव भी लाए जाएंगे नैनीताल जू में
साइबेरियाई बाघ के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास से किया जा रहा संपर्क
देहरादून(एसएनबी)। पंडित गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीटय़ूड जूलॉजिकल पार्क में पर्यटक जल्द ही ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों के कई दिलचस्प और दुर्लभ जानवरों के दर्शन कर सकेंगे। जू में जल्द ही तीन लाल पांडा लाए जाएंगे। यही नहीं चिड़ियाघर आने वाले पर्यटक अब जल्द ही वहां साइबेरियाई बाघ, हिम तेंदुओं, मोनाल और कस्तूरी मृगों को विचरण करते भी देख सकेंगे। तराई केंद्रीय वन प्रभाग हल्द्वानी के डीएफओ व नैनीताल जू के निदेशक डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि इन लाल पांडा को सिक्किम के जूलॉजिकल पार्क से लाया जा रहा है। उनका कहना है कि चिड़ियाघर में जल्द ही मोनाल और कस्तूरी मृग लाने की भी योजना है। मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी और नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी है। लाल पांडा भालू प्रजाति का संकटग्रस्त जंतु है और यह पूर्वी हिमालय और दक्षिण पश्चिम चीन के जंगलों में पाया जाता है। बिल्ली से कुछ बड़ा यह जानवर ला-भूरे फर वाला और लंबी झबरी पूंछवाला होता है। इसके आगे के पैर छोटे होते हैं और यह ज्यादातर बांस खाता है। दुनिया में अभी केवल 10 हजार लाल पांडा ही बचे हैं जिनमें से अधिकांश चीन के जंगलों में पाए जाते हैं। समुद्रतल से 2100 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस चिड़ियाघर का प्रशासन चिड़ियाघर में एक साइबेरियाई बाघ और हिम तेंदुए लाने की कोशिश भी कर रहा है। ये दोनो एक समय चिड़ियाघर का प्रमुख आकषर्ण होते थे लेकिन पिछले साल ज्यादा उम्र के वजह से दोनों की मृत्यु हो गई। करीब दो साल पहले मरी मादा तेंदुआ रानी की मौत के बाद वन विभाग पिछले वर्ष बॉम्बे वेटनरी कॉलेज के जाने माने टैक्सिटर्मिस्ड डॉ. संतोष गायकवाड़ से उसकी ट्रॉफी बनवा चुका है। डॉ. धकाते का कहना है कि साइबेरियाई बाघ लाने के लिए प्रशासन ने भारत सरकार व सेंट्रल जू अथारिटी के मार्फत नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास से संपर्क किया है। इसी के साथ चिड़ियाघर प्रशासन देश के अन्य चिड़ियाघरों से हिम तेंदुओं का जोड़ा लाने के लिए संपर्क कर रहा है।
साइबेरियाई बाघ के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास से किया जा रहा संपर्क
देहरादून(एसएनबी)। पंडित गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीटय़ूड जूलॉजिकल पार्क में पर्यटक जल्द ही ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों के कई दिलचस्प और दुर्लभ जानवरों के दर्शन कर सकेंगे। जू में जल्द ही तीन लाल पांडा लाए जाएंगे। यही नहीं चिड़ियाघर आने वाले पर्यटक अब जल्द ही वहां साइबेरियाई बाघ, हिम तेंदुओं, मोनाल और कस्तूरी मृगों को विचरण करते भी देख सकेंगे। तराई केंद्रीय वन प्रभाग हल्द्वानी के डीएफओ व नैनीताल जू के निदेशक डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि इन लाल पांडा को सिक्किम के जूलॉजिकल पार्क से लाया जा रहा है। उनका कहना है कि चिड़ियाघर में जल्द ही मोनाल और कस्तूरी मृग लाने की भी योजना है। मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी और नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी है। लाल पांडा भालू प्रजाति का संकटग्रस्त जंतु है और यह पूर्वी हिमालय और दक्षिण पश्चिम चीन के जंगलों में पाया जाता है। बिल्ली से कुछ बड़ा यह जानवर ला-भूरे फर वाला और लंबी झबरी पूंछवाला होता है। इसके आगे के पैर छोटे होते हैं और यह ज्यादातर बांस खाता है। दुनिया में अभी केवल 10 हजार लाल पांडा ही बचे हैं जिनमें से अधिकांश चीन के जंगलों में पाए जाते हैं। समुद्रतल से 2100 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस चिड़ियाघर का प्रशासन चिड़ियाघर में एक साइबेरियाई बाघ और हिम तेंदुए लाने की कोशिश भी कर रहा है। ये दोनो एक समय चिड़ियाघर का प्रमुख आकषर्ण होते थे लेकिन पिछले साल ज्यादा उम्र के वजह से दोनों की मृत्यु हो गई। करीब दो साल पहले मरी मादा तेंदुआ रानी की मौत के बाद वन विभाग पिछले वर्ष बॉम्बे वेटनरी कॉलेज के जाने माने टैक्सिटर्मिस्ड डॉ. संतोष गायकवाड़ से उसकी ट्रॉफी बनवा चुका है। डॉ. धकाते का कहना है कि साइबेरियाई बाघ लाने के लिए प्रशासन ने भारत सरकार व सेंट्रल जू अथारिटी के मार्फत नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास से संपर्क किया है। इसी के साथ चिड़ियाघर प्रशासन देश के अन्य चिड़ियाघरों से हिम तेंदुओं का जोड़ा लाने के लिए संपर्क कर रहा है।
2 टिप्पणियां:
Great news .... :)
Thank you Joshi ji...
एक टिप्पणी भेजें