5४ हजार रुपये में पांच वर्ष तक एक-एक सप्ताह बिताएं मनमाने समय व स्थान पर
नवीन जोशी, नैनीताल। अब कुमाऊं मंडल विकास निगम के साथ भी आप देश—दुनिया के सैलानियों में मशहूर 'टाइम शेयर' कान्सैप्ट के तहत पांच वर्ष तक देवभूमि के कुमाऊं अंचल में मनमाने स्थान और समय पर पूरा एक सप्ताह मुफ्त में बिता सकते हैं। पेशेवर राह पर आगे बढ़ रहे निगम ने वेब दुनिया के साथ ही इस ओर भी कदम बढ़ा दिये हैं। निगम अपनी इस नयी मुहिम में सैलानियों को उम्मीद से अधिक आकर्षित करने में भी सफल रहा है।
आधुनिक पर्यटन की नयी विधाओँ को जानने वाले लोग जानते हैं कि 'टाइम शेयर' कान्सेप्ट में किसी रेजार्ट, होटल के एक कक्ष को वर्ष के 5२ हफ्तों के लिये अलग—अलग लोगों को सदस्यता के आधार पर तय अवधि के लिये एक तरह की लीज पर दिया जाता है। लीज अवधि में सदस्यता लेने वाले सदस्य हर वर्ष किसी भी रिजार्ट में जाकर एक सप्ताह (छह दिन व सात दिन) मुफ्त में रह सकते हैं। सदस्यता की दरें पीक सीजन यानी रेड, ऑफ सीजन यानी ह्वाइट व ऑफ-पीक यानी ब्लू कार्ड के हिसाब से अलग—अलग भी रखीं जाती हैं, किंतु इससे इतर निगम द्वारा शुरू किये गये सिस्टम के तहत निगम के 4४ पर्यटक आवास गृहों-टीआरएच में टाइम शेयर करने वाले सदस्यों के लिये यह सुविधा है कि वह वर्ष भर के लिये समान सदस्यता (लॉयल्टी मेंबरशिप) केवल 5४ हजार रुपये में ले सकते हैं। इस सदस्यता पर वह आगे पांच वर्षों तक किसी भी टीआरएच में किसी भी सीजन यानी पीक सीजन में भी आकर मुफ्त में परिवार (दो बड़े व दो बच्चे) सहित एक सप्ताह रह सकते हैं। यदि सदस्यता शुल्क को पांच वर्ष में उपलब्ध 3 रातों के हिसाब से भी देखें तो दैनिक किराया 1,70 रुपये के करीब होता है, जोकि आज के किराये के हिसाब से भी करीब आधा है। शायद यही कारण है कि सदस्यता शुरू होने के कुछ दिनों में ही 15 लोग सदस्यता ले चुके हैं। इससे उत्साहित निगम के एमडी चेंश कुमार बताते हैं कि फिलहाल केवल पांच हजार लोगों को ही लॉयल्टी मेंबरशिप दी जाएेगी। इससे निगम को एकमुश्त 25 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होगी, जिससे प्रतिवर्ष निगम को बैंक ब्याज के रूप में ही दो करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये टीआरएच में बेहतर सुविधाएँ जुटाने व मरम्मत आदि पर खर्च करने के बाद भी निगम को 5 लाख रुपये प्रचार-प्रसार व अन्य जरूरतों हेतु उपलब्ध रहेंगे।
निगम की झूठी वेबसाइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी
नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम व उसकी वेबसाइट की प्रसिद्धि इंटरनेट हैकर्स और पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। शायद इसीलिये निगम के 'की—वर्ड' व नाम आदि से मिलती—जुलती कई वेबसाइटें वेब दुनिया में आ गई हैं। ऐसे में यदि कोई निगम की वेबसाइट को सर्च करता है तो वह निगम के बजाए ऐसी मिलती—जुलती वेबसाइट पर पहुंच जाता है। इन साइटों पर उनके व्यक्तिगत जानकारियां, फोन नंबर, ईमेल पता आदि पूछ लिये जाते हैं, और बाद में फर्जी कंपनियों के लोग संपर्क कर अन्य स्थानों पर जाने के लिये सैलनियों को परेशान करते हैं। निगम एमडी चेंश कुमार ने कहा कि निगम एक ओर अपनी ऑफीसियल वेबसाइट www.kmvn.gov.in को 'फिशिंग प्रूफ' कर सुरक्षित कर रहा है, वहीं ऐसी झूठी साइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है। वेबसाइट को अधिक जानकारियों व चित्रों से युक्त किया गया है, जिसके बाद निगम ने इस वर्ष 7५ वर्ष बुकिंग ऑनलाइन ही प्राप्त कीं। इससे इस वर्ष बुकिंग कराकर न आने वाले (ड्राप आउट) सैलानियों में भी कमी आई। ड्राप आउट 35 फीसद से घटकर पांच से आठ फीसद रह गया।
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