रविवार, 31 जुलाई 2011

भौर्याल ने किया भवन व छात्रावास का शिलान्यास



नर्सिग होम स्कूल का होगा कायाकल्प
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यालय में पुनर्जीवित किये जा रहे 1967 में बने मेडिकल कालेज के बीडी पांडे राजकीय नर्सिग स्कूल के रूप में नये स्वरूप को सुविधा संपन्न किये जाने की कवायद शुरू हो गई है। स्कूल में करीब 10 करोड़ रुपये नये भवन व छात्रावास के निर्माण, उपकरणों व कर्मचारियों के वेतन के लिए अवमुक्त किये गये हैं। इसी धनराशि से प्रस्तावित निर्माणों का प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल ने रविवार को शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि कायरे की डीपीआर तैयार की जा रही है, जबकि भवन व छात्रावास निर्माण के लिए Rs5.35 करोड़, फर्नीचर व उपकरणों के लिये Rs2.6 करोड़ व वेतन के लिये Rs2.05 करोड़ अवमुक्त हो गये हैं। हालांकि चिकित्सा विभाग के अधिकारी केवल 26 लाख रुपये ही टोकन मनी के रूप में मिलने की बात कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने पशु कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष शांति मेहरा, विधायक खड़क सिंह बोहरा के साथ पूजा-अर्चना के साथ निर्माण कायरे का शिलान्यास किया। इस मौके पर सिस्टर ललिता बिष्ट ने नसरे के लिये अलग निदेशालय की मांग के साथ ही नसरे की विभिन्न समस्याएं मंत्री के समक्ष रखीं। भाजपा नेता दिनेश आर्य, हेम चंद्र आर्य, विधायक सहित अन्य नेताओं ने विचार रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कायरे का बखान किया। इस मौके पर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. जेसी दुर्गापाल, सीएमओ डा. डीएस गब्र्याल, सीएमएस डा. एनएस भाट व डा. पंकज माथुर, मीनाक्षी नयाल आदि मौजूद थे।
लापरवाह है अवस्थापना विकास निगम : भौर्याल
नैनीताल। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा व सहकारिता मंत्री बलवंत सिंह भौंर्याल ने राज्य के अवस्थापना विकास निगम को नकारा करार दिया। उन्होंने कहा कि निगम को अल्मोड़ा मेडिकल कालेज का कार्य दिया गया पर वह डेढ़ वर्ष में इसकी डीपीआर तक नहीं बना पाया। इसी कारण नैनीताल में नर्सिंग स्कूल के छात्रावास व भवनों का निर्माण कार्य यूपी राज्य निर्माण निगम को दे दिये हैं। उन्होंने यूपी निगम के माध्यम से यहां निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूरे करा लेने का दावा भी किया। निर्माण एजेंसी यूपी राज्य निर्माण निगम से एक वर्ष में कार्य पूरा कराने का समयबद्ध बांड भरा गया है, कार्य पूरा न हुआ तो निगम से पेनाल्टी वसूल की जाएगी।

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

‘ठेके’ पर डाक्टर, ‘ठेंगे’ पर मरीज


147 अस्पतालों में 127 चिकित्सक, पहाड़ से तबादले को अधिकारियों पर दबाव
नवीन जोशी नैनीताल। कुमाऊं मंडल के मुख्यालय व वीआईपी जनपद नैनीताल में चिकित्सा विभाग की कहानी राज्य की समूची व्यवस्था की तस्वीर बयां करने के लिए काफी है। पहली नजर में आप इसे अजूबा मान सकते हैं कि जिले में 147 छोटे-बड़े चिकित्सालयों के सापेक्ष केवल 127 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं और स्वीकृत 229 पदों के सापेक्ष 102 पद रिक्त हैं, बावजूद अधिकारी जिले में एक भी चिकित्सालय के चिकित्सक विहीन न होने का दावा कर रहे हैं। यह दावा कमोबेश सही भी है लेकिन यह कैसे संभव है, इसके लिए जो प्रबंध किये गये हैं, वह गंभीर सवाल खड़े करने वाले हैं। पहले जिले में मौजूद चिकित्सालयों व चिकित्सकों के पदों व उपलब्धता की बात कर ली जाए- यहां छह बड़े चिकित्सालय, छह टीवी से संबंधित सेनिटोरियम, क्लीनिक आदि, चार सीएचसी, छह पीएससी, 13 एडीशनल पीएससी, एक-एक पुलिस व हाईकोर्ट हास्पिटल, 31 राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय, दो ग्रामीण महिला हास्पिटल, 67 ग्रामीण उप केंद्र तथा सात अटल आदर्श गांवों में खोले गये अस्थाई मिलाकर कुल 147 चिकित्सालय मौजूद हैं। इन चिकित्सालयों में एलोपैथिक डाक्टरों के 106 स्वीकृत पदों के सापेक्ष केवल 52 चिकित्सक उपलब्ध हैं, जबकि इससे अधिक 54 पद रिक्त हैं। इसी तरह 25 में से 21 महिला चिकित्सक, 64 में से 31 विशेषज्ञ चिकित्सक व 34 में से 23 चिकित्सा अधिकारी ही मौजूद हैं। यानी एक लाइन में कहें तो जिले के 147 अस्पतालों में 229 स्वीकृत पदों के सापेक्ष केवल 127 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। जाहिर है 102 पद रिक्त हैं। बावजूद जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.डीएस गब्र्याल के अनुसार जिले में एक भी अस्पताल चिकित्सक विहीन नहीं है। उनका दावा इस आधार पर सही भी ठहराया जा सकता है कि जिले के चिकित्सक विहीन चिकित्सालयों को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर महज एक वर्ष के लिए रखे गये करीब 38 बूढ़े चिकित्सकों से भरा गया है, जबकि शेष बची जगहों पर होम्योपैथिक व चिकित्सा की अन्य विधाओं के चिकित्सकों से भरा गया है। चिकित्सा नियमावली का पालन किया जाए तो होम्योपैथिक चिकित्सक एलोपैथिक दवाइयां नहीं दे सकते हैं। इसी तरह आयुव्रेदिक चिकित्सक भी अपनी ही पैथी की दवाइयां दे सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य महानिदेशालय ने फिलहाल चिकित्सकों को ड्रग कंट्रोल एक्ट के दायरे से बाहर रखा हुआ है। इस परिधि में केवल फार्मासिस्ट ही लाये गये हैं। कहा जा सकता है कि झगड़े की जड़ फार्मासिस्ट को माना गया है, वरना इस तरह का फरमान जारी करने से पहले दस बार सोचा जाता। निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है कि जिले में कामचलाऊ व्यवस्था के तहत चिकित्सालयों को चिकित्सक विहीन न रखने की आंकड़ेबाजी तो अच्छी की गई है, पर इसका लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं, इसकी किसी को चिंता नहीं है। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ हद तक आस्त हैं कि राज्य के मेडिकल कालेजों से सस्ती फीस पर डाक्टरी करने वाले चिकित्सकों की खेप आने के बाद समस्या का काफी हद तक समाधान निकल आएगा।

शनिवार, 23 जुलाई 2011

नैनीताल में शौर्य दिवस की तैयारियां जोरों पर


डीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय हुई कार्यक्रमों की रूपरेखा
नैनीताल (एसएनबी)। करगिल में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले दिन को नैनीताल जनपद के लोग शान के साथ मनाएंगे। इस मौके पर मुख्यालय में पुलिस व सेना के जवान तथा एनसीसी की तीनों यूनिटों के कैडेट करगिल युद्ध के शहीदों को जनपद की ओर से परेड के जरिये श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। शहीदों के आश्रितों व घायल सैनिकों का भी सम्मान किया जाएगा। ब्लाकस्तर पर भी सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा स्कूली बच्चों की निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शुक्रवार को झीविप्रा सभागार में आगामी 26 जुलाई को कारगिल दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए डीएम शैलेश बगौली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिय गए। तय हुआ कि आयोजन पुलिस लाइन के परेड ग्राउन्ड में आयोजित होगा। सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक स्कूलों के बच्चों की पेटिंग प्रतियोगिता, 11 बजे से शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण तथा गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पुलिस, सेना व एनसीसी टुकड़ी द्वारा परेड के बाद मुख्य अतिथि को सलामी दी जाएगी। इस दौरान शहीदों के परिजनों तथा करगिल युद्ध में शामिल रहे सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। आयोजन को सफल बनाने के लिए एसडीएम सदर, पुलिस सीओ, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी पालिका व सभी राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्षों को सम्मलित कर एक समिति का गठन किया गया। डीएम ने राजनीतिक दलों व आम जनता से इस समारोह में उपस्थित होने की अपील की।
करगिल में नैनीताल के पांच लाड़ले हुए थे शहीद
नैनीताल। करगिल युद्ध में देश ने अपने जिन 523 बेटों को खोया, उनमें नैनीताल जनपद के पांच लाडले भी शामिल थे। इनमें नगर के मेजर राजेश अधिकारी, कोश्यां कुटौली के लांस नायक चंदन सिंह, रामनगर के राम प्रसाद ध्यानी, हल्द्वानी के चंदन सिंह, मोहन सिंह व मोहन चंद्र जोशी के नाम शामिल है। हवलदार डीबी पाल को गोली लगने से अपना एक पैर गंवाना पड़ा। नायक कैलाश चंद्र के हाथ में गोली लगी। सिपाही महेश चंद्र पाठक व प्रीतम सिंह, हवलदार वीर सिंह व आनरेरी नायब सूबेदार गंगा सिंह भी गोलियों से घायल हुए देश के 1363 सैनिकों में शामिल थे।

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

अब केएमवीएन संग कीजिए 'कुमाऊं' में 'टाइम शेयर'

5४ हजार रुपये में पांच वर्ष तक एक-एक सप्ताह बिताएं  मनमाने समय व स्थान पर
नवीन जोशी, नैनीताल। अब कुमाऊं मंडल विकास निगम के साथ भी आप देश—दुनिया के सैलानियों में मशहूर 'टाइम शेयर' कान्सैप्ट के तहत पांच वर्ष तक देवभूमि के कुमाऊं अंचल में मनमाने स्थान और समय पर पूरा एक सप्ताह मुफ्त में बिता सकते हैं। पेशेवर राह पर आगे बढ़ रहे निगम ने वेब दुनिया के साथ ही इस ओर भी कदम बढ़ा दिये हैं। निगम अपनी इस नयी मुहिम में सैलानियों को उम्मीद से अधिक आकर्षित करने में भी सफल रहा है।
आधुनिक पर्यटन की नयी विधाओँ को जानने वाले लोग जानते हैं कि 'टाइम शेयर' कान्सेप्ट में किसी रेजार्ट, होटल के एक कक्ष को वर्ष के 5२ हफ्तों के लिये अलग—अलग लोगों को सदस्यता के आधार पर तय अवधि के लिये एक तरह की लीज पर दिया जाता है। लीज अवधि में सदस्यता लेने वाले सदस्य हर वर्ष किसी भी रिजार्ट में जाकर एक सप्ताह (छह दिन व सात दिन) मुफ्त में रह सकते हैं। सदस्यता की दरें पीक सीजन यानी रेड, ऑफ सीजन यानी ह्वाइट व ऑफ-पीक यानी ब्लू कार्ड के हिसाब से अलग—अलग भी रखीं जाती हैं, किंतु इससे इतर निगम द्वारा शुरू किये गये सिस्टम के तहत निगम के 4४ पर्यटक आवास गृहों-टीआरएच में टाइम शेयर करने वाले सदस्यों के लिये यह सुविधा है कि वह वर्ष भर के लिये समान सदस्यता (लॉयल्टी मेंबरशिप) केवल 5४ हजार रुपये में ले सकते हैं। इस सदस्यता पर वह आगे पांच वर्षों तक किसी भी टीआरएच में किसी भी सीजन यानी पीक सीजन में भी आकर मुफ्त में परिवार (दो बड़े व दो बच्चे) सहित एक सप्ताह रह सकते हैं। यदि सदस्यता शुल्क को पांच वर्ष में उपलब्ध 3 रातों के हिसाब से भी देखें तो दैनिक किराया 1,70 रुपये के करीब होता है, जोकि आज के किराये के हिसाब से भी करीब आधा है। शायद यही कारण है कि सदस्यता शुरू होने के कुछ दिनों में ही 15 लोग सदस्यता ले चुके हैं। इससे उत्साहित निगम के एमडी चेंश कुमार बताते हैं कि फिलहाल केवल पांच हजार लोगों को ही लॉयल्टी मेंबरशिप दी जाएेगी। इससे निगम को एकमुश्त 25 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होगी, जिससे प्रतिवर्ष निगम को बैंक ब्याज के रूप में ही दो करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये टीआरएच में बेहतर सुविधाएँ जुटाने व मरम्मत आदि पर खर्च करने के बाद भी निगम को 5 लाख रुपये प्रचार-प्रसार व अन्य जरूरतों हेतु उपलब्ध रहेंगे।

निगम की झूठी वेबसाइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी
नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम व उसकी वेबसाइट की प्रसिद्धि इंटरनेट हैकर्स और पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। शायद इसीलिये निगम के 'की—वर्ड' व नाम आदि से मिलती—जुलती कई वेबसाइटें वेब दुनिया में आ गई हैं। ऐसे में यदि कोई निगम की वेबसाइट को सर्च करता है तो वह निगम के बजाए ऐसी मिलती—जुलती वेबसाइट पर पहुंच जाता है। इन साइटों पर उनके व्यक्तिगत जानकारियां, फोन नंबर, ईमेल पता आदि पूछ लिये जाते हैं, और बाद में फर्जी कंपनियों के लोग संपर्क कर अन्य स्थानों पर जाने के लिये सैलनियों को परेशान करते हैं। निगम एमडी चेंश कुमार ने कहा कि निगम एक ओर अपनी ऑफीसियल वेबसाइट www.kmvn.gov.in को 'फिशिंग प्रूफ' कर सुरक्षित कर रहा है, वहीं ऐसी झूठी साइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है। वेबसाइट को अधिक जानकारियों व चित्रों से युक्त किया गया है, जिसके बाद निगम ने इस वर्ष 7५ वर्ष बुकिंग ऑनलाइन ही प्राप्त कीं। इससे इस वर्ष बुकिंग कराकर न आने वाले (ड्राप आउट) सैलानियों में भी कमी आई। ड्राप आउट 35 फीसद से घटकर पांच से आठ फीसद रह गया।

नैनीताल को उत्तराखंड का पहला निर्मल नगर पुरस्कार

पुरस्कार के 50 में से पांच लाख के इनाम मिलेंगे सफाई कर्मियों को
नैनीताल (एसएनबी)। सरोवर नगरी को प्रदेश का पहला 'मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार' तथा इसके साथ 5 लाख रुपये की धनराशि मिलने से नगर पालिका में हर्ष का माहौल है। पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ने इस खुशी को आज सभासदों, पालिका कर्मियों व मीडिया के सम्मुख व्यक्त करते हुए प्राप्त धनराशि को खर्च करने की भावी योजना पेश की। बताया कि कई उपयोगी उपकरण खरीदे जायेंगे। 5 में से नियमानुसार 1 फीसद यानी पांच लाख रुपये तो सफाई कर्मियों को पुरस्कार स्वरूप दिये ही जायेंगे, शेष 45 लाख भी ठोस कूडा अपशिष्ट निवारण में ही खर्च होंगे, जिसका लाभ भी निश्चित ही सफाई कर्मियों को मिलेगा।
श्री जोशी ने प्रदेश सरकार से प्राप्त पुरस्कार को पूरी पारदर्शी प्रक्रिया से दिया गया बताते हुएे कहा कि प्राप्त धनराशि से हर सुपरवाइजर क्षेत्र के 1—1 सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मियों को उनके 'ट्रेक रिकार्ड' के आधार पर एक विशेष चयन समिति से चयनित कर पुरस्कृत करेंगे। ऊंचाई वाले क्षेत्रों से कूदा उठाने को एक यूटिलिटी वाहन खरीदेंगे। सफाई कर्मियों से कार्य के दौरान बेहतर संवाद स्थापित रखने के लिये पालिका 'वाकी—टाकी' की मदद भी लेने जा रही है। इसी हेतु सुपरवाइजरों को तीन मोटरसाइकिलें मुहैय्या कराई जायेंगी। नैनी झील की विशेष सफाई के लिये पालिका चंडीगढ़ की तर्ज पर बड़ी विशेष नौका भी तैयार करवाएगी। सफाई कर्मियों को गम बूट, ग्लब्स व आवाज रहित हाथ गा di यां भी उपलब्ध कराई जाएेंगी। इस मौके पर पालिका ईआे, भाजपा नगर अध्यक्ष व सभासद दया बिष्ट, वरिष्ठ सभासद महेंद्र सिंह, मनोज अधिकारी, प्रकाश बिष्ट, आनंद बिष्ट, हरजीत मंटी, प्रेम सागर, मधु बिष्ट, कृपाल सिंह, जगदीश बवाड$ी सहित अनेक कर्मी भी हर्ष मनाने के लिये मौजूद थे।

लेकिन फिलहाल कर्मचारी नाराज
नैनीताल। निर्मल नगर पुरस्कार मिलने से कर्मचारियों को तो पुरस्कार मिलने ही हैं, लेकिन इस बाबत आज आयोजित कार्यक्रम में सभासदों व कार्यालयी कर्मियों के साथ खुद को न बुलाएे जाने से कई सफाई कर्मी नाराज दिखे, और कार्यक्रम छोड$कर बाहर आ गये। उनका कहना था पुरस्कार उनके कार्यों से मिला है।

सफाई कर्मचारियों की मशीन लेगी हाजिरी
नैनीताल। पालिका अब कार्य करने वाले व न करने वाले सफाई कर्मियों पर पूरी नजर रखेगी। इस उद्देश्य से पालिका 25 बायोमैट्रिक्स मशीनें खरीदेगी, जिन पर कर्मियों को अपनी अंगुलियों के निशान मिलाकर कार्यस्थल पर ही हाजिरी देनी होगी। इसके अलावा पालिका कर्मियों को अपने किये गये सफाई कार्य की फोटो भी लानी होंगी, जिसके लिये उन्हें डिजिटल कैमरे उपलब्ध कराये जाएेंगे। आने वाले दिनों में कर्मियों को पालिका की यह पहल नागवार गुजर सकती हैं।

सोमवार, 18 जुलाई 2011

कुविवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे कलाम

नैनीताल (एसएनबी)। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने 10 अगस्त को इस समारोह में भा6 को ग लेने के लिए नैनीताल आने की सहमति दे दी है। विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने गत दिनों पूर्व राष्ट्रपति को विविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था, जिसे स्वीकार करते हुए डा.कलाम ने तिथि सहित अपनी सहमति भेज दी है। विवि के कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह कुविवि के लिए गौरव का विषय है। दीक्षांत समारोह की तैयारियां जोरों पर की जा रहीं हैं। 
1973 में स्थापित कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों में डा. कलाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिम्हा राव के बाद देश के दूसरे शीर्ष नेता होंगे। स्व. राव देश के मानव संसाधन मंत्री रहते 25 अक्टूबर 1986 अल्मोड़ा में आयोजित हुए कुविवि के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों की बात की जाए तो 14 जून 1875 को नैनीताल में आयोजित हुए विवि के पहले दीक्षांत समारोह में हिंदी की प्रसिद्ध छायावादी कवियत्री महादेवी वर्मा मुख्य अतिथि थीं। 1978 में तीसरे दीक्षांत समारोह में रुड़की विवि के पूर्व कुलपति डा. घनानंद पांडे, 88 में विवि अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. यशपाल, 94 में केंद्रीय मंत्री डॉ. कर्ण सिंह, 2006 में राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल, 07 में राज्यपाल डा. बीएल जोशी, 08 में बनारस हिंदू विवि के कुलपति प्रो. डीपी सिंह व 10 में पर्यावरणविद् डा. वंदना शिवा ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

केएमवीएन को पर्यटन के लिए 91 करोड़


कर्मचारियों के स्टाफिंग पैटर्न का होमवर्क पूरा : शर्मा
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को संसाधनों व पर्यटन सर्किटों को विकसित करने के लिए सरकार 91.5 करोड़ रुपये की राशि देगी। इसमें से 15-15 करोड़ रुपये निगम को अपनी टीआरएच के सुधार के लिए तीन वर्षो में, 42 करोड़ कुमाऊं में छह नये पर्यटन सर्किटों के लिए, तीन करोड़ छोटे कायरे व डेढ़ करोड़ रुपये ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रेकिंग रूट विकसित करने के लिए दिये जाएंगे। इस आशय की घोषणा प्रमुख सचिव पर्यटन राकेश शर्मा ने की। इसके अलावा प्रमुख सचिव ने निगम में करीब 1100 कर्मियों के स्टाफिंग पैटर्न का खाका भी खींच लिया है। मंगलवार को निगम के ओक पार्क स्थित मुख्यालय में निगम के अधिकारियों की बैठक के बाद प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शर्मा ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि 15 अगस्त तक निगम का नया कर्मचारी ढांचा बन जाएगा। इसके तहत निगम में दो जीएम-पर्यटन तथा प्रोजेक्ट व मार्केटिंग, पांच जोनल एजीएम तथा तीन डीजीएमिसविल, मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल व डिजाइन- प्लानिंग होंगे। निगम के हर कर्मी को अपने सेवा काल में तीन से चार पदोन्नतियां मिलेंगी। जीएम पर्यटन का पद किसी पेशेवर को दिया जाएगा, जबकि पीसीएस अफसर को जीएम-प्रोजेक्ट व मार्केटिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नये स्टाफिंग पैटर्न के तहत निगम में संविदा-जॉब वर्क के तौर पर कार्यरत सभी कर्मियों के अलावा दो से ढाई सौ नई भर्तियां भी होंगी। नए टीआरएच खोलने के लिए भी कर्मचारी भर्ती के मानक तय कर दिये गये हैं। निगम रामनगर, अल्मोड़ा के 12 काटेज, बिनसर का आधा टीआरएच तोड़कर नया बनाएगा, अथवा पीपीपी में देगा, वहीं ढिकुली में ‘रिवर्स पीपीपी’ मोड में भूमि को 15 वर्षो के लिए लीज पर लेकर कार्य करने को भी मंजूरी दे दी गई है। इस मौके पर एमडी चंद्रेश कुमार, जीएम दीप्ति सिंह, मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
पर्यटन विकास परिषद में होंगी 220 नियुक्तियां : शर्मा
अगली कैबिनेट बैठक में परिषद के नये ढांचे को मंजूरी मिलने की उम्मीद पांच जोन में बंटेगा प्रदेश, जिलों की बजाय राज्य के 28 स्थानों पर तैनात होंगे अधिकारी
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश के प्रमुख सचिव राकेश शर्मा ने कर्मचारियों के लिए तरस रहे राज्य के पर्यटन विभाग के मुख्य उपक्रम पर्यटन विकास परिषद में सभी 220 पदों के भरने की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य कैबिनेट की अगली बैठक में इन सभी पद भरने एवं परिषद के नये ढांचे को मंजूरी मिल जाएगी। नये ढांचे में राज्य को जिलों की सीमाओं से हटाकर पांच जोन में बांटा जाएगा। हर जोन में मंडलीय अधिकारी बैठेंगे। जिलों से इतर राज्य में 28 पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर वहां अधिकारी तैनात किये जाएंगे। 20 साहसिक खेल केंद्रों पर इतने ही साहसिक खेल अधिकारी तैनात किये जाएंगे, जो उस स्थान की विशेषता के अनुरूप साहसिक खेलों के विकास के लिए कार्य करेंगे। मंगलवार को मुख्यालय आगमन पर स्थानीय बोट हाउस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री शर्मा ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में होने वाली चारधाम यात्रा और नैनीताल जैसे नगरों में सैलानियों को बड़े आकषर्णों में सैलानियों की संख्या को कम किये जाने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने कहा कि सैलानियों को इन स्वाभाविक पसंदीदा जगहों की बजाय अन्य स्थानों पर भेजने से अन्य स्थानों का भी इसी तरह विकास हो सकेगा। इस मौके पर कुमाऊं आयुक्त कुणाल शर्मा, डीएम शैलेश बगौली व केएमवीएन के एमडी चंद्रेश कुमार भी मौजूद थे।

सोमवार, 4 जुलाई 2011

कहां तो चिराग तय था हर घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए


एक जिले के लिए थी 550 करोड़ की दरकार, पूरे सूबे के लिए मिली इतनी धनराशि
नवीन जोशी नैनीताल। नैनीताल नगर के लिए काले दिन के रूप में याद किया जाने वाला 18 सितंबर 2010 जनपद व राज्य का काला दिन साबित हो गया। इस दिन पहाड़ पर आपदाओं के ‘पहाड़’ टूट पड़े, लेकिन अगर कोई न टूटा तो वह थे नेता-राजनीति और सुस्त लापरवाह मशीनरी। ऐसे में एक जनपद नैनीताल द्वारा आपदा से निपटने के लिए शासन से की गई 550 करोड़ रुपयों की दरकार को पूरा करके ही केंद्र सरकार 13 जिलों के प्रदेश को देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली और आपदा पीड़ित राज्यवासियों से 2100 करोड़ की ‘देनदारी’ कबूल कर चुकी राज्य सरकार भी देनदारी चुकाने के लिए कोई और इंतजाम नहीं कर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई। 
नैनीताल जिला प्रशासन ने गत वर्ष आई आपदा से निपटने में शुरुआत में करीब 1. 4 करोड़ के मुआवजे देने में जो मुस्तैदी दिखाई उसे वह आगे कायम नहीं रख सका। डीएम नैनीताल शैलेश बगौली के अनुसार इसका कारण जरूरत का केवल 10 फीसद धनराशि (करीब 60 करोड़) मिल पाना रहा। बगौली के अनुसार जिले में आपदा से केवल परिसंपत्तियों की ही 350 करोड़ की क्षति हुई थी जबकि सुरक्षात्मक कायरे के लिये 250 करोड़ भी बेहद जरूरी थे, लेकिन तस्वीर का एक पहलू यह भी है जिला स्तर से 59.01 करोड़ की जिन 853 योजनाओं को स्वीकृत दी गई। इनमें से भी आपदाओं का नया बरसाती सत्र आने तक केवल 32.28 करोड़ की 420 योजनाएं ही पूरी हो पाई हैं। यानी इनसे अधिक 433 योजनाएं अभी अधूरी हैं। इनमें से नगर के करीब ही भवाली रोड पर टूटा पहाड़ के पास ध्वस्त हुई सड़क हो या आपदा से सर्वाधिक प्रभावित बेतालघाट क्षेत्र में सुरक्षात्मक कार्य शुरू भी नहीं हो पाये हैं। अल्मोड़ा मार्ग छड़ा व क्वारब के पास ध्वस्त हो चुका है। हालांकि डीएम आस्त हैं कि पहाड़ के हर ब्लाक में दो से तीन व मैदानी ब्लाकों में एक-एक टीम और नोडल अधिकारी बनाकर प्रशासन आगे आपदा से निपटने को मुस्तैद है। गत वर्ष जैसी आपदा आई तो बचाव के लिए संसाधनों की कमी बरकरार है। वर्तमान हालातों पर सत्तारूढ़ भाजपा के जिलाध्यक्ष भुवन हबरेला का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली उपेक्षा के कारण ऐसे हालात हैं। उन्होंने कायरे में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर राज्य सरकार का कड़ा रुख होने की बात भी कही। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार जब पहले मिली धनराशि ही खर्च नहीं कर पाई है तो वह किस आधार पर केंद्र से धन न मिलने का रोना रो सकती है।