कुलसचिव, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक जैसे सभी मह्त्वपूर पद लम्बे समय से रिक्त
नवीन जोशी, नैनीताल। यूपी के दौर में पीसीएस अधिकारियों से गुलजार रहने वाला कुमाऊं विविद्यालय ‘अपने’ राज में बिना ‘हाथों’ के चल रहा है। विवि में सहायक कुलसचिव से लेकर कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक से लेकर संपत्ति अधिकारी जैसे जिम्मेदार पदों पर प्रभारी व्यवस्था चल रही है। बावजूद इसके विवि नित नई बुलंदी की ओर अग्रसर है। यूपी के दौर में कुमाऊं विवि में वर्ष 1996 तक कुलसचिव पद के साथ ही उप कुलसचिव पद पर भी पीसीएस अधिकारी कार्यरत रहे। इधर गढ़वाल विवि के केंद्रीय दर्जा हासिल करने के बाद जहां कुमाऊं विवि राज्य का परंपरागत शिक्षा देने वाला एकमात्र विवि रह गया है, बावजूद सरकार एक विवि में भी व्यवस्था ठीक नहीं कर पा रही है। प्रदेश में शैक्षिक असंतुलन के आरोपों के बावजूद सरकार कुमाऊं मंडल में सवा लाख के करीब विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा देने वाले एकमात्र विवि के प्रति कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विवि में कमोबेश राज्य बनने के बाद से ही कुलसचिव का एक, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव के सभी स्वीकृत पद रिक्त हैं। वर्ष 2012 तक के लिए यूजीसी से स्वीकृत उप कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक के एक-एक पद पर भी सरकार नियुक्ति नहीं दे रही हैं। सहायक कुलसचिव के तीन पदों पर कार्यालय अधीक्षकों को 42-42 दिन के लिए प्रभारी बनाकर बमुश्किल काम चलाया जा रहा है। तीनों उप कुलसचिव, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, संपत्ति अधिकारी के साथ ही 21 बाबुओं और 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के पद भी रिक्त चल रहे हैं। उधर विवि में काम का आलम यह है कि करीब 80 कर्मचारियों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कायरे पर संविदा में लेकर काम चलाना पड़ रहा है। कुमाऊं विवि ने देश के चुनिंदा विवि की तर्ज पर परीक्षा फार्म भरने की ऑन लाइन व्यवस्था शुरू कर दी है। कई निदेशालय स्थापित किए हैं। परंपरागत पाठय़क्रमों में सेमेस्टर पण्राली शुरू की है। राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का हिस्सा बन गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में देश के सर्वश्रेष्ठ 20 विवि में शामिल हुआ है। |
एडुसेट से जुड़ने की कोशिश |
नैनीताल। विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने को प्रयासरत कुमाऊं विवि ने एडुसेट से जुड़ने की जुगत लगानी शुरू कर दी है। गत 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित उपग्रह आधारित इस व्यवस्था से राज्य के 53 महाविद्यालय जोड़े गए हैं। विवि ने आज प्रदेश के मुख्य सचिव एवं इस योजना के भागीदार उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक डा. एमएम किमोथी को प्रस्ताव भेजा है। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के एकमात्र परंपरागत विवि को उच्च शिक्षा में नवीनता लाने के लिए एडुसेट से जोड़ा जाना चाहिए। (फोटो पर डबल क्लिक करके समाचार पत्र के स्वरुप में अन्यथा अनुवाद कर दुनियां की अन्य भाषाओं में भी पढ़ सकते हैं।) |
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