मंगलवार, 15 मार्च 2011

दुश्मन साबित हो रहा पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल !

नेपाल से मिल रहे वाहन चोरी के आर्डर!
50 से 80 हजार में ठिकाने लग रहे भारत से चुराए गए नए वाहन 
नेपाली सेना, माओवादी कमांडर और नेपाली पुलिस खुलेआम करती है इन वाहनों का इस्तेमाल

नवीन जोशी नैनीताल। खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा वाला पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल, देश व खासकर सीमावर्ती उत्तराखंड राज्य का दुश्मन साबित हो रहा है। यहां के वन तस्करों व अपराधियों की शरणस्थली बनने के आरोप पुराने हैं। वहीं अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि नेपाल देश के नए वाहनों की कब्रगाह साबित हो रहा है। उत्तराखंड पुलिस के हाथ एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह हाथ लगा है, जिसने खुलासा किया है कि उसे भारत से 150 महिंद्रा कमांडर जीप नेपाल पहुंचाने का आर्डर मिला हुआ है। भारत के नए वाहन गिरोहों द्वारा सीमा पर सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंककर नेपाल में मात्र 50 से 80 हजार रुपये में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं, जिन्हें वहां माओवादी कमांडरों के साथ ही नेपाल सेना व नेपाल पुलिस के लोग खुलेआम प्रयोग कर रहे हैं। नैनीताल में पकड़े गए अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया है कि उन्हें नेपाल के बिचौलियों से नई गाड़ियों के ब्रांड व नाम सहित आर्डर मिलते हैं, जिसके बाद रात्रि में ऐसे वाहनों की तलाश की जाती है। वाहन का लॉक ड्रिल मशीन से तोड़ा जाता है व बैटरी के तारों को अलग से जोड़कर प्रशिक्षित चालकों के माध्यम से सामान्यतया उसी दिन बताए गए नेपाली स्थान पर उत्तराखंड के बनबसा अथवा यूपी के बहराइच या बलिया बार्डर से नेपाल में प्रवेश करा दिया जाता है। भारत में पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए वाहन की नंबर प्लेट पलट कर कोई और नंबर लिख दिया जाता है, तथा दिल्ली में वाहन के सही इंजन व चेसिस नंबर तथा फर्जी पंजीकरण नंबर युक्त रजिस्ट्री तैयार कर साथ रखी जाती है। नेपाल सीमा में प्रवेश के उपरांत, चूंकि नेपाली माओवादी सरदार तथा नेपाल सेना व पुलिस के जवान व अधिकारी ही इनके खरीदार होते हैं, इसलिए वहां कोई समस्या नहीं आती है। आर्डर बिना यदि कोई वाहन पकड़ में आ जाए तो उसे सीमा के निकट के शहरों में ही फर्जी नंबरों के साथ रखा जाता है। पकड़े गए अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह के सदस्य टनकपुर निवासी त्रिलोक सिंह के अनुसार अभी उनके गिरोह को 150 कमांडर जीपों का आर्डर मिला हुआ है। यह गिरोह उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली, नोएडा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय है व हर रोज ही वाहनों को नेपाल ले जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय वाहन तस्कर हत्थे चढ़े
नैनीताल (एसएनबी)। अंतरराष्ट्रीय वाहन चोरी की घटनाओं में शामिल वाहन तस्कर गिरोह के दो सदस्य नैनीताल पुलिस के हत्थे चढ़े। इनके कब्जे से नोएडा से गत दिनों चुराया गया एक वाहन भी बरामद किया गया है। जिले के पुलिस कप्तान एवं कुमाऊं रेंज के आईजी की ओर से यह सफलता हासिल करने वाली नैनीताल एसओजी व तल्लीताल थाने की टीम को ढाई व पांच हजार रुपये के पुरस्कारों से नवाजा गया है। पुलिस के अनुसार सोमवार को मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने हल्द्वानी रोड पर हनुमानगढ़ी के पास वाहन संख्या एचआर62ए-1626 को रोक कर पड़ताल की तो वाहन का नंबर व उसमें सवार दोनों लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस में दर्शाए नाम पते गलत निकले। वाहन का असली नंबर डीएल1सी-0167 था व यह गत माह 14 जनवरी के आसपास नोएडा के सेक्टर 58 से चुराया गया था। पकड़े गए लोगों में पूर्णागिरि रोड टनकपुर निवासी त्रिलोक सिंह बोरा पुत्र रमेश बोरा अंतरराष्ट्रीय वाहन तस्कर गिरोह का वरिष्ठ सदस्य निकला, जो इस वाहन को नेपाल ठिकाने लगाने जा रहा था। हालांकि पुलिस यह खुलासा नहीं कर पाई कि एक माह बाद नेपाल ले जाए जा रहे वाहन को नैनीताल क्यों लाया जा रहा था। उसने खुलासा किया कि उसीने गत 10 दिसंबर की रात्रि कालाढूंगी रोड स्थित बजून से मैक्स वाहन संख्या यूके04 टीए-1695 व 14 दिसंबर की रात्रि नगर के कैंट क्षेत्र से सूमो विस्टा कार संख्या यूके04 टीए-0510 चुराकर नेपाल भेजे थे। सूमो को चुराने में साथ में दबोचे गए भिकियासैंण अल्मोड़ा निवासी जगत सिंह असवाल पुत्र स्व.जीवन सिंह असवाल का भी हाथ था। उसने खटीमा से एक पिकप सहित उत्तराखंड से बीते करीब आठ माह में 15 वाहन नेपाल पहुंचाने की बात भी स्वीकारी। उसने इस धंधे में नेपाल के दो लोगों रमेश पांडे व भोजराज शर्मा तथा नोएडा के कुछ लोगों के नाम के खुलासे भी पुलिस के समक्ष किए हैं। एसपी डा. सदानंद दाते ने बताया कि नोएडा व दिल्ली पुलिस को जानकारी दे दी गई है।
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वाहन चोरों के खिलाफ अलग सेल गठित होगा

आईजी ने ली मंडलीय समीक्षा बैठक
28 मार्च, 2011 : नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल में हाल के दिनों में बढ़ी वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए नैनीताल एवं ऊधम सिंह नगर जिलों में 'एंटी ऑटो थेप्ट सेल' बनाया जाएगा। इस सेल में तेज 
तर्रार पुलिस कर्मियों को रखा जाएगा, ताकि वह वाहन चोरी में लिप्त गिरोहों का पता लगाकर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई अमल में ला सकें। रविवार को कुमाऊं परिक्षेत्र के आईजी राम सिंह मीणा ने बीते वित्तीय वर्ष के अपराधों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए इस बाबत आवश्यक निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने बैठक में मौजूद पुलिस कप्तानों को थानावार विशिष्ट समस्याओं को चिह्नित कर उनके निराकरण के लिए कार्ययोजना बनाने व क्रियान्वित करने को कहा। बीते वर्ष में नैनीताल जनपद में लूट एवं दहेज हत्या की घटनाओं पर भी आईजी ने संज्ञान लिया तथा ऐसी घटनाओं के शत-प्रतिशत खुलासे के निर्देश दिए। पीपी व भूपी के पकड़ में आने के बाद मंडल के टॉप-10 अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाने तथा इस मामले में ऐसे अपराधियों का पुन: सत्यापन कर लेने को कहा गया कि सूची में शामिल लोगों का आचरण वर्तमान में कैसा है। साथ ही वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी व लंबित विवेचनाओं के निस्तारण की बाबत भी उन्होंने तेजी बरतने को कहा। आगामी पर्यटन सीजन के मद्देनजर भी उन्होंने खासकर नैनीताल के एसएसपी को प्रभावी यातायात व्यवस्था के लिए कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में नैनीताल के एसएसपी मोहन सिंह बनंग्याल तथा एसपी चंपावत पीएस सैलाल, अल्मोड़ा पूरन सिंह रावत, बागेर मुख्तार मोहसिन, पिथौरागढ़ निलेश आनंद भरनै व प्रभारी एसएसपी ऊधम सिंह नगर सैंथिल अबुदई आदि मौजूद थे।

मंगलवार, 8 मार्च 2011

सर्वश्रेष्ठ छात्रा व शिक्षिका को कुमाऊं विवि करेगा सम्मानित


कुमाऊं विवि ने महिला दिवस पर दिया महिलाओं को तोहफा 
कमजोरी की सोच बदलें महिलाएं : कुलपति, 
साक्षरता दर शत-प्रतिशत पहुंचाने की जरूरत : शांति 
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं विवि हर वर्ष प्रत्येक संकाय की सर्वश्रेष्ठ छात्रा एवं शिक्षिका और विवि के सभी परिसरों में एक-एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगा। विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने महिला दिवस के मौके पर यह घोषणा की। महिला दिवस के मौके पर कुविवि के हरमिटेज परिसर में महिलाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. अरोड़ा ने कहा कि हर किसी के उन्नयन में महिलाओं का अहम योगदान होता है, इसी प्रकार कई बार महिलाएं परिवार के पतन का कारण भी बनती हैं, उन्हें इससे भी बचना चाहिए उन्होंने महिलाओं से कमजोरी की सोच बदलने का आह्वान किया। इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि प्रदेश की पशु कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष शांति मेहरा ने कहा कि पहाड़ में 70 फीसद महिलाओं के शिक्षित होने के बावजूद उनका जीवन चिंताओं में बीतता हैं। उन्होंने शिक्षित प्रतिशत को सौ फीसद करने की जरूरत बताई। पूर्व पालिकाध्यक्ष व वीमन कांफ्रेंस की अध्यक्ष सरिता आर्य ने ग्रामीण महिलाओं के उन्नयन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई व घटते लिंगानुपात पर चिंता जताई। कार्यक्रम संयोजिका डा. नीता बोरा शर्मा ने समाज के संतुलित विकास के लिए स्त्रियों के उन्नयन के लिए उपयोगी सुझाव दिए। जैव तकनीकी विभागाध्यक्ष डा. बीना पांडे ने रेखांकित किया कि महिलाए आज हवाई जहाज के साथ देश भी चला रही हैं। वह पंच महाभूतों, धरती की तरह धैर्यवान, जल की तरह सरल,अग्नि सी संघर्ष में तपकर, हवा की तरह उड़ती हुई आकाश छूने चली हैं। इस मौके पर सीओ अरुणा भारती, श्रीमती तारा, हिंदी विभागाध्यक्ष डा.नीरजा टंडन, सावित्री कैड़ा, राजेरी पंत, निर्मला ढैला, चंद्रकला रावत, प्रो. निर्मला बोरा, ज्योति जोशी व इंदु पाठक सहित कई महिला मौजूद थीं।

कुलगीत पर बजीं तालियां
नैनीताल। कार्यक्रम के दौरान कुमाऊं विवि के कुलगीत का प्रथम बार संगीतबद्ध गायन प्रस्तुत हुआ। अल्मोड़ा परिसर की कवयित्री डा. दिवा भट्ट द्वारा लिखित व डीएसबी परिसर के संगीत विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरी। अलबत्ता, कुलपति प्रो. अरोरा ने कुलगीत के संगीत को सभी परिसरों मैं एक जैसा करने व गायन की अवधि कम करने का कहा ।



सोमवार, 7 मार्च 2011

निजाम तो बदले मगर बेरोजगारों की किस्मत नहीं


दावे और वादों तक ही सीमित रह गए राजनीतिक दल विशेषज्ञ दे रहे स्वरोजगार अपनाने की सलाह
नवीन जोशी, नैनीताल। वर्ष 2000 में जब वर्षो संघर्ष के बाद राज्य बन रहा था, तो हर आंख में चमक थी कि अपने राज्य में हर हाथ को काम मिलेगा। पहाड़ के कम उम्र बच्चों को मैदानी शहरों के ढाबों, घरों में बर्तन धोने जैसे कामों के लिए पढ़ाई-लिखाई छोड़कर भागना नहीं पड़ेगा। कई लोग मैदानों से लगा-लगाया काम छोड़कर घर लौट आए, कि अपनी मेहनत से दूसरों की बजाय अपना घर ही सजाएंगे। राज्य बना, भाजपा की अंतरिम सरकार आई, कांग्रेस ने सत्ता हथियाई, उत्तरांचल से उत्तराखंड नाम बदला, पुन: भाजपा सरकार में लौटी, 10 वर्ष के राज्य में पांच मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन सच्चाई है कि व्यवस्थाएं नहीं बदलीं, बेरोजगार-बेरोजगार ही रहे। ख्वाबों की ताबीर जो होनी थी, नहीं हुई। अब सरकार के चार वर्ष पूरे होने के साथ नए चुनाव का अघोषित शंखनाद भी हो गया है। वक्त है जब सत्तारूढ़ दल रोजगार दिलाने के दावे और विपक्ष वादे करेगा। एइसे मैं न क्यों न आंकनों से सच्चाई की पड़ताल कर ली जाए.... 
बातें छोड़ सीधे कुमाऊं के मंडल मुख्यालय जनपद के आंकड़ों पर आते हैं। नवंबर 2000 में राज्य बना, इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 1999 से 31 मार्च 2000 के बीच एक वर्ष में 4,862 बेरोजगारों ने जिले के तीन सेवायोजन कार्यालयों में नौकरी के लिए पंजीयन कराया था। इस वर्ष 30 को नौकरी मिली थी जबकि राज्य बनने के दौरान मार्च 2001 में कुल 24,239 लोग बेरोजगारी की लाइन में सक्रिय पंजीकृत बेरोजगार थे। अगले यूपी और तत्कालीन उत्तरांचल के संधि काल के दो वर्षो यानी यूपी की भाजपा और उत्तरांचल की अंतरिम भाजपा सरकार के कार्यकाल में 50 लोगों को नौकरी मिली। राज्य के पहले आम चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता हथियाकर पांच वर्ष राज्य किया और उसके कार्यकाल के अंतिम दौर यानी 31 मार्च 2007 तक पांच वर्षो में 251, 250, 23, 86 व 96 मिलाकर कुल 729 को तथा औसतन प्रति वर्ष 146 लोगों को नौकरी मिल पाई। इसे राज्य बनने के लाभ के रूप में देखा जा सकता है। बेरोजगारों की जो संख्या राज्य बनने के दौरान 25,239 थी, दोगुना होते हुए 50,074 हो गई। जनता ने भाजपा को गद्दी दिलाई और भाजपा ने चार वर्ष में दो बार मुखिया की गद्दी बदल दी लेकिन इन चार वर्षो (31 दिसंबर 2010 तक) में क्रमश: 213, 185, 45 व 81 मिलाकर जिले के केवल 535 यानी औसतन 131 लोगों को ही रोजगार मिल सका है। अब वित्तीय वर्ष के शेष बचे तीन माह में यह औसत को पिछले के बराबर ला पाते हैं तो बड़ी बात होगी। कुल मिलाकर देखें तो राज्य बनने के बाद जिले के महज 1255 यानी औसतन प्रति वर्ष 126 बेरोजगारों को ही काम मिला है, और सक्रिय पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 55,232 तक जा चढ़ी है। यानी राज्य बनने के बाद बेरोजगार दोगुने से भी अधिक हो गये हैं। साथ ही साफ कर दें कि यह आंकड़े सरकारी नौकरियों के ही नहीं हैं, वरन इनमें सिडकुल की फैक्टरियों में लगे लोगों की संख्या भी है, और सभी आंकड़े शिक्षित बेरोजगारों के हैं, क्योंकि सेवायोजन कार्यालय अशिक्षितों का पंजीकरण नहीं करता है।
सेवायोजन आफिस की उपयोगिता पर सवाल
नैनीताल। कोई विभाग यदि अपना ही काम न करे तथा अन्य विभाग उसका कार्य करें तो ऐसे कार्यालय की उपादेयता पर सवाल उठने लाजमी हैं। जिला सेवायोजन कार्यालय का एक कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर कहता है कि विभाग को अन्य विभागों की नियुक्तियां विज्ञापित करने तो दूर उनसे नियुक्तियों संबंधी जानकारियां लेने का 'अधिकार' ही नहीं है। विभाग में स्वयं दर्जनों पद रिक्त हैं, वह अपने यहां ही नियुक्तियां नहीं कर सकता। विभाग बेरोजगारों को रोजगार सृजन के प्रति जानकारियां नहीं दे पा रहा है, ऐसे में विभाग को चलाने की आवश्यकता ही क्या है।

सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

81 के बुढापे में 18 सी जवानी

नवीन जोशी, नैनीताल। जी हां ! 81 की उम्र में यदि किसी व्यक्ति में 18 की उम्र जैसी चुस्ती-फुर्ती हो सकती है। विश्वास न हो, तो आपको नगर के 81 वर्षीय पूर्व प्रधानाचार्य एवं उत्तराखंड बाक्सिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुंदन लाल साह से मिलना होगा। साह बीते करीब 45 वर्षो से योग कर रहे हैं, और योग को ही वह अपनी इस चुस्ती-फुर्ती का कारण मानते हैं। वह आज भी रोज दिनचर्या के आवश्यक अंग के रूप में योग के कई कठिनतम् आसन करते हैं, साथ ही लोगों को सिखाते भी हैं।
इस संवाददाता ने भी जब योग की इस जीवंत किवदंती श्री साह के यौगिक आसनों का प्रदर्शन देखा, तो दंग हुए बिना नहीं रहा सका। यह कमोबेश अकल्पनीय था कि जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार एक अप्रैल 1930 को (जबकि उनके अनुसार प्रमाण पत्रों में तिथि एक वर्ष घटाई गई थी) पैदा हुए श्री साह बज्रासन, गौमुखासन, कंचासन, विकर्ण धनुरासन, एकपाद शुप्त शीर्षासन, उत्तिष्ठ कूर्मासन, ऊंकारासन, योग दंडासन व पश्चिमोत्तानासन सरीखे बेहद कठिन आसनों का सामान्यतया शीतकाल में पहने जाने वाले अधिक वस्त्रों में भी बेहद आसानी से प्रदर्शन कर रहे थे। साह बताते हैं कि डेढ़ वर्ष की अवस्था में ही पिता उन्हें छोड़ गए थे। मां ही उनकी गुरु थीं, उन्हीं से योग सीखा। राउमावि कोटाबाग से शिक्षण शुरू किया, और बाद में प्रांतीय शिक्षा सेवा (पीईएस) परीक्षा उत्तीर्ण कर यहीं प्रधानाचार्य हो गऐ। बाद में नैनबाग-टिहरी, तथा पिथौरागढ़ के दोबांश, वर्दाखान, थल व बेरीनाग में प्रधानाचार्य रहे व वर्ष 1987-88 में सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में नेहरू युवा केंद्र के विधि सलाहकार व योग प्रशिक्षक संदर्भ व्यक्ति, उत्तराखंड बाक्सिंग संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, नगर के रोलर-स्केटिंग संघ अध्यक्ष तथा हिमालय पर्यावरण संस्थान पिथौरागढ़ के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में विभिन्न सांस्कृतिक-सामाजिक संस्थाओं व खेल संस्थाओं से जुड़े हैं। उत्तराखंड आंदोलन के दौरान भी वह सेवानिवृत्ति के बाद भी युवाओं के साथ सक्रिय रहे तथा 1990 में 10 दिन फतेहगढ़ जेल रहे। लेकिन इतनी संस्थाओं में सक्रियता का राज उनके वैयक्तिक जीवन में है, और उसकी धुरी योग के गिर्द घूमती है। साह बताते हैं, जीवन हर क्षेत्र में तीन भुजाओं का संतुलन है, यह तीन भुजाएं हैं-आचार-विचार व व्यवहार, सदाचार-संयम व अनुशासन, व्यस्त-मस्त और स्वस्थ, पति-पत्नी व बच्चे, जन्म-जीवन व मरण, पृथ्वी-आकाश व पाताल तथा शरीर की तीन व्याधियां कफ-पित्त व बात। त्रिभुज की तीन भुजाओं का संतुलन विचार-कर्म व परिणाम तथा प्राणायाम, ध्यान व आसन से संधान किऐ जाते हैं, फलस्वरूप जीवन स्वस्थ व सुंदर बनता है। लिहाजा वह त्रिपाद मंत्र योग करते-कराते हैं।

बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

कैलाश मानसरोवर यात्रा हुई आठ हजार रुपये महंगी

यात्रा मार्ग और अवधि बढ़ने के बाद विदेश मंत्रालय ने बढ़ाया केएमवीएन का खर्चा
नवीन जोशी, नैनीताल। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए इस वर्ष भक्तों को प्रत्यक्ष रूप से आठ हजार रुपये तक अधिक खर्च करने पड़ेंगे। विदेश मंत्रालय ने केएमवीएन के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए यात्रा किराया ढाई हजार रुपये प्रति श्रद्धालु बढ़ा दिया है, जबकि बीते एक वर्ष में भारतीय रुपये के डॉलर के मुकाबले कमजोर होने से यात्रियों को चीन को करीब पांच से साढ़े पांच हजार रुपये अधिक देने होंगे। 
उल्लेखनीय है कि भारत में कैलाश मानसरोवर का यात्रा का जिम्मा संभालने वाले कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) ने विदेश मंत्रालय से यात्रा किराया बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। निगम के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने यात्रा किराया गत वर्ष के 24,500 से बढ़ाकर 27 हजार रुपये करने को स्वीकृति दे दी है। निगम की परेशानी यह थी कि गत वर्ष तक के यात्रा मार्ग मांगती व गाला के बीच बीआरओ द्वारा सड़क बनाई जा रही है। इस सड़क में भूस्खलन हो रहा है। इसलिए बीआरओ ने इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर मांगती से गाला के बीच के मार्ग पर पैदल यात्रा कराने से मना कर दिया। इस कारण निगम को इस वर्ष यात्रा पूर्व के मार्ग से करानी पड़ रही है। इस कड़ी में सिरख में एक नया शिविर स्थापित करना पड़ रहा है, जिससे आने-जाने में पैदल यात्रा 36 किमी और यात्रा अवधि दो दिन बढ़ रही है। हां, इस कारण यात्रियों को नारायण स्वामी आश्रम देखने का अवसर मिलेगा। उल्लेखनीय है कि चीन के हिस्से में यात्रा के लिए हर यात्री को चीन सरकार को 700 डॉलर पड़ते हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार बीते वर्ष में एक डॉलर की भारतीय मुद्रा में कीमत करीब सात से आठ रुपये तक बढ़ी है, इस कारण भारतीय यात्रियों को चीन में यात्रा सुविधाओं के लिए करीब पांच से साढ़े पांच हजार रुपये तक अतिक्ति अदा करने होंगे। श्री शर्मा ने बताया कि निगम ने इस बार यात्रा मार्ग के सभी छह शिविरों में दो-दो कमरे अतिरिक्त होंगे। इससे हर शिविर में 16 यानी कुल 96 अतिरिक्त शैयाओं की सुविधा होगी। वैसे पूर्व में भी निगम हर यात्रा दल में 60 यात्रियों के लिए पूरी व्यवस्था रखता रहा है, इस बार अतिरिक्त कक्ष होने से खासकर महिला यात्रियों को सुविधा मिलेंगी।
आदि कैलाश यात्रा का किराया भी बढ़ा
नैनीताल। शिव के छोटे धाम कहे जाने वाले आदि कैलाश यात्रा पर महंगाई की मार पड़ी है। यह यात्रा अब करीब चार हजार रुपये महंगी होगी। अब तक इस यात्रा का किराया 17,600 रुपये था, जबकि इस वर्ष से यात्रियों को 21 हजार रुपये प्रति यात्री के साथ ही 2.58 फीसद सर्विस टैक्स अलग से वहन करना होगा। इसके साथ ही निगम ने महंगाई के मद्देनजर पर्यटक आवासगृहों का किराया भी सीजन तक बढ़ने के संकेत दिये हैं।
यहाँ प्रथम पेज पर भी देख सकते हैं: 

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

हवा के झोंकों से जलेंगे सरोवरनगरी के चिराग

नवीन जोशी, नैनीताल। नगर की पथ प्रकाश व्यवस्था के हर वर्ष लाखों रुपये के बिलों से परेशान नगर पालिका परिषद अब वैकल्पिक ऊर्जा के प्रबंध पर गंभीरता से विचार कर रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो नगर में जल्द पवन ऊर्जा से स्ट्रीट लाइट जगमगाने लगेगी। इसके लिए दक्षिण भारत की विशेषज्ञ कंपनी से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसने दक्षिण अफ्रीका की तकनीकी पर आधारित 16.5 किलोवाट क्षमता पवन ऊर्जा संयंत्र का करीब 70 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। योजना को राज्य सरकार के शहरी अवस्थापना निगम की 70 फीसद मदद पर लगाए जाने की योजना है। 
उल्लेखनीय है कि पर्यटन नगरी का हर वर्ष करीब एक करोड़ रुपये स्ट्रीट लाइट का बिल आता है। इससे परेशान पालिका ने विगत वर्ष प्रदेश में पहली बार तीन वर्ष के लिए पीपीपी मोड में स्ट्रीट लाइट के पोल विज्ञापन आधार पर सहभागिता के लिए निजी फर्म को देकर एक नई पहल की थी। अब यह अवधि बीतने के साथ पालिका की चिंता फिर बढ़ने लगी है। इसका निदान गत दिनों नगर के एक समाजसेवी मारुति नंदन साह व रामेश्वर साह परिवार द्वारा नगर के मां नयना देवी मंदिर में दान से लगाए जा रहे 800 वाट के पवन ऊर्जा संयंत्र में दिखाई दिया है। इस संयंत्र को लगाने वाली दक्षिण भारत की कंपनी केस्ट्रेल इंडिया से संपर्क किया गया, जिसने नगर के हाईकोर्ट तिराहे से तल्लीताल गांधी मूर्ति तक 7,950 वाट के 58, ठंडी सड़क पर 30-30 वाट के तीन बल्बों वाले 38, मल्लीताल पंप हाउस तक 150 वाट के 13 पोलों तथा नौ हाईमास्ट लाइटों पर 150 वाट के एलईडी बल्बों को हर रोज करीब 10 घंटे रोशन करने के लिए कुल जरूरी 16,495 वाट यानी लगभग 16.5 किलोवाट क्षमता का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। कंपनी के निदेशक रघु रमन ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि इसके लिए नगर में करीब 10 संयंत्र लगाने पड़ेंगे, जिसमें करीब 70 लाख खर्च आएगा। संयंत्र करीब 20-22 वर्ष कार्य करेगा। नगर में संयंत्रों का प्रभाव व हवा की उपलब्धता को देखते हुए तीन चरणों में यह संयंत्र लगाने की योजना है। कोशिश रहेगी कि सौर ऊर्जा के पैनल भी साथ में जोड़ दिए जाएं, ताकि हवा न चलने पर सौर ऊर्जा का भी लाभ लिया जा सके। 
पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी का कहना है कि उनकी कोशिश नगर की स्ट्रीट लाइट बिलों की दीर्घ कालीन समस्या का हल करने की है। पवन ऊर्जा के साथ ही नगर पालिका विद्युत बिलों में कटौती के लिए अत्याधुनिक एलईडी तकनीकी अपनाने पर भी विचार कर रही है। परंपरागत बल्बों की जगह पूरी तरह सीएफएल तकनीकी अपना चुकी पालिका ने गत दिनों विभिन्न कंपनियों की इस तकनीकी का परीक्षण भी किया। प्रस्तावित पवन ऊर्जा संचालित योजना भी एलईडी तकनीक को ध्यान में रखकर ही तैयार की जा रही है। एलईडी तकनीक सीएफएल के मुकाबले भी पांच गुना कम बिजली खर्च कर समान रोशनी देती है।