मंगलवार, 26 अप्रैल 2011
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
भूमिया, ऐड़ी, गोलज्यू, कोटगाड़ी ने भी किया पलायन
गणेश पाठक/एसएनबी, हल्द्वानी। अरबों खरबों खर्च करने के बाद भी पहाड़ से पलायन की रफ्तार थम नहीं पा रही है। इस पलायन में केवल मनुष्य की शामिल नहीं है, बल्कि देवी-देवता भी पहाड़ छोड़कर तराई में बस गये हैं। पहाड़ों के तमाम छोटे-बड़े मंदिर और मकान खंडहरों में तब्दील हो गये हैं, जबकि तराई और भाबर में भूमिया, ऐड़ी, गोलज्यू, कोटगाड़ी समेत कई देवताओं के मंदिर बन गये हैं। पलायन करके तराई में आए लोग पहले देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने के लिए साल भर में एक बार घर जाते थे, लेकिन अब इस पर भी विराम लग गया है। राज्य गठन के बाद पलायन की रफ्तार तेज हुई है। पिथौरागढ़ से लेकर चंपावत तक नेपाल-तिब्बत (चीन) से जुड़ी सरहद मानव विहीन होने की स्थिति में पहुंच गई है और यह इलाका एक बार फिर इतिहास दोहराने की स्थिति में आ गया है। कई सौ साल पहले मुगल और दूसरे राजाओं के उत्पीड़न से नेपाल समेत भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने कुमाऊं और गढ़वाल की शांत वादियों में बसेरा बनाया था। धीरे-धीरे कुमाऊं और गढ़वाल में हिमालय की तलहटी तक के इलाके आवाद हो गये थे, लेकिन आजादी के बाद सरकारें इन गांवों तक बुनियादी सुविधाएं देने में नाकाम रहीं और पलायन ने गति पकड़ी। इससे पहाड़ खाली हो गये। सरकारी रिकाडरे में खाली हो चुके गांवों की संख्या महज 1065 है, जबकि वास्तविकता यह है कि अकेले कुमाऊं में पांच हजार से अधिक गांव वीरान हो गये हैं। खासतौर पर नेपाल और तिब्बत सीमा से लगे गांवों से अधिक पलायन हुआ है। लगातार पलायन से पहाड़ों की हजारों एकड़ भूमि बंजर हो गई है। पलायन की इस रफ्तार से देवी-देवताओं पर भी असर पड़ा है। शुरूआत में लोग साल दो साल या कुछ समय बाद घर जाते और देवी देवताओं की पूजा करते थे। इससे नई पीढ़ी का पहाड़ के प्रति भावनात्मक लगाव बना रहता था, लेकिन अब यह लगाव भी टूटने लगा है। इसकी वजह से हजारों की संख्या में देवी देवताओं का पहाड़ से पलायन हो गया है। अकेले तराई और भावर में तीन से चार हजार तक विभिन्न नामों के देवी देवताओं के मंदिर बन गये हैं। किसी दौर में पहाड़ों में ये मंदिर तीन-चार पत्थरों से बने होते थे, लेकिन अब तराई और भावर में इनका आकार बदल गया है। यहां स्थापित किये गए देवी देवताओं में भूमिया, छुरमल, ऐड़ी, अजिटियां, नारायण, गोलज्यू के साथ ही न्याय की देवी के रूप में विख्यात कोटगाड़ी देवी के नाम शामिल हैं। इन देवी-देवताओं के पलायन का कारण लोगों को साल दो साल में अपने मूल गांव जाने में होने वाली कंिठनाई है। दरअसल राज्य गठन के बाद पलायन को रोकने के लिए खास नीति न बनने से पिछले दस साल में पलायन का स्तर काफी बढ़ गया है। हल्द्वानी में कपकोट के मल्ला दानपुर क्षेत्र से लेकर पिथौरागढ़ के कुटी, गुंजी जैसे सरहदी गांवों के लोगों ने अपने गांव छोड़ दिये हैं। पहाड़ छोड़कर तराई एवं भावर या दूसरे इलाकों में बसने वाले लोगों में फौजी, शिक्षक, व्यापारी, वकील, बैंककर्मी, आईएएस समेत विभिन्न कैडरों के लोग शामिल हैं। पलायन के कारण खाली हुए गांवों में हजारों एकड़ कृषि भूमि बंजर पड़ गई है। इसी तरह से विकास के नाम पर खर्च हुए अरबों रुपये का यहां कोई नामोनिशान नहीं है। नहरें बंद हैं। पेयजल लाइनों के पाइप उखड़ चुके हैं और सड़कों की स्थिति भी बदहाल है। किसी गांव में दो-चार परिवार हैं तो किसी में कोई नहीं रहता। किसी दौर में इन गांवों में हजारों लोग रहा करते थे। स्कूल और कालेजों की स्थिति भी दयनीय बन गई है। कई प्राथमिक स्कूलों में एक बच्चा भी नहीं है तो किसी इंटर कालेज में दस छात्र भी नहीं पढ़ रहे हैं। |
शनिवार, 23 अप्रैल 2011
सरोवरनगरी में अवैध तरीके से हो रहा नौकायन
नैनीताल (एसएनबी)। नैनी सरोवर में नौकायन के लिये सूर्योदय से सूर्यास्त का ही नियम है, किंतु तस्वीर गवाह है कि झील में देर रात्रि तक नौकायन कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कभी भी किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति झील के बाबत किसी एक संस्था की सीधी जिम्मेदारी तय न होने के कारण भी है। लिहाजा, झील विकास प्राधिकरण, नगर पालिका, पुलिस व अन्य विभाग एक-दूसरे पर दायित्व टालते हुऐ भी जिम्मेदारी से बच निकलते हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दो दिनों से नगर में सैलानियों की अत्यधिक भीड़-भाड़ है। नगर में आकर हर सैलानी एक बार नौकायन करना चाहता है, लिहाजा नैनी झील में नौकायन का अपना अलग चाव है। इधर झील में सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही नौकायन करना स्वीकृत है। लेकिन तस्वीरें गवाह हैं कि झील में देर रात्रि करीब आठ बजे तक भी बिना किसी डर या अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों के नौकायन किया जा रहा है। इस बावत पूछे जाने पर नगर पालिका एवं पुलिस के अधिकारियों ने पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की। अलबत्ता नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी ने आगे से पुलिस के अलावा पालिका कर्मियों को भी इस कार्य में लगाने तथा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहन सिंह बनंग्याल ने थाना व कोतवाली पुलिस को सचेत करने की बात कही।
खेल मैदान में गाड़ियां, अब कहां जाएं खेलने? |
नैनीताल (एसएनबी)। सरोवर नगरी में सीजन से पहले ही वाहनों का रैला उमड़ पड़ा है। हालात यह हो गऐ हैं कि नगर का एक मात्र खेल का मैदान 'फ्लैट्स' सैलानियों के वाहनों से पट गया है। साथ ही माल रोड वाहनों पर वाहन रेंगने को मजबूर हैं, जबकि राजभवन रोड, चिड़ियाघर रोड व बिड़ला रोड जैसी संकरी सड़कों पर वाहन आगे-पीछे खिसक रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फ्लैट मैदान में वाहन खड़े करने के बाबत बीते सप्ताह ही आईजी पुलिस द्वारा ली गई बैठक में तय हुआ था कि नगर की सूखाताल सहित अन्य सभी पार्किग भरने के बाद ही एसडीएम व सीओ स्तर के अधिकारी यहां वाहन खड़े करना आदेशित करेंगे, जबकि शनिवार को सूखाताल की पार्किग तो नहीं भरी अलबत्ता पार्किग के बाहर और फ्लैट मैदान में वाहन की कतारें लग गई हैं। यह स्थिति तब भी सुखद कही जा सकती है, क्योंकि यदि यह वाहन सड़कों पर आ जाऐं तो सड़कों पर पैदल चलना भी दूभर हो जाए। |
गुरुवार, 21 अप्रैल 2011
सोमवार, 18 अप्रैल 2011
सैलानियों के लिए बनेगा कंट्रोल रूम
नैनीताल (एसएनबी)। आगामी पर्यटन सीजन में सरोवरनगरी में आने वाले सैलानियों के लिए खुशखबरी है। सैलानियों को अब अपनी समस्याओं के लिए अलग-अलग गुहार लगाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। पुलिस उनके लिए कंट्रोल रूम स्थापित करेगी। कंट्रोल रूम से सैलानियों को विभिन्न विभागों से संबंधित मदद उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशिक्षित पुलिसकर्मी सैलानियों से शालीनता से व्यवहार करेंगे, ताकि सैलानी नगर की बेहतर छवि लेकर वापस जाएं।
सोमवार को नैनीताल क्लब में कुमाऊं परिक्षेत्र के आईजी राम सिंह मीणा की अध्यक्षता में आयोजित पर्यटन संबंधी बैठक में तय किया गया कि पुलिस पर्यटकों के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करेगी, जहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों के फोन नंबर सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध होंगी। सीओ एवं एसडीएम की टीम फ्लैट स्थित कार पार्किंग, मेट्रोपोल और सूखाताल पार्किग के भर जाने के उपरांत ही खेल मैदान को पार्किग के लिए खोलेगी। यह भी तय हुआ कि सीजन से पहले लोनिवि नैनी झील में गिरने वाले सभी नालों की सफाई करेगा तथा मलबा सोमवार शाम तक वन विभाग द्वारा तय न किये जाने की स्थिति में मंगोली के पास फेंका जाएगा। वर्ष भर शाम छह से आठ बजे तक बंद रहने वाली अपर माल रोड सीजन के दौरान यानी 15 मई से 15 जुलाई तक शाम साढ़े छह से साढ़े नौ बजे तक बंद रहेगी। इस दौरान बच्चे माल रोड पर स्केटिंग भी नहीं कर सकेंगे।स्कूल- कालेजों को अपने यहां छुट्टी जैसे मौकों पर संभावित भीड़-भाड़ की सूचना 48 घंटे पहले देनी होगी। बाहर से आने वाले वाहनों को सूखाताल, हनुमानगढ़ी व कैलाखान में रोककर वहां से शटल टैक्सियां चलाने पर भी चर्चा हुई। श्री मीणा ने पुलिस की ओर से सीजन से पहले हर व्यवस्था चाक- चौबंद करने के साथ ही सभी खराब पड़े सीसी कैमरों को ठीक करा लेने को कहा। डीएम शैलेश बगौली ने जिला प्रशासन द्वारा जेएनएनयूआरएम के तहत नई पार्किग विकसित करने सहित अन्य कायरे की जानकारी दी। डीएसए के महासचिव गंगा प्रसाद साह ने सीजन के लिए दीर्घकालीन नीतियां बनाने के लिए पालिका की अगुवाई में स्थाई सर्वाधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय समिति बनाने का विचार रखा। होटलियर प्रवीण शर्मा ने नगर में अवैधानिक तौर पर चल रहे होटलों को भारत सरकार के ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट लाइसेंस दिये जाने का विचार रखा।
(फोटो को डबल क्लिक कर बढ़ा देखा जा सकता है।)
सोमवार को नैनीताल क्लब में कुमाऊं परिक्षेत्र के आईजी राम सिंह मीणा की अध्यक्षता में आयोजित पर्यटन संबंधी बैठक में तय किया गया कि पुलिस पर्यटकों के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करेगी, जहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों के फोन नंबर सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध होंगी। सीओ एवं एसडीएम की टीम फ्लैट स्थित कार पार्किंग, मेट्रोपोल और सूखाताल पार्किग के भर जाने के उपरांत ही खेल मैदान को पार्किग के लिए खोलेगी। यह भी तय हुआ कि सीजन से पहले लोनिवि नैनी झील में गिरने वाले सभी नालों की सफाई करेगा तथा मलबा सोमवार शाम तक वन विभाग द्वारा तय न किये जाने की स्थिति में मंगोली के पास फेंका जाएगा। वर्ष भर शाम छह से आठ बजे तक बंद रहने वाली अपर माल रोड सीजन के दौरान यानी 15 मई से 15 जुलाई तक शाम साढ़े छह से साढ़े नौ बजे तक बंद रहेगी। इस दौरान बच्चे माल रोड पर स्केटिंग भी नहीं कर सकेंगे।स्कूल- कालेजों को अपने यहां छुट्टी जैसे मौकों पर संभावित भीड़-भाड़ की सूचना 48 घंटे पहले देनी होगी। बाहर से आने वाले वाहनों को सूखाताल, हनुमानगढ़ी व कैलाखान में रोककर वहां से शटल टैक्सियां चलाने पर भी चर्चा हुई। श्री मीणा ने पुलिस की ओर से सीजन से पहले हर व्यवस्था चाक- चौबंद करने के साथ ही सभी खराब पड़े सीसी कैमरों को ठीक करा लेने को कहा। डीएम शैलेश बगौली ने जिला प्रशासन द्वारा जेएनएनयूआरएम के तहत नई पार्किग विकसित करने सहित अन्य कायरे की जानकारी दी। डीएसए के महासचिव गंगा प्रसाद साह ने सीजन के लिए दीर्घकालीन नीतियां बनाने के लिए पालिका की अगुवाई में स्थाई सर्वाधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय समिति बनाने का विचार रखा। होटलियर प्रवीण शर्मा ने नगर में अवैधानिक तौर पर चल रहे होटलों को भारत सरकार के ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट लाइसेंस दिये जाने का विचार रखा।
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शनिवार, 16 अप्रैल 2011
शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011
गुरुवार, 14 अप्रैल 2011
नैनीताल में भारी बारिश,ओले गिरे
शनिवार, 9 अप्रैल 2011
नैनीताल में सैलानी हो गए सीएम डा. निशंक
देर रात्रि माल रोड पर टहलने निकले निशंक, नैनी झील के घटते जल स्तर पर जताई चिंता, स्थानीय लोगों से पूछीं समस्याएं नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शुक्रवार को नैनीताल में रात्रि विश्राम का उपयोग सैलानी के रूप में किया। देर रात वह कुछ पार्टी नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के साथ माल रोड की सैर पर निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने नगरवासियों, दुकानदारों, होटल-रेस्टोरेंट स्वामियों के साथ सैलानियों से बात कर नगर में पर्यटन की वर्तमान स्थिति और संभावनाओं पर 'फीड बैक' ली। अंधेरा होने के बावजूद सीएम की नजरों में नैनी झील का घटता जलस्तर आ गया, उन्होंने डीएम से इस हेतु कार्ययोजना बनाने को कहा। डा. निशंक तल्लीताल नाव घाट पर झील के करीब आए और घटते जलस्तर पर चिंता जताई। डीएम शैलेश बगौली ने बताया कि गत वर्ष से झील का जलस्तर करीब दो फीट गिरा है। जलस्तर गिरने की यह दर दर गत दो-तीन वर्षो जैसी ही है। नैनी झील में प्रमुख जल संग्रहण क्षेत्र सूखाताल को दीर्घकालीन लाभ के लिए वषर्भर भरी रहने वाली झील में तब्दील करने के प्रयास चल रहे हैं, वहीं झील को जलस्तर और गिरने पर झील से हो रही वाल्व आदि से किसी भी प्रकार की लीकेज को रोकने के कार्य किए जाएंगे। सीएम का कहना था कि नैनी झील के संरक्षण के लिए सरकार पूरी मदद करेगी, डीएम कार्ययोजना बनाएं। इस दौरान अधिकांश सैलानियों ने नगर को अन्य पर्यटन स्थलों के मुकाबले अधिक साफ- स्वच्छ बताया, जिस पर सीएम ने संतोष जताया। सीएम के दौरे को लेकर लोगों में काफी उत्साह था। लोगों को उम्मीद थी कि डा. निशंक सरोवरनगरी की समस्याओं के समाधान के लिए घोषणाएं अवश्य करेंगे। विकास यात्रा और आसन्न चुनावों के मद्देनजर लोगों की आशाएं ठीक ही थीं। लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की, और सैर-सपाटा ही किया। सीएम के नगर भ्रमण में भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन हरबोला, रईस अहमद, कुंदन बिष्ट, संतोष साह सहित कई भाजपा नेता एवं मल्लीताल कोतवाल भूपेंद्र सिंह धौनी आदि लोग शामिल थे। |
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
52 करोड़ से स्थापित होगा भीमताल कैम्पस
कुमाऊं विवि ने शासन को भेजा प्रस्ताव पांच किमी दायरे में स्थापित होगा नया परिसर कई रोजगारपरक संकायों के अलावा स्टेडियम और आडिटोरियम बनाने का प्रस्ताव शामिल
नवीन जोशी, नैनीताल। गत वर्ष की गई मुख्यमंत्री की घोषणा पर कुमाऊं विवि का भीमताल में तीसरा परिसर 52.1 करोड़ रुपये से स्थापित होगा। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के पत्र के प्रत्युत्तर में कुमाऊं विवि ने शुक्रवार को शासन को इस हेतु अपना प्रस्ताव भेज दिया है। नया परिसर भीमताल के औद्योगिक क्षेत्र, सौनगांव व आड़ूगांव में पांच किमी के दायरे में स्थापित होगा। कुमाऊं विवि की मंशा भीमताल के प्रस्तावित परिसर को रोजगारपरक पाठय़क्रमों का हब बनाने की। यहां ला फैकल्टी, जियो इंफाम्रेटिक्स, पर्यटन व पत्रकारिता जैसे नए पाठय़क्रम शुरू किए जाएंगे, जबकि एमबीए व बायोटैक्नालॉजी जैसे विभाग पहले ही यहां चल रहे हैं। यहां स्टेडियम, ऑडिटोरियम और जिम्नेजियम बनाने के प्रस्ताव भी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने गत वर्ष आठ जनवरी 2010 को भीमताल में कुमाऊं विवि के बायोटैक्नोलाजी विभाग के शुभारंभ पर भीमताल में नया परिसर स्थापित करने की घोषणा की थी। इसकी फाइल अब चल पड़ी है, और चुनावी वर्ष होने के कारण परिसर के अतिशीघ्र स्थापित होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसका अंदाजा इससे भी लगता है कि प्रमुख सचिव ने कुविवि को तीन दिन के भीतर नए परिसर का औचित्यपूर्ण प्रस्ताव अपनी संस्तुति के साथ भेजने को कहा था, जिस पर विवि के कुलपति प्रो.वीपीएस अरोड़ा ने अपनी प्रबल संस्तुति सहित प्रस्ताव शुक्रवार को शासन को भेज दिया है। प्रस्ताव में भीमताल औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी फैक्ट्रियों की अधिकाधिक भूमि अधिग्रहण करने को कहा है। इस हेतु 20 करोड़ रुपये मांगे गये हैं। इसके अतिरिक्त 27.1 करोड़ रुपये नए परिसर हेतु भूमि, भवन, आडिटोरियम, प्रशासनिक भवन, जिम्नेजियम, फर्नीचर, साज-सज्जा, पुस्तक व जर्नल क्रय, मिनी स्वास्थ्य केंद्र निर्माण आदि के लिए तथा 29 नियमित एवं 10 संविदा पर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के वेतन पर पांच वर्ष के खच्रे हेतु चार करोड़ रुपए व आकस्मिक व्यय हेतु एक करोड़ रुपये की आवश्यकता जताई गई है। कुलपति प्रो. अरोड़ा ने बताया कि हल्द्वानी महाविद्यालय व नैनीताल परिसर में क्षमता पूरी तरह भर जाने व आगे प्रसार की संभावनाओं को देखते हुऐ नए परिसर की मांग की गई थी, जो अब पूरी होने को है। उन्होंने कहा कि नये परिसर को रोजगारपरक पाठय़क्रमों का केंद्र बनाने की योजना है। भीमताल परिसर सुविधायुक्त होगा।
औद्योगिक क्षेत्र मिलने पर संशय |
नैनीताल। कुमाऊं विवि ने हालांकि विवि में नए परिसर के लिए भीमताल के औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी इकाइयों को अधिग्रहित कर दिए जाने की मांग की है, लेकिन ऐसा जल्द संभव प्रतीत नहीं होता। कारण यह कि औद्योगिक क्षेत्र अभी भी पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश के यूपीएसआईडीसी से राज्य की सुपुर्दगी में ही नहीं आया है। दूसरे बाद में औद्योगिक भूमि का 'लैंड यूज' बदलने में भी समस्याएं आ सकती हैं। |
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