भाजपा ने लिया अपने कैबिनेट मंत्री का टिकट कटाने का जोखिम तो कांग्रेस ने भी ली है मजबूत क्षत्रपों की नाराजगी
मूलभूत समस्याओं से ग्रस्त है क्षेत्र, नुमाइंदे बाहर रहकर करते हैं क्षेत्र की नेतागिरी, प्रत्यासियों मैं भी अधिकाँश के बाहर ही हैं ठौर-ठिकाने
नवीन जोशी, नैनीताल। द्वापर युग के महाबली भीम की नगरी भीमताल में विस चुनाव की महाभारत शुरू हो गयी है। अपार पर्यटन संभावनाओं के इस क्षेत्र में जनता आदिम युग सरीखी समस्याएं झेलने को विवश है। विस चुनाव में 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, पर उनमें से क्षेत्र में स्थाई तौर पर रहने वाला प्रत्याशी ढूंढना आसान नहीं है। यह संयोग ही है कि इस बार विस चुनाव में महाभारत की भांति ही नामांकन पत्रों की जांच के दिन यानी 13 जनवरी के बाद से चुनाव तक महाभारत की भांति 18 दिन का ही समय मिला है। बावजूद अभी चुनाव परिणामों पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। भाजपा ने कुमाऊं की इस सीट पर मौजूदा विधायक काबीना मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट का टिकट काट कर नये चेहरे रामगढ़ के ब्लाक प्रमुख दान सिंह भंडारी को टिकट देने का जोखिम उठाया, जबकि कांग्रेस ने भी कुछ ऐसी ही राह पर चलते हुए पार्टी के दमदार प्रत्याशियों शेर सिंह नौलिया व पुष्कर मेहरा को ठुकराकर ओखलकांडा की ब्लाक प्रमुख के पति राम सिंह कैड़ा पर दांव आजमाया। भीमताल सीट पर 47,007 पुरुष एवं 39,894 महिलाओं सहित कुल 86,901 मतदाता चुनाव के दौरान भावी विधायक चुनने के लिए भाग्य विधाता की भूमिका में हैं। जातिगत आधार पर बात करें तो क्षेत्र में सर्वाधिक 45 हजार क्षत्रिय व 30 हजार ब्राrाण हैं जिनका वोट इस सीट पर निर्णायक हो सकता है। 12 हजार अनुसूचित तथा अन्य वगरे के मतदाता भी प्रभावी भूमिका में हैं। मुद्दों-समस्याओं की बात करें तो ओखलकांडा जनपद का दूरस्थ और समस्याओं से घिरा क्षेत्र है। गर्मियों के दौरान प्रशासन यहां घोड़े-खच्चरों से पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास करता है। मोबाइल के सिग्नल मिलना भी यहां कठिन होता है। ग्रामीण जीपों में किसी तरह लद कर आवागमन करने को मजबूर हैं। पूरे ब्लाक में स्कूलों में शिक्षक व अस्पतालों में चिकित्सक नहीं मिलते। ऐसे में हरीशताल-लोहाखाम ताल जैसे अनछुए पर्यटन स्थलों की अपार संभावनाओं वाले इस क्षेत्र के लोग किसी बड़े सपने को देखने की स्थिति में भी नहीं हैं।