नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश के नये एवं नौवें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ ने कहा कि वह हर सेवा को भारत देश की सेवा मानते हैं। उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करने को भी वह देश की सेवा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के कानून का पालन करना सुनिश्चित करने और कोई असंवैधानिक गतिविधि न होने देने की जिम्मेदारी मिली है, जिसका वह पूरी शक्ति से पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह केरल से आए हैं, जिसे ‘लैंड ऑफ गॉड’ यानी देवताओं की भूमि कहा जाता है और यह संयोग तथा दोनों राज्यों के बीच समानता है कि उत्तराखंड को भी देवभूमि कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हर स्थान का हर नागरिक बिना किसी दबाव के सही न्याय चाहता है। उनकी कोशिश रहेगी कि उत्तराखंडवासियों को ऐसा ही बिना किसी दबाव के सही न्याय, त्वरित न्याय दिलाएं। उन्होंने बताया कि पहली बार नैनीताल आये हैं और यह स्थान उन्हें केरल के मोनार की तरह बेहद खूबसूरत लगा है। नए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ मूलत: कोच्चि (केरल) के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा केंद्रीय विद्यालय कोच्चि, नई दिल्ली, चेन्नई व एर्नाकुलम में हुई है। उन्होंने अपनी वकालत 12 जनवरी 1082 को प्रारंभ की। केरल उच्च न्यायालय में 1983 से प्रैक्टिस शुरू की। वह केरल हाईकोर्ट के वकीलों के संगठन के स्थायी सदस्य हैं तथा 14 अक्टूबर 2004 में केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
नौवें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति जोसफ
नैनीताल (एसएनबी)। न्यायमूर्ति केएम जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट के नौवें मुख्य न्यायाधीश बन गये हैं। राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने उन्हें शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण करने वाले प्रदेश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक ए. देसाई ने ही नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ली थी जबकि अन्य मुख्य न्यायाधीशों को देहरादून में ही शपथ दिलाई गई थी। बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में न्यायमूर्ति जोसफ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन के साथ हुई। रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से गत 16 जुलाई को केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश केएम जोसफ की नियुक्ति का वारंट पढ़कर सुनाया। इसके बाद राज्यपाल ने न्यायमूर्ति जोसफ को नैनीताल हाईकोर्ट के नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति बीके बिष्ट, न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया, न्यायमूर्ति आलोक सिंह, न्यायमूर्ति सव्रेश कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश इरशाद अहमद, जेसीएस रावत, राजेश टंडन व बीएसवर्मा, विधानसभा अध्यक्ष गोबिंद सिंह कुंजवाल, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, महाधिवक्ता यूके उनियाल, विधायक सरिता आर्या, नगरपालिका अध्यक्ष श्यामनारायण, जिला न्यायाधीश एनएस धानिक, उजाला की निदेशक मीना तिवारी, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, डीजीपी बीएस सिद्धू, कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी, कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी अनंत राम चौहान, डीएम अक्षत गुप्ता, एसएसपी विम्मी सचदेवा रमन, केएमवीएन के एमडी दीपक रावत, कमांडेंट अनन्त शंकर ताकवाले, मुख्य वन संरक्षक एसएस शर्मा व अन्य अधिवक्तागण व अधिकारी उपस्थित थे।
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