नवीन जोशी नैनीताल। उत्तराखंड की राज्य की स्थापना हुए 12 वर्ष हो गए। इन 12 वर्षो में राज्य के साथ ही नैनीताल जनपद उम्र के लिहाज से किशोर वय में पहुंच गया। जनपद की गौला व दाबका नदियों के साथ ही मुख्यालय की सामान्यतया स्थिर रहने वाले नैनी सरोवर से भी न जाने कितना पानी निकल गया है, और इन नदियों से खनन और ताल से न जाने कितने अरब रुपयों का आय उत्पादन हो गया है। इधर जिले में रहने वाले चार महानुभाव मंत्री व एक विधान सभा अध्यक्ष बन गए हैं, बावजूद इस बड़ी अवधि में भी जनपद के पास उम्मीदें तो ढेरों हैं, जबकि उपलब्धियां महज उंगलियों में गिनने लायक। ऐसे में राज्य आंदोलन से जुड़े लोग जहां स्वयं को ठगा बता बता रहे हैं वहीं आम जन भी संतुष्ट नहीं हैं।
अंग्रेजों के दौर से और आजादी के बाद भी कई मायनों में राजधानी देहरादून से भी आगे माने जाने वाली सरोवरनगरी को राज्य बनने से कुछ मिला तो वह राज्य का उच्च न्यायालय है। दूसरे केंद्र सरकार की योजना से ही सही नैनी झील की सेहत में एरियेशन के जरिये कुछ हद तक सुधार हुआ है। इसके बाद यदि नैनीताल नगर ही नहीं जनपद की उपलब्धियां ढूंढी जाऐं तो उन्हें दिमाग पर जोर डालकर ही याद करना पड़ेगा। वहीं अनुपलब्धियों-उम्मीदों की बात करें तो जनपद वासियों द्वारा एक दशक से भी अधिक समय से देखे जा रहे हल्द्वानी में अंतराष्ट्रीय स्टेडियम, आईएसबीटी बनने, नैनीताल व भवाली में बाईपास जैसे कार्य आज भी ख्वाब ही हैं। राज्य बनने के बाद से मुख्यालय में विकास की एक ईट के नाम पर तल्लीताल में बहुउद्देश्यीय भवन का अधर में पड़ा निर्माण मुंह चुराता है, वहीं शहर में अनाधिकृत निर्माणों से कंक्रीट के जंगल खड़े हो गये। मुख्यालय से विकास भवन सहित दर्जनों सरकारी कार्यालय बाहर चले गये। नगर के दोनों फिल्म थियेटर बंद हो गये।
यह हुआ
- उत्तराखंड उच्च न्यायालय बना
- काठगोदाम में सेक्रेटरियेट व रामनगर में भव्य लोनिवि गेस्ट हाउस
- दाबका, कालाढूंगी व काठगोदाम में पुल
- भवाली में उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी-उजाला
- लालकुआ, रामनगर, कोश्यां-कुटौली व धारी तहसीलों का उच्चीकरण
- हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय
- हल्द्वानी नगर निगम का उच्चीकरण
अनचाहे जो हो गया
- मुख्यालय से विकास, वन व जल निगम सहित दर्जनों विभागीय कार्यालय बाहर चले गए
- पुलिस के लिहाज से नैनीताल का परिक्षेत्रीय दर्जा घट गया
- मुख्यालय के दोनों सिनेमा थियेटर बंद हो गये
उम्मीदें जो अभी भी हैं ख्वाब
- हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
- हल्द्वानी में आईएसबीटी
- नैनीताल व भवाली में बाईपास
- मुख्यालय में गरीबों के लिए भवन
- एनएच 87 का टू-लेन में विस्तारीकरण
- कुमाऊं विवि का भीमताल में परिसर
- भवाली में चेस्ट इंस्टिटय़ूट व आयुष ग्राम
- विधि विश्व विद्यालय का निर्माण
- बीडी पांडे जिला चिकित्सालय का जीर्णोद्धार
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