शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

जिम कोर्बेट की यादों से रूबरू होंगे सैलानी

विश्व पर्यटन दिवस पर जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल यात्रा होगी आयोजित
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबंध निदेशक ने ‘जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल’ की एक नई परिकल्पना पेश की है, जिसे 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू किया जा रहा है। इस परिकल्पना के तहत निगम सैलानियों को 950 रुपये में प्रतिदिन प्रसिद्ध अंग्रेज शिकारी जिम कोर्बेट के जन्म स्थान नैनीताल और छोटी हल्द्वानी-कालाढुंगी के बीच उनकी यादों से जुड़े स्थानों की यात्रा कराई जाएगी। निर्धारित शुल्क में ही यात्रियों का आवागमन, विशेषज्ञ गाइड की सुविधा, दिन का भोजन, शाम का नास्ता और संबंधित दर्शनीय स्थलों के प्रवेश शुल्क व अन्य कर आदि शामिल होंगे। निगम के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 27 सितम्बर को सुबह नौ बजे जिम कोर्बेट के प्रयासों से बने मल्लीताल स्थित बैंड स्टैंड से होगी। यहां से यात्रियों को स्विस होटल, कोर्बेट के घर गर्नी हाउस, कोर्बेट द्वारा नैनीताल से कालाढुंगी आने-जाने के लिए प्रयुक्त पैदल रास्ते-पोनी ट्रेल, घटगढ़, अरुंडेल, बौड़ नहर, काब्रेट का फार्म यार्ड व छोटी हल्द्वानी कालाढुंगी स्थित कोर्बेट संग्रहालय, कोर्बेट का मोती हाउस, छोटी हल्द्वानी के बाहर की बाउंड्री वाल, चौपाल व कोर्बेट की सिंगल बैरल की मजल लोडर बंदूक और कोर्बेट फॉल आदि के दर्शन भी कराए जाएंगे।

गुरुवार, 25 सितंबर 2014

आज ही निपटा लें बैंक और दफ्तरों के काम, आगे हफ्ते भर रहेगा आराम


-इस माह के आखिर से अगले पूरे दिन बैंकों में काम न होने की संभावना
नवीन जोशी, नैनीताल। श्राद्ध पक्ष में खरीददारी और बैंकिंग कार्यों से दूर रहने के बाद यदि आप अब अपने ऐसे कार्य अगले सप्ताह निपटाने और नवरात्रि से दिवाली तक के ‘फेस्टिव सीजन’ की शुरुआत करने योजना बनाए हुए हैं, तो संभल जाइए। जान लीजिए कि अगले करीब-करीब पूरे सप्ताह बैंकों में कार्य नहीं होने वाला है। वरन बैंकों के कार्य प्रभावित होने की शुरुआत इसी सप्ताहांत से हो जाएगी। ऐसे में कोशिष करें कि कुछ कार्य आज ही यानी शुक्रवार को और शेष अगले सोमवार को ही निपटा लें।
हालांकि इस बीच बैंकों की कोई हड़ताल जैसे हालात भी नहीं हैं, लेकिन इस शनिवार यानी 27 सितंबर से अगले सप्ताह तक बैंकों में छुट्टियों की झड़ी लगने जा रही है। 27 को सप्ताहांत पर आधे दिन का बैंक होगा, जबकि 28 को रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। आगे सोमवार को बैंक खुलेंगे तो इस बार 30 सितंबर और एक अक्टूबर को दो दिन बैंकों की अर्ध वार्षिक बंदी के कारण बैंक तो खुलेंगे पर उनमें सामान्य वित्तीय लेनदेन का कामकाज नहीं होगा। इस दौरान बैंक कर्मचारी आतंरिक लेखा-जोखा में व्यस्त रहेंगे। इसके बाद दो अक्टूबर को गांधी जयंती और तीन को दशहरा की छुट्टी होगी। चार अक्टूबर को शनिवार के चलते आधे दि नही आंशिक काम होगा और अगले दिन पांच अक्टूबर को रविवार की छुट्टी होगी, उल्लेखनीय है कि रविवार को बकरीद भी है, लिहाजा इसके बदले बैंकों में छह अक्टूबर को भी छुट्टी होने की बात कही जा रही है। इस तरह लगातार सप्ताह भर से अधिक अवधि तक बैंक बंद रहेंगे। बताया गया है कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स भी इससे चिंतित है। संस्था के अध्यक्ष बीसी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इसे बारे में देश भर के व्यापारियों को सर्कुलर जारी कर 29 सितंबर तक सभी जरूरी बैंकिंग लेन-देन कर लेने और पर्याप्त स्टॉक रख लेनेे की सलाह दी है। नगर के तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह ने कहा कि बीते तीन माह बरसात, चार्तुमास और श्राद्ध आदि के कारण शादी, व्याह, धार्मिक आयोजन खनन तथा अन्य खरीददारी की व्यापारिक गतिविधियां ठप रही है। इधर भी पहले ही कलक्ट्रेट व शिक्षा सहित अनेक सरकारी विभागों में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अब तीन माह के बाद धार्मिक आयोजन, शादी-व्याह, खनन तथा अन्य व्यापारिक क्रियाकलाप प्रारंभ होने से व्यापारी कुछ आशान्वित हुए थे, लेकिन लंबी छुट्टियांे से कामकाज के और बुरी तरह प्रभावित होने की उम्मीद है। कोशिष करेंगे कि बीच के दिनों में ही कुछ वित्तीय काम-काज निपटा लिया जाए।

नैनीताल के पैक होने की उम्मीद

नैनीताल। अगले पूरे सप्ताह लंबी छुट्टियों से जहां व्यापारी व आम जन प्रभावित होंगे, वहीं सरोवरनगरी के पर्यटन के लिहाज से पैक होने की उम्मीद है। नगर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की वजह से पहले ही कई प्रमुख होटल इस बीच बंद चल रहे हैं, और अपनी बुकिंग नहीं ले रहे हैं, इस कारण बड़े व अच्छे होटलों में खासकर दो अक्टूबर से लेकर अगले चार दिन की बुकिंग नहीं मिल पा रही हैं। इन होटलों के सभी कमरे अभी से पैक हो गए बताए गए हैं।

सोमवार, 22 सितंबर 2014

उत्तराखंड की नौकरशाही का भगवान ही मालिक : किशोर उपाध्याय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा, अमित शाह नहीं संभाल सकते पूरा देश
कहा, गुजरात के तड़ीपार हैं अमित शाह गैरसैंण में राज्य की राजधानी बनाने का किया समर्थन, राज्य सरकार से वहां पार्टी कार्यालय के लिए जमीन भी मांगी
नैनीताल (एसएनबी)। अपनी ताजपोशी के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का पहली बार सरोवरनगरी आगमन अनेक विवादों को जन्म दे सकता है। यहां उन्होंने जहां कई विवादास्पद टिप्पणियां कीं। वहीं उनके स्वागत में जिस तरह बाहर से आये कार्यकर्ताओं ने अपने नाम के होर्डिग लेकर मुंह दिखाई का प्रदर्शन किया, वह भी अभूतपूर्व रहा। 
नैनीताल क्लब में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत में उपाध्याय ने पहली टिप्पणी प्रदेश की नौकरशाही को लेकर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नौकरशाही का भगवान ही मालिक है। राज्य इन अधिक पढ़-लिखकर आ गए लोगों के लिए नहीं बना है। उन्होंने प्रदेश के सीएम से इन पर लगाम लगाने के लिए कहा। राज्य की राजधानी के मसले पर किशोर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी बनाने के पक्ष में है। पार्टी ने राज्य सरकार से गैरसैंण में अपने प्रदेश मुख्यालय के लिए जमीन दिलाने का आवेदन भी कर दिया है। केदारनाथ में राज्य सरकार द्वारा गौरीकुंड तक सड़क तैयार कर लिए जाने व सब कुछ बेहतर होने का दावा करते हुए किशोर ने 2013 की केदारनाथ आपदा से पूरे प्रदेश को प्रभावित बताने के लिए मीडिया को दोषी ठहराया। उनके शब्द थे, ‘इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया ने केदारनाथ की आपदा को इस तरह दिखाया कि पूरे प्रदेश का पर्यटन प्रभावित हो गया, जबकि आपदा केवल सीमित क्षेत्र में आयी थी।’ पत्रकारों द्वारा यह याद दिलाने पर कि तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने यात्रियों-सैलानियों से प्रदेश में न आने का बयान दिया था, किशोर बगलें झांकते नजर आए। बमुश्किल बोले, यदि ऐसा था तो गलत था। सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा राज्य सरकार की खिंचाई किये जाने के प्रश्न पर किशोर ने कहा कि अपने हितों को जनता के हितों का नाम देकर पेश करना गलत है। सदन में मर्यादित तरीके से ही अपनी बात उठाई जानी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लेकर अपनी टिप्पणी दोहराई। कहा, ‘अमित शाह अपने प्रदेश गुजरात से बाहर किए गए ‘तड़ीपार’ हैं। ऐसा व्यक्ति देश को कैसे संभाल सकता है। संभवतया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई मजबूरी है, जो वह शाह को नजरअंदाज नहीं कर पा रहे हैं।’

सीएम को स्वस्थ होने के लिए दिया जाना चाहिए समय

नैनीताल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय राज्य में अवरुद्ध विकास कायरे के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराते रहे, लेकिन जब वह प्रदेश सरकार के कायरे के सवालों पर घिरे तो बोले, ‘मुख्यमंत्री हरीश रावत घायल हैं, उन्हें स्वस्थ होने का समय दिया जाना चाहिए। हम सभी देवभूमि के वासी हैं, हमें ऐसे संवेदनशील मामलों में बड़ा दिल रखना चाहिए।’

मंगलवार, 2 सितंबर 2014

प्राकृत पर्वताकार रूप में प्रकटीं मां नंदा-सुनंदा


‘जै भगौति नंदा’ के जयकारों से गूंजी सरोवरनगरी सुबह से लेकर तीसरे प्रहर तक होता रहा भजन-कीर्तन एक लाख के करीब श्रद्धालुओं ने नवाए शीश
नैनीताल (एसएनबी)। ‘जै मां जै, जै भगौती नंदा, जै मां ऊंचा कैलाश की’ के जयकारों से सरोवरनगरी मंगलवार को पूरे दिन गुंजायमान रही। सरोवरनगरी नैनीताल एवं आसपास के गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां नंदा-सुनंदा के दर्शन किये। लोगों में अटूट आस्था व श्रद्धा बरसाने वाली मां नंदा-सुनंदा पवित्र कदली वृक्षों से ‘प्राकृत पर्वताकार रूप में’ मंगलवार को सुबह ब्रह्म मूहूर्त में जैसे ही प्रकट हुईं, श्रद्धालुओं के जैकारे से आसमान गूंज गया। फिर तो पूरे दिन के लिए मां के सच्चे दरबार में जैसे भक्तों का रेला उमड़ आया, सुबह से लेकर तीसरे पहर तक भजन-कीर्तन होते रहे और जयकारे लगते रहे। 
मंगलवार सुबह तड़के ब्रrा मूहूर्त में साढ़े तीन बजे से मां नंदा व सुनंदा की कदली वृक्ष से बनाई गई मूर्तियों को मां नयना देवी मंदिर परिसर में बनाए गए पारंपरिक दरबार में रखा गया और प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू हुई। चंदवंशीय राजाओं की काशीपुर शाखा के राजपुरोहित पं. दामोदर जोशी एवं पं. जगदीश लोहनी ने आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष मुकेश जोशी के सपत्नीक यजमानत्व में यह विशेष पूजा-अर्चना आयोजित करवाई। इससे पूर्व रात्रि डेढ़-दो बजे से ही श्रद्धालु मंदिर में जम गए थे। आखिर लगभग दो घंटे के लंबे इंतजार के बाद मां के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये। कुमाऊं के दूर दराज अंचलों से आए छोलिया नर्तक और लोक कलाकार के नैनीताल को संस्कृति की नगरी बना रहे हैं। वहीं मल्लीताल फ्लैट मैदान हाट बाजार और मेले के रूप में नजर आ रहा है, यहां ऊंचे-ऊंचे झूले लगे हुए हैं और उल्लासपूर्ण माहौल बन गया है। हर ओर मां नंदा महोत्सव के साथ धर्म और संस्कृति का उल्लास छाया हुआ है। श्रद्धालुओं के हुजूम नजर आ रहे हैं। आज पहले दिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। बाहर नौकरी-व्यवसाय करने वाले अनेक लोग भी घर लौट आए हैं। मेला लोगों-महिलाओं को मिलने का मौका भी उपलब्ध करा रहा है।


बलि परम्परा को लेकर रहा तनाव

नैनीताल (एसएनबी)। नंदा देवी महोत्सव में बलि की परम्परा पर प्रशासन के रवैये से शहर में तनावपूर्ण स्थिति रही। पुलिस ने बकरों को शहर में ही प्रवेश नहीं करने दिया। इससे श्रद्धालुओं में प्रशासन के प्रति बेहद आक्रोश रहा। हिंदूवादी संगठनों में पुलिस के घेरे को तोड़कर प्रथा को जारी रखने की करीब चार बार कोशिश की। दो बार प्रशासन के रवैये के विरोध में नयना देवी मंदिर के गेट भी बंद कर दिए गए। हिंदूवादी संगठनों ने पहले तड़के तथा फिर नौ बजे मंदिर परिसर में बलि प्रथा का जारी रखने की कोशिश की। नौ बजे कार्यकर्ता मेला क्षेत्र के बीच से एक बकरे को दौड़ाकर मंदिर की ओर बढ़े। गुरुद्वारे के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया और विरोध करने पर मारपीट की गई। इससे आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने मंदिर का गेट बंद कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर पुलिस कर्मियों व एसओजी के सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों ने दो युवकों को कोतवाली पहुंचा दिया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

रविवार, 31 अगस्त 2014

मां नयना की नगरी में कदली रूप में आई मां नंदा-सुनंदा

मूसलाधार बारिश के बीच सैकड़ों महिलाओं, छात्र- छात्राओं ने पारंपरिक वस्त्रों में सजकर कराया नगर भ्रमण
नैनीताल (एसएनबी)। एक वर्ष के लंबे अंतराल और एक-एक दिन गिनने के बाद आखिर वह दिव्य पल आ गए जब राज्य की कुलदेवी मां नंदा और सुनंदा पवित्र कदली (केला) वृक्षों के रूप में मां नयना की नगरी में लौट आईं। अब वह अगले छह दिनों तक एक बेटी के रूप में अपने मायके में रहेंगी। उनके आगमन पर आज नगर के सभी नर-नारी श्रद्धालु हर्षित हो उठे। उनके नगर भ्रमण में सैकड़ों लोगों, खासकर महिलाओं की भीड़ मूसलाधार बारिश के बावजूद पारम्परिक परिधानों में उमड़ी, जबकि बड़ी संख्या में नगरवासियों ने सड़क किनारे और घरों की बुजरें से भी उनके दर्शन करते हुए उनका स्वागत किया। 
रविवार को पवित्र कदली वृक्षों के रूप में मां नंदा-सुनंदा का मंगोली से आकर सबसे पहले सूखाताल में अवतरण हुआ। यहां आदर्श रामलीला कमेटी सूखाताल के सदस्यों, महिलाओं व अन्य श्रद्धालुओं में माता का स्वागत किया, यही सिलसिला कदली दलों के तल्लीताल स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में पहुंचने पर भी चला। दोनों स्थानों पर भंडारे व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। वैष्णव देवी मंदिर समिति के सदस्यों ने कदली वृक्षों की परम्परा के अनुसार पूजा- अर्चना की। यहां से शक्ति स्वरूपा मां नंदा-सुनंदा कदली वृक्षों के रूप में नगर भ्रमण पर निकलीं। तल्लीताल धर्मशाला और बाजार से पारम्परिक रंग्वाली लहंगे-पिछौड़े में सजी माउंट रोज महिला समिति सहित कई संगठनों की पूर्व सभासद मंजू रौतेला, मंजू पाठक, सरस्वती खेतवाल, जीवंती भट्ट, तारा राणा, दया बिष्ट व लीला साह आदि महिलाएं व छात्राएं कुमाऊं के परम्परागत घांघरा व रंग्वाली पिछौड़ा के वस्त्रों में सजकर और मां के रूप में आत्मसात होकर कलश यात्रा में भारी बारिश में तरबतर होते हुए भी भजन-कीर्तनों से साथ चल रही थीं। श्रद्धालु ‘जै मां नंदा सुनंदा तेरी जै जैकारा’ के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। बैंड एवं कुमाऊं के पारम्परिक छोलिया नर्तक, ढोलद माऊ, मशकबीन व नगाड़े की थाप पर लोगों में जोश भर रहे थे। सबसे आगे शांति का प्रतीक धवल ेत तो सबसे पीछे विजय के लिए क्रांति का संदेश देता लाल ध्वज पारंपरिक रूप में चल रहा था। मां नगर भ्रमण करते हुए माल रोड से नैनी सरोवर का चक्कर लगा कर मल्लीताल बाजार पहुचीं, जहां आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा में कुछ देर विश्राम एवं पूजा-अर्चना के पश्चात कदली वृक्षों को मां के आकर्षक मूर्ति रूप में परिवर्तित करने के लिए नयना देवी मंदिर के समीप रख दिया गया। शोभायात्रा में श्रीराम सेवक सभा के संरक्षक गंगा प्रसाद साह, अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव राजेंद्र लाल साह, मुकुल जोशी, कमलेश ढौंढियाल, अनूप शाही, विमल चौधरी, जगदीश बवाड़ी, अजय बिष्ट, देवेंद्र लाल साह व कैलाश जोशी, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, विक्की राठौर व राजेंद्र मनराल सहित सभी सदस्य एवं नगर के बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रही। बच्चों को बारिश की वजह से रोक दिया गया।

बारिश संग मौसम ने कराए दिव्य अनुभव

नैनीताल। माता नंदा के कदली स्वरूप में नगर भ्रमण के अवसर पर मूसलाधार बारिश हुई। इससे पूर्व बीते कुछ दिनों से खिली धूप के बीच महोत्सव के दीप प्रज्वलन के बाद बारिश का सिलसिला चल पड़ा है। उल्लेखनीय है कि बारिश को धार्मिक आयोजनों के बीच बेहद शुभ माना जाता है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब शोभायात्रा के शुरू होते ही मूसलाधार बारिश हुई। इसे श्रद्धालु माता के मायके में पहुंचने के दिव्य अनुभवों से जोड़कर देख रहे हैं।

भावुक हुई महिलाएं

नैनीताल। कालाढूंगी मार्ग स्थित मंगोली के ग्रामीण आज स्वयं को धन्य मान रहे थे। कारण, उनके गांव को इस वर्ष के नंदा महोत्सव के लिए कदली वृक्ष लाने के लिए चयनित किया गया था। इस दौरान गांव में एक ओर जश्न जैसा माहौल था, जो कदली वृक्षों की नैनीताल को विदाई के दौरान बेहद भावुक पलों में बदल गया। कई महिलाएं झूम रही थीं। इससे पूर्व गत रात्रि गांव में चयनित कदली वृक्षों की विशेष पूजा हुई।

यह भी पढ़ें : मां नयना की नगरी में होती है मां नंदा की ‘लोक जात’

::एक्सक्लूसिव::पिछले छह वर्षों की माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियां देखिए 

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

प्रदेश के नये मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ को केरल के मोनार की तरह खूबसूरत लगा नैनीताल

प्रदेश के नये मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ ने कहा हर सेवा राष्ट्र की सेवा
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश के नये एवं नौवें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ ने कहा कि वह हर सेवा को भारत देश की सेवा मानते हैं। उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करने को भी वह देश की सेवा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के कानून का पालन करना सुनिश्चित करने और कोई असंवैधानिक गतिविधि न होने देने की जिम्मेदारी मिली है, जिसका वह पूरी शक्ति से पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह केरल से आए हैं, जिसे ‘लैंड ऑफ गॉड’ यानी देवताओं की भूमि कहा जाता है और यह संयोग तथा दोनों राज्यों के बीच समानता है कि उत्तराखंड को भी देवभूमि कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हर स्थान का हर नागरिक बिना किसी दबाव के सही न्याय चाहता है। उनकी कोशिश रहेगी कि उत्तराखंडवासियों को ऐसा ही बिना किसी दबाव के सही न्याय, त्वरित न्याय दिलाएं। उन्होंने बताया कि पहली बार नैनीताल आये हैं और यह स्थान उन्हें केरल के मोनार की तरह बेहद खूबसूरत लगा है। नए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ मूलत: कोच्चि (केरल) के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा केंद्रीय विद्यालय कोच्चि, नई दिल्ली, चेन्नई व एर्नाकुलम में हुई है। उन्होंने अपनी वकालत 12 जनवरी 1082 को प्रारंभ की। केरल उच्च न्यायालय में 1983 से प्रैक्टिस शुरू की। वह केरल हाईकोर्ट के वकीलों के संगठन के स्थायी सदस्य हैं तथा 14 अक्टूबर 2004 में केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 

नौवें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति जोसफ

राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने दिलाई शपथ
नैनीताल (एसएनबी)। न्यायमूर्ति केएम जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट के नौवें मुख्य न्यायाधीश बन गये हैं। राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने उन्हें शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण करने वाले प्रदेश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक ए. देसाई ने ही नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ली थी जबकि अन्य मुख्य न्यायाधीशों को देहरादून में ही शपथ दिलाई गई थी। बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में न्यायमूर्ति जोसफ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन के साथ हुई। रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से गत 16 जुलाई को केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश केएम जोसफ की नियुक्ति का वारंट पढ़कर सुनाया। इसके बाद राज्यपाल ने न्यायमूर्ति जोसफ को नैनीताल हाईकोर्ट के नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति बीके बिष्ट, न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया, न्यायमूर्ति आलोक सिंह, न्यायमूर्ति सव्रेश कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश इरशाद अहमद, जेसीएस रावत, राजेश टंडन व बीएसवर्मा, विधानसभा अध्यक्ष गोबिंद सिंह कुंजवाल, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, महाधिवक्ता यूके उनियाल, विधायक सरिता आर्या, नगरपालिका अध्यक्ष श्यामनारायण, जिला न्यायाधीश एनएस धानिक, उजाला की निदेशक मीना तिवारी, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, डीजीपी बीएस सिद्धू, कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी, कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी अनंत राम चौहान, डीएम अक्षत गुप्ता, एसएसपी विम्मी सचदेवा रमन, केएमवीएन के एमडी दीपक रावत, कमांडेंट अनन्त शंकर ताकवाले, मुख्य वन संरक्षक एसएस शर्मा व अन्य अधिवक्तागण व अधिकारी उपस्थित थे।


गुरुवार, 24 जुलाई 2014

हफ्ते भर में नौ फीट बढ़ा नैनी झील का जलस्तर


  • 17 जुलाई को जल स्तर था शून्य से नीचे, 
  • 23 जुलाई को पहुंचा 8.7 फीट के स्तर पर, एक इंच खोले गये गेट

नैनीताल (एसएनबी)। नैनी झील पर कुदरत बारिश के रूप में मेहरबान हो ही गई है। बीते एक सप्ताह में नैनी झील का जलस्तर करीब नौ फीट ऊपर चढ़ गया। बुधवार को यह जुलाई माह के लिए निर्धारित साढ़े आठ फीट के स्तर को भी पार कर 8.7 फीट के स्तर पर पहुंच गया और इसके बाद एक वर्ष बाद झील के गेट (डांठ) एक इंच खोल दिए गए हैं। गौरतलब है कि बीती 14 जुलाई से ही नगर में मानसून की बारिश शुरू हो पाई है। इससे पहले झील के किनारे बड़े-बड़े डेल्टा नजर आ रहे थे। नगर में 14 जुलाई को 2.54 मिमी, 15 को 3.81, 16 को 198.12, 17 को 63.5, 18 को 325.12, 19 को 396.24, 20 को 238.76, 21 को 15.24, 22 को 30.48 व आज 23 को 8.89 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। इस तरह इस वर्ष अब तक कुल मिलाकर 2,506.98 मिमी बारिश हो चुकी है। इसके साथ ही झील का जलस्तर बीते 24 घंटों में चार इंच बढ़कर सुबह साढ़े आठ बजे 8.7 फीट पर पहुंच गया। इसके बाद दोपहर साढ़े 11 बजे झील के गेटों को इस वर्ष में पहली बार एक इंच खोल दिया गया। उल्लेखनीय है कि झील के गेट खोलने से झील का पानी बाहर चला जाता है, और इसे आमतौर पर स्थिर पानी वाली नैनी झील का पानी ‘रिफ्रेश’ हो पाता है, और इसे झील के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। इधर बुधवार को भी नगर में रिमझिम बारिश का सिलसिला चलता रहा। मौसम विभाग के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान 23.2 व न्यूनतम 17.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

उत्तराखंड से पहले मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत

नैनीताल (एसएनबी)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बाद मेघालय हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए हैं। इस तरह वह यह दोनों उपलब्धियां हासिल करने वाले उत्तराखंड राज्य के पहले व्यक्ति भी बन गए हैं।
गत वर्ष 18 सितंबर को राष्ट्रपति की स्वीकृति पर न्याय विभाग के संयुक्त सचिव प्रवीण गर्ग की ओर से उन्हें मेघालय हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति का नोटिफिकेशन उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मिला था। इसके बाद वह दिल्ली रवाना हो गए। न्यायमूर्ति पंत उत्तराखंड के पहले निवासी हैं जो किसी प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश बने और अब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीष पद पर उनकी नियुक्ति हुई है। उनसे पूर्व न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल को ही उत्तराखंड हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहने का गौरव प्राप्त हुआ था, जबकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वर्तमान कार्यकारी न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीके बिष्ट भी उत्तराखंड के ही हैं।
मेघालय का मुख्य न्यायाधीष बनने पर उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय बड़े भाई चंद्रशेखर पंत को दिया था। इस मौके पर ष्राष्ट्रीय सहाराष् से बातचीत में न्यायमूर्ति पंत ने कहा कि वह ईमानदारी और निडरता से कार्य करने वाले न्यायाधीशों को ही सफल मानते हैं। पदोन्नति के बजाय मनुष्य के रूप में सफलता ही एक न्यायाधीश और उनकी सफलता है। आज भी वह 1976 में नैनीताल के एटीआई में न्यायिक सेवा शुरू करने के दौरान प्रशिक्षण में मिले उस पाठ को याद रखते हैं, जिसमें कहा गया था कि एक न्यायिक अधिकारी को ‘हिंदू विधवा स्त्री’ की तरह रहते हुए समाज से जुड़ाव नहीं रखना चाहिए। इससे न्याय प्रभावित हो सकता है।

बुधवार, 25 जून 2014

बेड पर लेटकर ही चुनाव लड़ेंगे मुख्यमंत्री हरीश रावत

-विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिह कुंजवाल ने अनौपचारिक बातचीत में दिए संकेत
नवीन जोशी, नैनीताल। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान यानी एम्स दिल्ली में भर्ती प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य की खाली हुई धारचूला सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। खास बात यह होगी कि वह अपने अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए जाना दूर, नामांकन के लिए भी क्षेत्र में नहीं आएंगे। उनके नामांकन की औपचारिकता निर्वाचन अधिकारी एम्स दिल्ली जाकर ही पूरी कराएंगे। मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिह कुंजवाल ने नैनीताल में अनौपचारिक बातचीत में इस बात के साफ संकेत दिए।
मुख्यमंत्री के अस्पताल के बेड से ही चुनाव लड़ने से पार्टी को प्रत्याशी के पक्ष में सहानुभूति के तौर पर अलग से मनोवैज्ञानिक लाभ मिल सकता है। ऐसे में शेष दो सीटें  भी सत्तारूढ़ कांग्रेस को मिल पाएंगी।
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वरिष्ठ काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश को शैडो मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी सोंप कर यह संकेत दे दिए हैं कि अभी उनका काफी वक्त एम्स दिल्ली में ही बीतना तय है। मालूम हो कि विगत दिनों दिल्ली में हैलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान मुख्यमंत्री गले में झटका खाने की वजह से एम्स में भर्ती हैं। अब विस अध्यक्ष कुंजवाल ने जिस तरह के संकेत दिए हैं, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री राज्य में विधानसभा की खाली हुई तीन सीटों के उप चुनावों के लिए नई रणनीति बना चुके हैं। अल्मोड़ा के लिए उन्हें रेखा आर्या के रूप में भाजपा से तोहफे की तरह मजबूत प्रत्याशी मिल चुका है, जबकि धारचूला से चूंकि कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने रणनीति के तहत ही मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली की है, इसलिए धारचूला को कांग्रेस आसान मानकर चल रही है। ऐसे में कांग्रेस और मुख्यमंत्री की कोशिश मुख्यमंत्री को चुनाव ल़ाकर पाटने और बीते लोक सभा चुनाव में मिली पांच-शून्य की करारी हार का बदला चुकाने की भी है।
वहीं कुंजवाल ने केंद्र सरकार के महंगाई बढाने संबंधी कदमों पर बचाव करते हुए कहा कि अभी केंद्र सरकार को काफी कम समय हुआ है, इसलिए वह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आगे अच्छे दिन आएंगे।

हालात के लिए पीएम या सीएम नहीं जनता जिम्मेदार : कुंजवाल



कहा, आजादी के बाद न देश के हालात बदले और न ही राज्य बनने के बाद उत्तराखंड के
नैनीताल (एसएनबी)। अपने बेलाग बोलों के लिए प्रसिद्ध प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने दो टूक कहा कि आजादी के बाद न देश में हालात बदले और ना ही अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में। आजादी के बाद भी देश में अंग्रेजी दौर की और उत्तराखंड में यूपी के दौर की पुरानी व्यवस्था ही कमोबेश लागू रही। उन्होंने मौजूदा बुरे हालातों के लिए राजनीतिज्ञों की जगह जनता को ही अधिक जिम्मेदार बताया। कहा, ‘कोई भी पीएम या सीएम नहीं वरन मतदाता दोषी हैं।’
कुंजवाल बुधवार को कुमाऊं विवि के यूजीसी अकादमिक स्टाफ कालेज में ‘इकानामिक्स, पालिटिक्स एंड सिविल सोसायटी’ विषयक कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जनता अच्छे प्रत्याशियों को वोट नहीं देती और चुनाव में धन व बाहुबल प्रदर्शित करने वाले प्रत्याशियों को पल्रोभन में आकर वोट देती है। ऐसे में सभी प्रत्याशियों को चुनाव में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। उन्होंने कहा, जो प्रत्याशी दो करोड़ रपए खर्च कर विधायक बनेगा, उससे ईमानदारी से कार्य करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। बोले, देश में अच्छे से अच्छा नियम-कानून बनता है तो उसे भी तोड़ने के रास्ते निकाल लिए जाते हैं। आरटीआई और मनरेगा को बहुत अच्छे प्राविधान बताने के साथ ही उन्होंने स्वीकारा कि आज सर्वाधिक भ्रष्टाचार इन्हीं के द्वारा हो रहा है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की भी कार्य को पूरा समय न देने, मोटी तनख्वाह पर हाथ न लगाकर ऊपरी कमाई से ही परिवार चलाने की परिपाटी बनने जैसे मुद्दों को भी छुआ।