गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ावा देगा केएमवीएन


Rashtriya Sahara, 24.04.2015

नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल में पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला केएमवीएन अब कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ाने का कार्य भी करेगा। निगम के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कुमाऊंनी साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि निगम पहले से ही अपने पर्यटक आवास गृहों में आने वाले देश भर के पर्यटकों को अनेक मौकों पर कुमाऊं के लजीज व्यंजन परोसता रहता है, आगे यहां कुमाऊं के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों की कृतियों के जरिए यहां के साहित्य को तथा यहां के परिधान व संस्कृति के अन्य अंगों को सैलानियों के अवलोकन और प्रयोग के लिए रखने पर विचार किया जाएगा। 
भट्ट बृहस्पतिवार (23.04.2015) को टीआरएच सूखाताल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा के बाद कुछ लोगों ने देश भर में उत्तराखंड के असुरक्षित होने का भ्रम फैलाया है। इधर विपक्ष अब भी यह भ्रम जारी रखने का कार्य कर रहा है, जबकि प्रदेश सरकार लगातार इस भ्रम को तोड़ने का कार्य कर रही है। आगे निगम देश भर में प्रदेश के पर्यटन के लिए सुरक्षित होने का प्रचार-प्रसार करेगा। गढ़वाल की तरह कुमाऊं के नानकमत्ता, पूर्णागिरि, रीठा साहिब, चंपावत, हाट कालिका, जागेश्वर, बागेश्वर, बैजनाथ, कोटभ्रामरी व द्योनाई से होते हुए कैंची आदि धार्मिक स्थलों को जोड़कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने, अच्छा कार्य कर रहे नैनीताल, कौसानी व चौकोड़ी के टीआरएच का उच्चीकरण एवं घाटे में चल रहे टीआरएच को उबारने तथा अनछुवे पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर वहां कॉटेज बनाकर स्थानीय युवकों को आवंटित करने आदि की योजनाएं उनके दिमाग में हैं, जिन्हें वह क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे।

बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

नगर पालिका और जिला प्रशासन आमने-सामने, टकराव तय

  • पालिका बोर्ड के अधिकारों में हस्तक्षेप का लगाया आरोप
  • दुर्गापुर में मकानों के आवंटन मामले में हुए हैं एफआईआर के निर्देश 
  • पालिका अध्यक्ष ने कहा, आवंटन में पालिका ने नहीं की कोई गलती 

नैनीताल। जेएनएनयूआरएम व बीएसयूपी योजना के तहत दुर्गापुर में बने भवनों के आवंटन के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के प्रशासन के आदेशों को पालिका अध्यक्ष श्याम नारायण ने गलत बताया है। पालिका अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन नगर पालिका बोर्ड के अधिकारों पर हस्तक्षेप कर रहा है। बीती 27 जनवरी 2015 को कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की अध्यक्षता में जेएनएनयूआरएम व बीएसयूपी योजना के तहत दुर्गापुर में बने भवनों में से दो भवन नगर पालिका द्वारा दो लोगों को दिये जाने को गलत ठहराया गया था तथा इस मामले में झील विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्ट अभियंता सीएम साह को जिला शासकीय अधिवक्ता- फौजदारी से परामर्श कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये गए थे। 

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पालिकाध्यक्ष नारायण ने बैठक के कार्यवृत्त के आधार पर इन आदेशों को नगर की निर्वाचित पालिका बोर्ड के अधिकारों पर हस्तक्षेप बताया है तथा आगे से भवनों के आवंटन से पालिका की भूमिका को समाप्त कर प्रशासन से ही भवनों का आवंटन करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि बैठक के कार्यवृत्त में झील विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में तैयार 53 लोगों की सूची में से भी प्रभावित लोगों को दुर्गापुर में आवास न दिये जाने पर भी सवाल उठाए गए थे। इस मामले में भी पालिकाध्यक्ष नारायण ने कुमाऊं आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि 2008 में बनी डीपीआर भारत सरकार से स्वीकृत है, लिहाजा किसी दूसरी (प्राधिकरण की पुरानी 53 लोगों की) सूची से लोगों को भवन आवंटित नहीं किये जा सकते। वहीं स्वयं द्वारा डीपीआर से इतर दो लोगों, बिहारीलाल पुत्र हरी राम व पूरन सिंह सिजवाली पुत्र हर सिंह के मामलों में सफाई दी है कि इन लोगों के घर पिछले वर्ष बलियानाला में हुए भूस्खलन की चपेट में आकर ध्वस्त हो गए थे तथा उनके पास प्रशासन की ओर से इसी पते पर जारी हुए वर्षो पुराने स्थायी निवास प्रमाणपत्र, भूमि से संबंधित दस्तावेज, जाति प्रमाणपत्र, राशन कार्ड और बैंक की पास बुक आदि दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर ही उन्हें मकान पालिका बोर्ड की सहमति से आवंटित किये गए हैं। वहीं ‘राष्ट्रीय सहारा’ से बातचीत में अध्यक्ष ने कहा, उन्हें लगता है यह मामला पालिका के अधिकारियों को परेशान करने के लिए उठाया गया है जबकि व्यक्तिगत एवं हर स्तर पर उन्हें लगता है कि मामले में पालिका की ओर से कोई भी गलती नहीं की गई है। यदि किसी को कुछ गलत लगता है तो वह आगे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। बहरहाल, पालिकाध्यक्ष के इस लिखित जवाब के बाद मामले में प्रशासन व पालिका के बीच तल्खी और बढ़ने के पूरे आसार बनते दिख रहे हैं।

कार्रवाई करेगा प्रशासन : आयुक्त 

नैनीताल। इस मामले में पालिकाध्यक्ष के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल ने कहा कि अध्यक्ष के पत्र से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। किसी का हक मारकर दूसरे को नियमविरुद्ध आवास आवंटित करना बड़ा अपराध है। जिला शासकीय अधिवक्ता से परामर्श मांगा गया है। जरूरत पड़ने पर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। मामले में 2008 में बनी डीपीआर में नाम जोड़ने की भी जांच कराई जा सकती है।

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2015

भवन-जमीन की धोखाधड़ी पर दर्ज किये जाएंगे मुकदमे

कर लिया गया है मंडलायुक्त की अध्यक्षता में "लैंड फ्रॉड समन्वय समिति" का गठन

नवीन जोशी नैनीताल। सरकारी, गैर सरकारी हर तरह के भवनों और जमीनों पर कब्जा करना और उन्हें फर्जी तरह से खुर्द-बुर्द करना व किसी अन्य के नाम करना अब आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में प्रथमदृष्टया अपराध की पुष्टि होने और पर्याप्त साक्ष्य होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से पुलिस में अभियोग पंजीकृत किये जाएंगे। प्रदेश सरकार के हालिया शासनादेश के तहत कुमाऊं मंडल में भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी-लैंड फ्रॉड समन्वय समिति का गठन कर लिया गया है। कमेटी में मंडलायुक्त के अलावा डीआईजी, झील विकास प्राधिकरण के सचिव, अपर आयुक्त, वन संरक्षक, नगर पालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी सदस्य हैं। समिति की पहली बैठक में कुमाऊं परिक्षेत्र के डीआईजी ने ऐसे सभी मामलों को पुलिस को संदर्भित करने को कहा है, जिनमें प्रथमदृष्टया भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी या अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध खरीद-फरोख्त की गई है।

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समिति की पहली बैठक में कुमाऊं परिक्षेत्र के डीआईजी ने ऐसे सभी मामलों को पुलिस को संदर्भित करने को कहा है, जिनमें प्रथम दृष्टया भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी या अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध खरीद-फरोख्त की गई है। कमेटी ने अपनी पहली बैठक में खटीमा में वन भूमि के दो मामलों में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है, इस कवायद से कुमाऊं मंडल में माफिया संस्कृति पर लगाम लग सकेगी। 
कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की अध्यक्षता में गत दिवस हुई लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की पहली बैठक में खटीमा रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र खेतलसंडा मुस्ताजर की आरक्षित वन भूमि के आवंटन को नियम विरुद्ध बताते हुए डीआईजी कुमाऊं ने अभियोग पंजीकृत करने पर सहमति जताई। इसी तरह चंडीगढ़ निवासी अमृता सिंह की अल्मोड़ा जिले के ग्राम देवीपुर मूल्या स्थित भूमि में उनके परिवार जनों द्वारा धोखाधड़ी से दाखिल खारिज कराने के मामले को भी डीआईजी को अभियोग पंजीकृत करने के लिए संदर्भित कर दिया गया। इसके अलावा समिति के समक्ष पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र में व्यापक स्तर पर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण करने व निर्माणों को बेचने तथा नगर क्षेत्र में सरकारी जमीनों को नजूल भूमि दर्शाकर फ्री-होल्ड कराने की कार्रवाई तथा जमीनों की बिक्री की जा रही है। ऐसे मामलों में वन, राजस्व आदि विभागों का उत्तरदायित्व तय करने एवं आपराधिक पुष्टि होने पर जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करने को कहा गया है। बैठक में तय किया गया है कि भवन-जमीनों संबंधी अभिलेखों में धोखाधड़ी व हेरफेर संबंधी शिकायतों की प्रारंभिक जांच में अपराध की पुष्टि होने और पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से अभियोग पंजीकृत किए जाएंगे।

बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

देश में अग्रणी है उत्तराखंड का राज्य निर्वाचन आयोग

नैनीताल। मुख्य सूचना आयुक्त नृप सिंह नपलच्याल ने बताया कि उत्तराखंड का राज्य निर्वाचन आयोग देश का अग्रणी आयोग है। आयोग अपने पास आई 93 फीसद द्वितीय अपीलों और 98 फीसद शिकायतों का निस्तारण कर चुका है। राज्य में वर्ष 2005 में आरटीआई शुरू होने के बाद से जनवरी माह तक साढ़े चार लाख से अधिक सूचनाओं के आवेदन आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सूचनाएं राजस्व विभाग से संबंधित तथा इसके बाद विद्यालयी शिक्षा एवं गृह विभाग से संबंधित होती हैं। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने में किसी तरह की शिकायत सीधे आयोग को की जा सकती है। शिकायतों पर दोषी को दंडित करने का प्राविधान है। नृप सिंह ने बताया कि सूचना अधिकारियों को सहयोग न करने वाले विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई का प्रावधान है।

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आयोग ने मांगी वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा

नैनीताल। राज्य सूचना आयोग ने सरकार से अपने राज्य कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा देने की मांग की है, ताकि राज्य की जनता को आयोग के समक्ष अपनी बात रखने के लिए देहरादून के चक्कर न लगाने पड़ें। इस तरह अपने जिला मुख्यालय आकर वह आयोग से संवाद कर पाएं। प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त नृप सिंह नपलच्याल ने बताया कि इस बाबत राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है। उन्होंने खुलासा किया कि राज्य की एनडी तिवारी के नेतृत्व वाली सरकार के दौर से सरकार से राज्य निर्वाचन आयोग की दो पीठें अल्मोड़ा व श्रीनगर में गठित करने की मांग की थीं, पर आज तक सरकार से इस पर अनुमोदन न मिलने के बाद आयोग को यह अनुरोध करना पड़ा है। बुधवार को मुख्यालय स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में नपलच्याल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ से वार्ता करते हुए यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सूचना मांगने वालों को धमकी मिलने संबंधी मामलों के लिए सभी डीएम को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग अधिक सूचनाएं मांगे जाने वाले कार्यालयों में सूचना अधिकार के जवाब देने के लिए अलग से पटल स्थापित किए जाने का पक्षधर हैं।

सोमवार, 12 जनवरी 2015

चीन से आगे निकलने को 25 लाख की 'नेग' देगा उत्तराखंड


एक पखवाड़े में ही 22 में से 17 सांगठनिक जिलों में बने 3.75 लाख सदस्य
नैनीताल (एसएनबी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के रथ पर सवार  भाजपा उत्तराखंड में अपनी सदस्य संख्या मौजूदा छह लाख से चार गुना से भी अधिक बढ़ाकर 25 लाख करने की ओर आगे बढ़ रही है। पार्टी के महा सदस्यता अभियान प्रदेश प्रभारी पूर्व काबीना मंत्री बलवंत सिंह भौंर्याल ने खुलासा किया। उन्होने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी को उत्तराखंड में 15 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन प्रदेश के भाजपाइयों ने  प्रधानमंत्री मोदी के भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी 10 करोड़ सदस्यों वाली पार्टी बनाने और चीन से आगे निकलने के लिए इस लक्ष्य को स्वयं ही करीब दो गुना कर 25 लाख की 'नेग' देने का फैसला किया है, तथा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुटे हुए हैं। 25 दिसम्बर को पूर्व पीएम बाजपेयी के जन्मदिन से शुरू हुए अभियान के तहत करीब एक पखवाड़े में ही 3.75 लाख लोगों के पार्टी की सदस्यता दिला दी गई है। 

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भौंर्याल सोमवार (12.01.2015) को मुख्यालय में नैनीताल जनपद की सदस्यता अभियान संबंधी समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आमजन के लिए कायरे का परिणाम है कि बड़ी संख्या में आमजन ही नहीं, कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियों के कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। नैनीताल जनपद को 40 हजार लोगों को संगठन से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से 16 हजार लोग पखवाड़े भर के भीतर ही जुड़ गए हैं। बताया कि मोबाइल फोन से मिस कॉल के जरिए पार्टी से जुड़ने के लिए 31 मार्च तक की समय सीमा तय है, लेकिन प्रदेश में पार्टी ने तय किया है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए 15 फरवरी से ही मोबाइल फोन की सुविधा विहीन दूरस्थ क्षेत्रों में आगामी 15 फरवरी से ही परंपरागत रसीद बुक वाले तरीके से सदस्यता देने की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा, रानीखेत, पिथौरागढ़, डीडीहाट व चंपावत सांगठनिक जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों की समीक्षा तथा सभी जिलों के एक-एक दूरस्थ गांवों में वह स्वयं लोगों को सदस्यता दिला चुके हैं। बैठक में पार्टी जिलाध्यक्ष देवेंद्र ढैला, जिला सदस्यता प्रमुख रघुवर जोशी, विधायक दान सिंह भंडारी, पूर्व काबीना मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट, खीमानंद शर्मा, बालम मेहरा, गोपाल रावत, हेम आर्या, दिनेश आर्या, मनोज साह, हुकुम सिंह कुंवर, ममता पलड़िया, शांति मेहरा, बिमला अधिकारी, भुवन हरबोला, तेज सिंह बिष्ट, संजय कुमार संजू सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। 

अपनी बनाई दूरबीनों से देख सकेंगे चांद-सितारे

नेहरू तारामंडल इलाहाबाद में चल रही है 12 दिवसीय कार्यशाला 
कार्यशाला में दूरबीनों के लेंसों पर एल्युमिनियम की परत चढ़ाने का कार्य एरीज में
नैनीताल (एसएनबी)। केंद्र सरकार की जनता को खगोल विज्ञान से जोड़ने के उद्देश्य से चल रही एक योजना के तहत मूलत: नेहरू तारामंडल इलाहाबाद में बीती पांच से 16 जनवरी तक के लिए एक 12 दिवसीय कार्यशाला चल रही है, जिसमें देशभर के 40 चयनित लोगों को खुद के लिए पांच इंच व्यास की 25 दूरबीनें बनाने का मौका दिया जा रहा है। एक मीटर फोकस दूरी वाली इन ‘न्यूटोनियम डोप्सोनियन’ प्रकार की दूरबीनों से सूर्य, चंद्रमा के अलावा मंगल, बुध, बृहस्पति व उसके चार उपग्रह, शुक्र एवं उसके छह उपग्रहों, शनि तथा उसके उपग्रह टाइटन व अरुण (यूरेनस) आदि ग्रहों और उनके उपग्रहों को देखा जा सकेगा। कार्यशाला के तहत सभी दूरबीनों के लेंसों पर उनकी परावर्तन क्षमता बढ़ाने के लिए एल्युमिनियम की परत चढ़ाने (एल्युमिनियम कोटिंग) का कार्य एरीज में हो रहा है। 

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सोमवार (12.01.2015) को एरीज में कार्यशाला से जुड़े एवं खुद की भी दूरबीन तैयार कर रहे एरीज के विज्ञान केंद्र तथा पब्लिक आउटरीच केंद्र के समन्वयक डा. आरके यादव की अगुआई में आयूका पुणो, नेहरू प्लेनिटोरियम इलाहाबाद व एरीज के लोगों व विशेषज्ञों ने लेंसों पर एल्युमिनियम की परत चढ़ाने का कार्य प्रारंभ किया। यादव ने बताया कि इससे पूर्व प्रतिभागियों ने इलाहाबाद में पांच इंच व्यास के 19 मिमी मोटे लेंसों को सिलिकॉन कार्बाइड से घिसकर उनके केंद्र पर एक मिमी की गहराई युक्त अवतल लेंस के रूप में तैयार किया है। दूरबीनें 18वीं सदी में महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन द्वारा प्रयोग की गई तकनीक पर बनाई जा रही हैं, इसलिए उन्हीं के नाम पर दूरबीन का नाम रखा गया है। आगे लेंसों को वापस इलाहाबाद ले जाकर वहां इन्हें एक खोखली नली में एक और 12 मिमी मोटे लेंस के साथ समायोजित कर दूरबीन का स्वरूप दिया जाएगा। कार्यशाला में केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय का विज्ञान प्रसार संस्थान नोएडा पांच लाख रुपये खर्च कर रहा है। डा. विमान मेंधी, तुषार पुरोहित, उमंग गुप्ता, बीसी पंत, अशोक सिंह, प्रेम कुमार, हरीश आर्या, राजदीप सिंह व बाबू राम आदि इस कार्य में जुटे हुए थे। लेंस से कभी न देखें सूर्य को नैनीताल। आयूका पुणो से आये लेंस निर्माण विशेषज्ञ तुषार पुरोहित ने कहा कि सूर्य को किसी भी प्रकार की, यहां तक कि छोटी बच्चों की दूरबीनों से भी नहीं देखना चाहिए। इससे आंखों की रोशनी जा सकती है। सामान्य कैमरों से सूर्य की फोटो भी नहीं खींचनी चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो लेंसों पर सूर्य से बचाव की फिल्म लगाकर ही सूर्य को देखा जा सकता है। 

रविवार, 11 जनवरी 2015

कभी भी गिर कर हादसे का सबब बन सकते हैं नैनीताल के विरासत महत्व के पुराने घर

बेहद जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंचा मल्लीताल स्थित ओल्ड लन्दन हाउस

नैनीताल (एसएनबबी)। पर्यटन नगरी में तल्लीताल हल्द्वानी रोड, मल्लीताल मोहन को चौराहे एवं पिछाड़ी व जल लाल साह बाजार सहित अनेक पुराने बाजारों में अनेक घर बेहद जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं। इनकी हालत ऐसी है कि कभी भी यह किसी बड़ी जन दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। वहीं छोटे भूकंप जैसी स्थिति में तो नुकसान की कल्पना करनी भी मुश्किल है। 

सोशियल मीडिया पर भी ऐसे घरों के खतरनाक होने पर गंभीर चर्चा चल रही है। इस पर नगर के अनेक लोगों दिनेश महतोलिया, मनोज पांडे, देवेंद्र कोटलिया, केओ बाना, राजीव दुबे, देवेंद्र पटवाल, हरप्रीत खालसा, एलएम कोठियाल व पूरन जोशी आदि ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि प्रशासन मानो किसी दुर्घटना का ही इंतजार कर रहा है। वहीं बताया गया है कि ऐसे अधिकांश घरों पर वैध-अवैध कब्जेदार काबिज हैं। इन घरों के मालिक इसी इंतजार में हैं कि घर खुद-ब-खुद गिरें तो उन्हें कब्जेदारों से मुक्ति मिले, इसी कारण वह इनकी मरम्मत भी नहीं कराते हैं। पूर्व में नगर पालिका ने ऐसे एक-दो घरो को तोड़ने की हिम्मत दिखाई थी। 

कभी भी गिर सकता है डीएसओ कार्यालय का भवन-ऐटन हाउस

आगे से ढही दीवार पर तिरपाल टांगी इस अवस्था में है ऐटन हाउस
नैनीताल (एसएनबबी)। पर्यटन नगरी में केवल निजी ही नहीं, सरकारी विभागों के भवन भी बेहद खतरनाक स्थिति में हैं। तल्लीताल में 100 वर्षों से भी अधिक पुराने अंग्रेजी दौर के ऐटन हाउस में वर्षों से जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) का कार्यालय किराए चल रहा है। इस मामले में भी बताया जाता है कि मकान मालिक डीएसओ से कब्जा छुड़वाना चाहते हैं, इसलिए दशकों से भवन की मरम्मत नहीं हुई है। ऐसे में भवन काफी समय से खुद-ब-खुद गिरता जा रहा है।

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करीब दो वर्ष पूर्व इसके आगे वाले कक्ष का सामने वाला हिस्सा ही गिर गया था, जिसे तिरपाल लगा कर ढका गया है। इसके बाद डीएसओ कार्यालय ने इस कक्ष से अपना सामान अन्य कक्षों में रखवा दिया, लेकिन इसी भवन में कार्यालय चलता रहा। लेकिन इसके बाद भी भवन की कोई मरम्मत नहीं हुई। इधर डीएसओ तेजबल सिंह ने बताया कि कार्यालय के लिए मुख्यालय में किराए पर नए भवन की तलाश की जा रही है। झील विकास प्राधिकरण भवन में एक कक्ष आवंटित हुआ है, लेकिन वह कार्यालय के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में जब तक कार्यालय यहां रहता है, कार्यालय में कार्य करने वाले सरकारी कर्मचारी और कार्यालय में राशन कार्ड बनाने व अन्य कारणों से आने वाले लोगों की जान भगवान भरोसे ही है। 

मंगलवार को होने वाले अधिकांश अग्निकांडों में खाक हुए हैं कई विरासत महत्व के भवन

नैनीताल। इसे दुर्योग कहें या कुछ और, नैनीताल के ऐतिहासिक भवनों और आग का मानो चोली दामन का साथ है, वहीं यह भी अजब संयोग है कि यहां आग की अमंगलकारी घटनाएं अक्सर मंगलवार को होती हैं। उस मंगलवार को, जिसे धार्मिक दृष्टिकोण से पंचतत्वों में अग्नि से जोड़ा जाता है। नैनीताल नगर का नाम 'न" वर्ण से शुरू होने के नाते इस नगर की राशि बृश्चिक है, जिसका स्वामी मंगल होता है। मंगल गृह को लाल गृह, भूमि पुत्र व अंगारक भी कहा जाता है, लिहाजा मंगल का अग्नि से सीधा संबंध बताया जाता है। नैनीताल में मंगल और आग के बीच का यह संबंध अनेक एतिहासिक भवनों में हुए भीषण अग्निकांडों के रूप में दिखाई देता है। नैनीताल जिला कलक्ट्रेट 5 अक्टूबर 2010 एवं राजभवन में 2 अप्रेल 2013 के अग्निकांड मंगलवार को ही हुए थे। गौरतलब है कि मंगल को लाल ग्रह भी कहा जाता है, तथा अग्नि से उसका सीधा संबंध बताया जाता है। 5 अक्टूबर 2010 जिला कलक्ट्रेट को भीषण अग्निकांड का शिकार होना पड़ा था, उस दिन भी मंगल ही था।
इसके अलावा भी नगर में अग्नि दुर्घटनाएं होती रहती हैं। 1960 के दशक में जिम कार्बेट का कैलाश व्यू (हाडी-भांडी), शेरवुड के निकट क्लिफ्टन, 70 के दशक में तत्कालीन सेक्रेटरिएट (वर्तमान हाईकोर्ट), 27 नवंबर 1977 को नैनीताल क्लब, 1992 में डीएसबी परिसर का भौतिक विज्ञान विभाग, 2003 में राजभवन के एक हिस्से, 14 सितंबर 2013 को नयना देवी मंदिर के पास गोवर्धन संकीर्तन हॉल एवं 26 अक्टूबर 2013 की मध्य रात्रि नगर स्थित राजा महमूदाबाद अमीर मोहम्मद खान की प्रशासन के कब्जे वाली अरबों रुपए की 'शत्रु संपत्ति"-मेट्रोपोल होटल का बॉइलर रूम व बैडमिंटन कोर्ट तथा 14 कमरों वाला हिस्सा पूरी तरह खाक हो गया था। इसके अलावा अयारपाटा का प्रायरी लॉज, हटन कॉटेज व वियना लॉज (धामपुर हाउस) में भी भीषण अग्निकांड हुए। 

नैनीताल के समस्त विरासत महत्व के भवनों के बारे में इस लिंक को क्लिक कर के पढ़ें। 

'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट में शामिल होंगे उत्तराखंड के निकाय


नैनीताल (एसएनबी)। गंगा नदी को साफ करने के राष्ट्रव्यापी ‘नमामि गंगे’ प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए उत्तराखंड ने भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास वी षणमुगम ने कहा है कि हरिद्वार से लेकर गंगा की सहायक नदियों अलकनंदा व भागीरथी के तट पर बसे सभी नगर पालिका व नगर पंचायतों का कूड़ा व सीवर गंगा नदी में न जाने पाए, इसके लिए एक विस्तृत डीपीआई तैयार की जा रही है। बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सभी संबंधित नगर निकायों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और ठोस कूड़ा अपशिष्ट निवारण के प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने नैनीताल में एडीबी के माध्यम से दुर्गापुर के 4.47 लाख रुपये की लागत से 96 आवास बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी व नैनीताल में एडीबी द्वारा किए जा रहे अधिकांश कार्य पूर्ण होने की स्थिति में हैं। सितंबर तक सभी कार्य पूर्ण हो जाएंगे। कुछ काम स्वीकृत राशि से भी कम में किए जा रहे हैं। नैनीताल में पेयजल आपूर्ति के लिए जनरेटर लगाने का प्रस्ताव न होने की बात मानते हुए उन्होंने इसके लिए जल संस्थान से वार्ता करने की बात कही।
षणमुगम रविवार (11.01.15) को मुख्यालय में एडीबी सहायतित योजनाओं का मौके पर जाकर जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि नैनीताल में प्रथम फेज के तहत स्वीकृत 39 करोड़ के काम करीब 35 करोड़ में ही पूरे किए जा रहे हैं। चिल्ड्रन पार्क में प्रस्तावित 13 में सात पंपों व एक दो हजार की क्षमता की जगह 2500 एलपीएम आपूत्तर्ि दे रहे टय़ूबवेल ने कार्य करना शुरू कर दिया है। वहीं सूखाताल में 1700 एलपीएम क्षमता के दो टय़ूबवेल व छह पंप सहित पंपिंग स्टेशन बनकर तैयार है। पुराने पंप हाउस में 16 में से 13 पंप लग चुके हैं, वहीं दूसरे फेज के तहत 64 किमी में 47 किमी वितरण लाइन तैयार हो गई है। अब मई और जून माह से 14 हजार घरेलू संयोजनों को जोड़ने का काम शुरू होगा। हल्द्वानी में 20.23 करोड़ की लागत से प्रस्तावित 16 में से नौ ओवरहेड टैंक पूरा होने की स्थिति में हैं और मई तक सभी पूरे हो जाएंगे। 10 किमी मुख्यलाइन में से 8.5 किमी बन चुकी है। इस दौरान डीएससी के टीम लीडर केबी सिंह, पालिका ईओ रोहिताश शर्मा, निर्माण अभियंता जेएस नयाल, प्रोजेक्ट मैनेजर भूपेंद्र कोठारी, संजय कुमार और भूपेश पांगती आदि भी साथ थे। हरिद्वार से अलकनंदा व भागीरथी के तटों पर बसे पहाड़ के सभी नगर पालिका, पंचायतों में कूड़े और सीवर को नदी में न जाने देने के लिए होंगे प्रबं ध नैनीताल-हल्द्वानी में एडीबी के अधिकतर कार्य पूर्ण होने की स्थिति में नैनीताल : रविवार को मल्लीताल चिल्ड्रन पार्क पंप हाउस का जायजा लेते अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास वी षणमुगम।

सोमवार, 5 जनवरी 2015

नैनीताल जू में बढ़ा मुर्दा वन्य जीवों के बुतों का कुनबा


-चार नए बुत आए, कुल संख्या छह हुई
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यालय स्थित उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान की पहचान उच्च हिमालयी क्षेत्रों के वन्य जीवों के लिए होती है, लेकिन भविष्य में कहीं यह मुर्दा वन्य जीवों के लिए ही ना पहचाना जाए। चिड़ियाघर में मुर्दा वन्य जीवों के खास वैज्ञानिक तकनीक-टैक्सीडर्मी विधि से बुत बनाने का लंबा सिलसिला चल पड़ा है। पूर्व में यहां देश के आखिरी बताए गए साइबेरियन टाइगर कुणाल और नैनीताल जू के इकलौते स्नो लैपर्ड के टैक्सीडर्मी बुत बने तो उसे सराहना भी मिली, लेकिन इधर चिड़ियाघर में सोमवार को चार वन्य जीवों के टैक्सीडर्मी बुत पहुंचे हैं। यह बुत यहां पिछले वर्ष २०१३ व २०१४ में मरे हिमालयन भालू, चीड़ फीजेंट, ब्राउन वुड आउल (उल्लू) और लिनेटिड कलीज पक्षियों के हैं। चिड़ियाघर प्रशासन का तर्क है कि यह सभी प्राणी देश के विलुप्तप्राय प्राणियों की श्रेणी-एक के हैं, लिहाजा इनके टैक्सीडर्मी बुत बनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन विभागीय सूत्र ही इससे इंकार कर रहे हैं। बताया गया है कि बीते वर्ष पिथौरागढ़ से लाए गए करीब दो माह के भालू के बच्चे को चिड़ियाघर प्रशासन बचा नहीं पाया। यह भी दिलचश्प है कि भालू के बच्चे का बुत, चिड़ियों के बुतों से छोटा नजर आ रहा है, जबकि कहा जाता है कि टैक्सीडर्मी वास्तविक जीव के कंकाल को ही प्रयोग करके वैज्ञानिक तरीके से बनाए जाते हैं। बताया गया है कि चिड़ियाघर प्रशासन ने मुंबई के संजय गांधी राष्टी्रय पार्क के टैक्सीडर्मी विशेषज्ञ डा. संतोष गायकवाड़ से इन सभी टैक्सीडर्मी बुतों को बनवाया है।

लाखों खर्च पर नहीं मिल रहा सैलानियों को लाभ

नैनीताल। नैनीताल चिड़ियाघर में टैक्सीडर्मी बुतों की संख्या दो से बढ़कर छह हो गई है। इन्हें चिड़ियाघर के सभागार में रखा गया है। बताया गया था कि लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए इन टैक्सीडर्मी बुतों को वन्यजीव प्रेमियों और शोध छात्रों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। लेकिन जबकि पूर्व की दो टैक्सीडर्मियों को यहां रखे करीब दो वर्ष का वक्त बीत गया है, लेकिन कमरे में बंद होने की वजह से यह चिड़ियाघर आने वाले सैलानी इनका अवलोकन नहीं कर पा रहे हैं।
चित्र परिचय: ०५एनटीएल-४: नैनीताल: नैनीताल चिड़ियाघर में सोमवार को पहुंचे चार नए टैक्सीडर्मी, जिसमें चिड़ियों से छोटा दिखता है भालू के बच्चे का बुत।

रविवार, 4 जनवरी 2015

क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन ?

कुमाऊं आयुक्त ने दीं सोलर स्ट्रीट लाइटें, कूड़ा निस्तारण और शौचालय के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विगत वर्ष मुख्यालय में आयोजित जिले के पर्यटन व्यवसायियों की बैठक में दूरस्थ पर्यटन स्थलों को विकसित करने और सैलानियों के लिए ढांचागत पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सीएम की इस पहल से उत्साहित जनपद के पर्यटन स्थल मुक्तेश्वर के पर्यटन व्यवसायियों ने गत दिवस कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल से मिलकर अपनी देखभाल की सहभागिता की पेशकश करते हुए मुक्तेश्वर व निकटवर्ती अन्य पर्यटक स्थलों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाने, कूड़ा निस्तारण का प्रबंध करने और शौचालय का निर्माण कराने का अनुरोध किया। आयुक्त ने डीएम नैनीताल को मामला संदर्भित किया। मामले में पूर्व में जिला पंचायत निधि से मुक्तेश्वर के लिए इन सुविधाओं के लिए धनराशि स्वीकृत होने की बात प्रकाश में आई। लिहाजा डीएम दीपक रावत ने जिला पंचायत से इस बारे में आख्या मांगी है, जबकि जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने पूर्व में स्वीकृत धनराशि से इन कायरे के विभिन्न कारणों से न हो पाने की स्थिति में धनराशि को अन्य कायरे में लगा देने की बात कही है। इससे सीएम की मंशा के पूरे होने और मुक्तेश्वर के दिन बहुरने पर संशय उत्पन्न हो गया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी पेटवाल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ह्यांकी के निर्देशों पर मुक्तेश्वर में शौचालय बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन लोनिवि द्वारा जरूरी मात्रा में भूमि उपलब्ध न करा पाने के कारण उस धनराशि का अन्य कायरे में सदुपयोग कर लिया गया। कहा कि अन्य सुविधाओं के लिए अभी कोई प्रस्ताव या धनराशि उपलब्ध नहीं है। जिला पंचायत बोर्ड की अगली बैठक में ही इस पर चर्चा हो सकती है।

::असर::सोलर लाइट से रोशन होगा मुक्तेश्वर

-जिला पंचायत ने उरेडा को भेजा प्रस्ताव, मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख में लगेंगी पांच सोलर लाइटें
नैनीताल। 'राष्ट्रीय सहारा" ने बीती चार जनवरी को जनपद के मुक्तेश्वर पर्यटन स्थल में सुविधाओं की कमी पर 'क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन" शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका असर हुआ है। जिला पंचायत ने समाचार प्रकाशित होने के उपरांत मुक्तेश्वर के साथ ही इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों, भटेलिया व कसियालेख में एक-एक सहित कुल पांच सोलर लाइटें लगाने का प्रस्ताव उरेडा को प्रेषित कर दिया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने 'राष्ट्रीय सहारा"  को बताया कि जिला पंयायत अध्यक्ष यशोदा प्रसाद की स्वीकृति के क्रम में उन्हीं की १३वें वित्त आयोग की निधि से मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख के लिए पांच सोलर लाइटों की मंजूरी दे दी है। एक सोलर लाइट करीब २० हजार रुपए की होगी, इस प्रकार कुल एक लाख रुपए के खर्च का अनुमान है।