मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

कुमाऊं के 53 नए रूटों पर चलेंगी रोडवेज की बसें, केमू व प्राइवेट ऑपरेटरों को 'ठेंगा"



-रक्त संबंधों के अलावा अन्य परमिट नामांतरणों पर भी आरटीए की 'नां -आरटीए की बैठक में हुए निर्णय, जनता की मांग एवं आरटीओ की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद ही मिलेंगे नए रूट परमिट
-वाहनों में गाने बजाने पर लगाई पाबंदी
नवीन जोशी, नैनीताल। कुमाऊं मंडल के परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने मंडल में राज्य परिवहन निगम (रोडवेज) को 53 नए रूटों पर बस संचालन की अनुमति दे दी है। जबकि कुमाऊं मोटर औनर्स यूनियन यानी केमू तथा अन्य निजी ऑपरेटरों को नए रूटों के लिए परमिट देने एवं पुराने परमिटों के गैर रक्त संबंधों वाले नामांतरण के सैकड़ों मामलों पर आरटीए का रुख पूरी तरह कड़ा और 'नां" की मुद्रा में रहा है। आरटीए ने इस बाबत आए सैकड़ों प्रस्तावों के आरटीओ (संभागीय परिवहन अधिकारी) कार्यालय से बिना उचित होमवर्क के सीधे आरटीए में आने पर नाराजगी जताई तथा आगे जनता की मांग पर ही तथा आरटीओ द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट के उपरांत ही ऐसे मामलों पर सकारात्मक कार्रवाई करने का इरादा जताया। इससे मंडल भर से मुख्यालय आए सैकड़ांे प्राइवेट ऑपरेटरों, बस मालिकों को मायूसी का सामना करना पड़ा। अलबत्ता, उनके लिए राहत की बात रही कि आगे आरटीए की बैठक हर दो माह में तथा अगली बैठक इसी वर्ष  दिसंबर माह के भीतर होगी।
"बुधवार को झील विकास प्राधिकरण सभागार में कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की उपस्थिति में नियमानुसार हर दो माह की जगह दिसंबर 2012 से दो वर्ष के बाद आयोजित हुई आरटीए की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि वाहन परमिट का स्थानान्तरण केवल पारिवारिक सदस्यों में ही होगा, अन्य व्यक्तियों के परमिट बेचने अथवा खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। अन्य व्यक्तियों को परमिट बेचना पाये जाने पर परमिट निरस्त कर दिया जायेगा। एक वर्ष से अधिक समय तक वाहन ना चलाये जाने व परमिट नवीनीकरण न किये जाने पर नया आवेदन प्रस्तुत करना होगा। किसी रूट पर वाहनों की संख्या आदि के बाबत फिजीबलिटी का सर्वे कर तथा जनता की मांग पर ही रूट पर वाहन के परमिट दिये जाएंगे। मंडलायुक्त ने आरटीओ को निर्देश दिये कि वे वाहनों के परमिटों की कड़ाई से नियमित रूटवार चेकिंग करायें। साथ ही निर्णय लिया गया कि डीएम की सर्वे के बाद संस्तुति के उपरांत ही परमिट जारी किये जायेंगे। केमू के वाहनों के रूट विस्तार के बाबत मिले आवेदनों पर निर्णय लिया गया कि आरटीओ व डीएम द्वारा रूटों की सर्वे के उपरांत ही रूट विस्तार दिया जायेगा। केमू को हर सप्ताहके रूट चार्ट को वाहन नंबर सहित तीन दिन पहले आरटीओ कार्यालय में उपलब्ध कराना होगा। इसके बाद संबंधित वाहन न चलता पाए जाने पर वाहन मालिक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कान्टेक्ट कैरेज एक निश्चित स्थान से दूसरे निश्चित स्थान तक ही जायेंगे। रास्ते में सवारियां ढोते हुये पाये जाने पर उनके परमिट निरस्त किये जायेंगे। वाहनों में टेप, सीडी आदि बजाने पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण पावंदी लगा दी गयी है। बैठक में अपर आयुक्त राजीव साह, झीविप्रा के सचिव श्रीश कुमार, आरटीओ एसके सिंह, आरटीए सदस्य मनीष छावड़ा, एआरटीओ गुरदेव सिंह, एजीएम रोडवेज पवन मेहरा व विजय जोशी आदि उपस्थित रहे।  

हल्द्वानी से वाया गौलापार टनकपुर को चलेंगी सात रोडवेज बसें

नैनीताल। आरटीए की बैठक में रोडवेज को जो 53 नए परमिट दिए गए, उनके अनुसार हल्द्वानी से टनकपुर के लिए गौलापार, चोरगलिया के रास्ते रोडवेज की सात नई बसें चला करेंगी। अभी तक इस रूट पर प्राइवेट बसें ही चलती हैं। इनके अलावा रानीखेत से सिमलगांव नैनीताल होते हुए रुद्रपुर के लिए दो, रानीखेत से गनाई, हल्द्वानी होते हुए रुद्रपुर के  लिए दो, भवाली नैनीताल चनौती को दो, भवाली नैनीताल घोड़ाखाल को एक, हल्द्वानी किच्छा टनकपुर को एक, काशीपुर रामनगर रुद्रपुर को दो, रामनगर टनकपुर को एक, लोहाघाट किच्छा टनकपुर हल्द्वानी को तीन, काशीपुर टनकपुर जसपुर को दो, जसपुर नैनीताल रुद्रपुर को दो, हल्द्वानी रुद्रपुर काशीपुर को एक, काशीपुर हल्द्वानी टनकपुर को एक, काशीपुर कालाढुंगी रामनगर नैनीताल को एक, टनकपुर हल्द्वानी को पांच, टनकपुर डीडीहाट को दो, टनकपुर झूलाघाट को दो, टनकपुर बागेश्वर को दो, टनकपुर नैनीताल एक, पिथौरागढ़ नैनीताल हल्द्वानी दो, पिथौरागढ़ टनकपुर काशीपुर चार, लोहाघाट देवीधूरा हल्द्वानी दो, टनकपुर काशीपुर तीन, लोहाघाट पंचेश्वर रुद्रपुर दो नए परमिटों को आज मंजूरी दी गई। जबकि प्राइवेट ऑपरेटरों के ५० इंटरसिटी बस परमिट एवं 98 परमिट ट्रांसफर के आवेदनों में से रक्तसंबंध वाले केवल आठ मामलों को ही बैठक में मंजूरी मिल पाई।

शनिवार, 11 अक्तूबर 2014

अल्मोड़ा में बनेगा नया विवि, हल्द्वानी-पिथौरागढ़ नये कैंपस

कुमाऊं विवि की कार्य परिषद में बनी सहमति अंतिम फैसला राज्य सरकार पर निर्भर 12 नए कालेज, 20 सांध्यकालीन कॉलेज, पांच निजी कॉलेजों एवं 17 नए पाठय़क्रमों को भी मिली मंजूरी
नैनीताल (एसएनबी)। निकट भविष्य में कुमाऊं विवि का अल्मोड़ा परिसर एक अलग स्वतंत्र-टीर्चस एजुकेशन यूनिवर्सिटी और हल्द्वानी व पिथौरागढ़ दो नए परिसर बन सकते हैं। कुमाऊं विवि की कार्य परिषद ने इन पर अपनी सहमति दे दी है। इनमें से हल्द्वानी परिसर कुमाऊं विवि का एवं पिथौरागढ़ परिसर अल्मोड़ा विवि का होगा। इसके साथ ही कार्य परिषद ने प्रो. रजनीश पांडे को कुमाऊं विवि का स्थायी तौर पर परीक्षा नियंत्रक पद पर नियुक्ति देने, कुमाऊं में 12 नए कॉलेज, 20 सांध्यकालीन कॉलेज, पांच निजी कॉलेजों एवं कॉलेजों में 17 नए पाठय़क्रमों को भी मंजूरी दे दी है। शनिवार को कुमाऊं विवि कार्य परिषद की बैठक विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. होशियार सिंह धामी की अध्यक्षता एवं उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं केंद्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य सीरियक जोसफ एवं अन्य सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित हुई। इस बैठक में प्रयोगशाला सहायकों के वेतन ग्रेड संबंधित लंबित मामले को भी स्वीकृति दे दी गई, साथ ही पॉल कॉलेज आफ टेक्नोलॉजी व पाल कॉलेज और नर्सिग, सूरजमल कॉलेज, देवस्थली विद्यापीठ, चाणक्य लॉ कॉलेज व नैंसी कान्वेंट की कुमाऊं विवि से संबद्धता का नवीनीकरण स्वीकृत कर दिया गया। साथ ही कॉलेजों में 17 नए पाठय़क्रमों, सरकार द्वारा खोले गए 12 नए कॉलेजों एवं 20 सांध्यकालीन कॉलेजों को भी स्वीकृति दे दी गई। वहीं सर्वप्रमुख अल्मोड़ा परिसर को नए विवि के रूप में स्वीकृति देते हुए कुलपति प्रो. धामी ने प्रस्ताव रखा कि इसे वर्मा आयोग की इच्छा के अनुरूप शिक्षकों के लिए शिक्षण की सुविधा युक्त विवि के रूप में स्थापित किया जाए। इस बैठक में कुविवि के रजिस्ट्रार दिनेश चंद्रा, डॉ. महेंद्र पाल, अचिंत्यवीर सिंह, प्रकाश पांडे, डॉ. एसडी शर्मा, डॉ. एलएस बिष्ट, जेसी बधानी, डॉ. पीके जोशी, डॉ. अमित जोशी और डॉ. बीडी दानी आदि सदस्य मौजूद रहे। 
गरमाएगी कुमाऊं की राजनीति! 
कुमाऊं विवि की कार्य परिषद ने हालांकि अल्मोड़ा परिसर को नया विवि एवं हल्द्वानी व पिथौरागढ़ कालेजों को नये परिसरों के रूप में स्थापित करने को अपनी स्वीकृति दे दी है, मगर फैसला राज्य सरकार को ही करना है, लिहाजा आगे इस मामले में कुमाऊं की राजनीति के गर्माने से इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि गत दिवस हरमिटेज परिसर में हुए कुमाऊं विवि के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची उच्च शिक्षा मंत्री ने इसी मामले में इशारा किया था कि ऐसे मामलों में कोई फैसला राजनीतिक तौर पर नहीं वरन अकादमिक आधार पर ही लिया जाएगा।