रविवार, 31 अगस्त 2014

मां नयना की नगरी में कदली रूप में आई मां नंदा-सुनंदा

मूसलाधार बारिश के बीच सैकड़ों महिलाओं, छात्र- छात्राओं ने पारंपरिक वस्त्रों में सजकर कराया नगर भ्रमण
नैनीताल (एसएनबी)। एक वर्ष के लंबे अंतराल और एक-एक दिन गिनने के बाद आखिर वह दिव्य पल आ गए जब राज्य की कुलदेवी मां नंदा और सुनंदा पवित्र कदली (केला) वृक्षों के रूप में मां नयना की नगरी में लौट आईं। अब वह अगले छह दिनों तक एक बेटी के रूप में अपने मायके में रहेंगी। उनके आगमन पर आज नगर के सभी नर-नारी श्रद्धालु हर्षित हो उठे। उनके नगर भ्रमण में सैकड़ों लोगों, खासकर महिलाओं की भीड़ मूसलाधार बारिश के बावजूद पारम्परिक परिधानों में उमड़ी, जबकि बड़ी संख्या में नगरवासियों ने सड़क किनारे और घरों की बुजरें से भी उनके दर्शन करते हुए उनका स्वागत किया। 
रविवार को पवित्र कदली वृक्षों के रूप में मां नंदा-सुनंदा का मंगोली से आकर सबसे पहले सूखाताल में अवतरण हुआ। यहां आदर्श रामलीला कमेटी सूखाताल के सदस्यों, महिलाओं व अन्य श्रद्धालुओं में माता का स्वागत किया, यही सिलसिला कदली दलों के तल्लीताल स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में पहुंचने पर भी चला। दोनों स्थानों पर भंडारे व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। वैष्णव देवी मंदिर समिति के सदस्यों ने कदली वृक्षों की परम्परा के अनुसार पूजा- अर्चना की। यहां से शक्ति स्वरूपा मां नंदा-सुनंदा कदली वृक्षों के रूप में नगर भ्रमण पर निकलीं। तल्लीताल धर्मशाला और बाजार से पारम्परिक रंग्वाली लहंगे-पिछौड़े में सजी माउंट रोज महिला समिति सहित कई संगठनों की पूर्व सभासद मंजू रौतेला, मंजू पाठक, सरस्वती खेतवाल, जीवंती भट्ट, तारा राणा, दया बिष्ट व लीला साह आदि महिलाएं व छात्राएं कुमाऊं के परम्परागत घांघरा व रंग्वाली पिछौड़ा के वस्त्रों में सजकर और मां के रूप में आत्मसात होकर कलश यात्रा में भारी बारिश में तरबतर होते हुए भी भजन-कीर्तनों से साथ चल रही थीं। श्रद्धालु ‘जै मां नंदा सुनंदा तेरी जै जैकारा’ के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। बैंड एवं कुमाऊं के पारम्परिक छोलिया नर्तक, ढोलद माऊ, मशकबीन व नगाड़े की थाप पर लोगों में जोश भर रहे थे। सबसे आगे शांति का प्रतीक धवल ेत तो सबसे पीछे विजय के लिए क्रांति का संदेश देता लाल ध्वज पारंपरिक रूप में चल रहा था। मां नगर भ्रमण करते हुए माल रोड से नैनी सरोवर का चक्कर लगा कर मल्लीताल बाजार पहुचीं, जहां आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा में कुछ देर विश्राम एवं पूजा-अर्चना के पश्चात कदली वृक्षों को मां के आकर्षक मूर्ति रूप में परिवर्तित करने के लिए नयना देवी मंदिर के समीप रख दिया गया। शोभायात्रा में श्रीराम सेवक सभा के संरक्षक गंगा प्रसाद साह, अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव राजेंद्र लाल साह, मुकुल जोशी, कमलेश ढौंढियाल, अनूप शाही, विमल चौधरी, जगदीश बवाड़ी, अजय बिष्ट, देवेंद्र लाल साह व कैलाश जोशी, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, विक्की राठौर व राजेंद्र मनराल सहित सभी सदस्य एवं नगर के बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रही। बच्चों को बारिश की वजह से रोक दिया गया।

बारिश संग मौसम ने कराए दिव्य अनुभव

नैनीताल। माता नंदा के कदली स्वरूप में नगर भ्रमण के अवसर पर मूसलाधार बारिश हुई। इससे पूर्व बीते कुछ दिनों से खिली धूप के बीच महोत्सव के दीप प्रज्वलन के बाद बारिश का सिलसिला चल पड़ा है। उल्लेखनीय है कि बारिश को धार्मिक आयोजनों के बीच बेहद शुभ माना जाता है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब शोभायात्रा के शुरू होते ही मूसलाधार बारिश हुई। इसे श्रद्धालु माता के मायके में पहुंचने के दिव्य अनुभवों से जोड़कर देख रहे हैं।

भावुक हुई महिलाएं

नैनीताल। कालाढूंगी मार्ग स्थित मंगोली के ग्रामीण आज स्वयं को धन्य मान रहे थे। कारण, उनके गांव को इस वर्ष के नंदा महोत्सव के लिए कदली वृक्ष लाने के लिए चयनित किया गया था। इस दौरान गांव में एक ओर जश्न जैसा माहौल था, जो कदली वृक्षों की नैनीताल को विदाई के दौरान बेहद भावुक पलों में बदल गया। कई महिलाएं झूम रही थीं। इससे पूर्व गत रात्रि गांव में चयनित कदली वृक्षों की विशेष पूजा हुई।

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::एक्सक्लूसिव::पिछले छह वर्षों की माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियां देखिए 

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

प्रदेश के नये मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ को केरल के मोनार की तरह खूबसूरत लगा नैनीताल

प्रदेश के नये मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ ने कहा हर सेवा राष्ट्र की सेवा
नैनीताल (एसएनबी)। प्रदेश के नये एवं नौवें मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ ने कहा कि वह हर सेवा को भारत देश की सेवा मानते हैं। उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करने को भी वह देश की सेवा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के कानून का पालन करना सुनिश्चित करने और कोई असंवैधानिक गतिविधि न होने देने की जिम्मेदारी मिली है, जिसका वह पूरी शक्ति से पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह केरल से आए हैं, जिसे ‘लैंड ऑफ गॉड’ यानी देवताओं की भूमि कहा जाता है और यह संयोग तथा दोनों राज्यों के बीच समानता है कि उत्तराखंड को भी देवभूमि कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हर स्थान का हर नागरिक बिना किसी दबाव के सही न्याय चाहता है। उनकी कोशिश रहेगी कि उत्तराखंडवासियों को ऐसा ही बिना किसी दबाव के सही न्याय, त्वरित न्याय दिलाएं। उन्होंने बताया कि पहली बार नैनीताल आये हैं और यह स्थान उन्हें केरल के मोनार की तरह बेहद खूबसूरत लगा है। नए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसफ मूलत: कोच्चि (केरल) के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा केंद्रीय विद्यालय कोच्चि, नई दिल्ली, चेन्नई व एर्नाकुलम में हुई है। उन्होंने अपनी वकालत 12 जनवरी 1082 को प्रारंभ की। केरल उच्च न्यायालय में 1983 से प्रैक्टिस शुरू की। वह केरल हाईकोर्ट के वकीलों के संगठन के स्थायी सदस्य हैं तथा 14 अक्टूबर 2004 में केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 

नौवें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति जोसफ

राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने दिलाई शपथ
नैनीताल (एसएनबी)। न्यायमूर्ति केएम जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट के नौवें मुख्य न्यायाधीश बन गये हैं। राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने उन्हें शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति जोसफ नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण करने वाले प्रदेश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक ए. देसाई ने ही नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ ली थी जबकि अन्य मुख्य न्यायाधीशों को देहरादून में ही शपथ दिलाई गई थी। बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में न्यायमूर्ति जोसफ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान की धुन के साथ हुई। रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से गत 16 जुलाई को केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश केएम जोसफ की नियुक्ति का वारंट पढ़कर सुनाया। इसके बाद राज्यपाल ने न्यायमूर्ति जोसफ को नैनीताल हाईकोर्ट के नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति बीके बिष्ट, न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया, न्यायमूर्ति आलोक सिंह, न्यायमूर्ति सव्रेश कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश इरशाद अहमद, जेसीएस रावत, राजेश टंडन व बीएसवर्मा, विधानसभा अध्यक्ष गोबिंद सिंह कुंजवाल, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, महाधिवक्ता यूके उनियाल, विधायक सरिता आर्या, नगरपालिका अध्यक्ष श्यामनारायण, जिला न्यायाधीश एनएस धानिक, उजाला की निदेशक मीना तिवारी, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, डीजीपी बीएस सिद्धू, कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी, कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी अनंत राम चौहान, डीएम अक्षत गुप्ता, एसएसपी विम्मी सचदेवा रमन, केएमवीएन के एमडी दीपक रावत, कमांडेंट अनन्त शंकर ताकवाले, मुख्य वन संरक्षक एसएस शर्मा व अन्य अधिवक्तागण व अधिकारी उपस्थित थे।