गुरुवार, 15 मई 2014

एनडी-उज्ज्वला की शादी को शास्त्र सम्मत नहीं मानते विद्वान


कहा, 75 वर्ष की उम्र से शुरू होता है संन्यास आश्रम, इसके बाद विवाह शास्त्र सम्मत नहीं
नैनीताल (एसएनबी)। लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता एनडी तिवारी के डा. उज्ज्वला शर्मा से विवाह करने के समाचार पर उनके गृह जनपद में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। सामाजिक रूप से जहां तिवारी के साथ अब तक ‘लिव-इन’ संबंधों में रह रही डा. शर्मा के साथ संबंधों को देर से ही सही स्वीकारने और संबंधों को सामाजिक मान्यता दिलाने की प्रशंसा हो रही है, वहीं 86 वर्ष की उम्र में हैदराबाद कांड होने और अब 89 वर्ष की उम्र में युवा रोहित शेखर को लंबी न्यायिक प्रक्रिया के दौरान पुत्र स्वीकारने के बाद उसकी माता को स्वीकारने को लेकर तरह-तरह की चुटकियां भी ली जा रही हैं। फेसबुक सरीखी सोशल साइटों पर इस मामले में पुत्र रोहित शेखर और कांग्रेस के दूसरे दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को शादी के मामले में तिवारी द्वारा पछाड़ने जैसे व्यंग्यों के साथ जमकर कटाक्ष किए जा रहे हैं।
कुमाऊं के चंद वंशीय राजपुरोहित पं. दामोदर जोशी ने कहा कि तिवारी की उम्र विवाह की नहीं सन्यास आश्रम की है। इस उम्र में उन्हें इंद्रियों से संबंधित समस्त मानवीय वृत्तियों का न्यास यानी त्याग करना चाहिए था और त्याग व दान आदि श्रेष्ठ कर्मो के साथ अपने जीवन को ईर तथा देश के लिए समर्पित करना चाहिए था। वहीं आचार्य पं. जगदीश लोहनी का लखनऊ को केंद्र मानकर बने अंतर्राष्ट्रीय भाष्कर पंचांग के आधार पर कहना था कि धर्म शास्त्रों के अनुसार 75 की उम्र के बाद मनुष्य का संन्यास आश्रम शुरू हो जाता है। इस उम्र में विवाह शास्त्र सम्मत नहीं माना गया है। उधर, इस शादी को लेकर उत्तराखंड में दिन भर र्चचाओं का दौर शुरू हो गया है। इस शादी को लेकर एनडी समर्थकों व उनकी निजी जिंदगी की आलोचना करने वाले लोगों के बीच में बहस का विषय बना हुआ है कि क्या इस उम्र में शादी करना सही है। समर्थक व विरोधी दोनों ही अपनी- अपनी दलील दे रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस अनूठी शादी को लेकर आम लोगों में भी गहरी रुचि पैदा हो गयी है। इसके अलावा सोशल साइटों पर भी एनडी-उज्ज्वला को लेकर बहस छिड़ी है और कई कंमेंट्स लिखे जा रहे हैं। कई चुटकियां तो दोनों के भविष्य को लेकर भी हो रही हैं।

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